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Question
कुशलवयोः वंशस्य कर्ता क?
Solution
कुशलवयोः वंशस्य कर्ता सहनदीधितिः।
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कुत्र लवकुशायाः पितुः नाम न व्यवाहियत?
बालभावात् हिमकरः कुत्र विराजते?
कुशलवयोः मातरं वाल्मीकि: केन नाम्ना आह्वयति?
रेखाङ्कितेषु पदेषु विभक्तिं तत्कारणं च उदाहरणानुसार निर्दिशत-
विभक्तिः | तत्कारणम् | |
यथा- राजन! अलम् अतिदाक्षिण्येन। | ______ | ______ |
राम: लवकुशौ आसनार्धम् उपवेशयति। | ______ | ______ |
घिड् माम् एवं भूतम्। | ______ | ______ |
अड्डूब्यवहितम् अध्यास्यतां सिंहासनम्॥ | ______ | ______ |
अलम् अतिविस्तरेण। | ______ | ______ |
रामम् उपसृत्य प्रणम्य चा। | ______ | ______ |
यथानिर्देशम् उत्तरत-
‘किं कुपिता एवं भणति उत प्रकृतिस्था’-अस्मात् वाक्यात् ‘हर्षिता’ इति पदस्य विपरीतार्थकपदं चित्वा लिखत।
यथानिर्देशम् उत्तरत-
विदूषकः (उपसृत्य) ‘आज्ञापयतु भवान्!’ अत्र ‘भवान्’ इति पद कस्मै प्रयुक्तम्?
अधोलिखितानि वाक्यानि कः कं प्रति कथयति-
कः | कम् | |
सव्यवधानं च चारित्रयलोपाय। | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः कं प्रति कथयति-
कः | कम् | |
किं कुपिता एवं भणति, उत प्रकृतिस्था? | ______ | ______ |
अधोलिखितानि वाक्यानि कः कं प्रति कथयति-
कः | कम् | |
जानाम्यहं तस्य नामधेयम्। | ______ | ______ |
मञ्जूषातः पर्यायद्वयं चित्वा पदानां समक्षं लिखत-
शिव:, शिष्टाचार:, शशिः, चन्द्रशेखर:, सुतः, डदानीम्, अधुना, पुत्र:, सूर्य:, सवाचार:, निशाकरः, भानु: |
(क) | हिमकरः | ______ | ______ |
(ख) | सम्प्रति | ______ | ______ |
(ग) | समुदाचारः | ______ | ______ |
(घ) | पशुपति: | ______ | ______ |
(ड) | तनय: | ______ | ______ |
(च) | सहस्रदीधिति: | ______ | ______ |
विशेषण-विशेष्यपदानि योजयत-
विशेषण पदानि | विशेष्य पदानि | ||
यथा-विशेषण पदानि श्लाघ्या | कथा | ||
(1) | उदात्तरम्य: | (क) | समुदाचारः |
(2) | अतिरदीर्घ: | (ख) | स्पर्श: |
(3) | समरूप: | (ग) | कुशलबयो: |
(4) | हृदयग्राही | (घ) | प्रवास: |
(5) | कुमारयो: | (ङ) | कुदु॒म्बवृत्तान्त |
अधोलिखितपदेषु सन्धि कुरुत-
कः + अत्र – ______
अधोलिखितपदेषु सन्धि कुरुत-
इति + आत्मानम् – ______
अधोलिखितपदेषु विच्छेदं कुरुत-
वयोऽनुरोधात् – ______
अधोलिखितपदेषु विच्छेदं कुरुत-
समानाभिजनौ – ______
अधोलिखितं नाट्यांश पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि संस्कृतेन लिखत।
रामः |
अहो! उदात्तरम्यः समुदाचारः। किं नामधेयो भवतोर्गुरुः? |
लवः |
ननु भगवान् वाल्मीकिः। |
रामः |
केन सम्बन्धेन? |
लवः |
उपनयनोपदेशेन। |
रामः |
अहमत्रभवतो: जनकं नामतो वेदितुमिच्छामि। |
लवः |
न हि जानाम्यस्य नामधेयम्। न कश्चिदस्मिन् तपोवने तस्य नाम व्यवहरति। |
रामः |
अहो माहात्म्यम्। |
कुशः |
जानाम्यहं तस्य नामधेयम्। |
रामः |
कथ्यताम्। |
कुशः |
निरनुक्रोशो नाम। |
रामः |
वयस्य, अपूर्वं खलु नामधेयम्। |
विदूषकः |
(विचिन्त्य) एवं तावत् पृच्छामि। निरनुक्रोश इति क एवं भणति? |
कुशः |
अम्बा। |
(i) एकपदेन उत्तरत। (केवलं प्रश्नद्वयम्) 1
(क) लवस्य गुरोः नाम किम्?
(ख) लवकुशयो: गुरो: नाम कः पृच्छति?
(ग) लवस्य पितु: नाम क: जानाति?
(ii) पूर्णवाक्येन उत्तरत। (केवलं प्रश्नद्वयम्) 2
(क) वाल्मीकि: केन सम्बन्धेन लवकुशयो: गुरु: अस्ति?
(ख) कुशः स्वपितु: नाम किम् ज्ञापयति?
(ग) क: लवकुशयो: जनकस्य नाम वेदितुम् इच्छति?
(iii) निर्देशानुसारम् उत्तरत। (केवलं प्रश्नद्वयम्) 2
(क) 'वाल्मीकि:' इति पदस्य विशेषणपदं किम्?
(ख) 'जानामि' इति पदस्य कर्तृपदं किम्?
(ग) 'माता' इति पदस्य पर्यायपदं किं प्रयुक्तम्?