Chapters
Chapter 2: मात्रक और मापन
Chapter 3: सरल रेखा में गति
Chapter 4: समतल में गति
Chapter 5: गति के नियम
Chapter 6: कार्य, ऊर्जा और शक्ति
Chapter 7: कणों के निकाय तथा घूर्णी गति
Chapter 8: गुरुत्वाकर्षण
Chapter 9: ठोसों के यांत्रिक गुण
Chapter 10: तरलों के यांत्रिक गुण
Chapter 11: द्रव्य के तापीय गुण
Chapter 12: ऊष्मागतिकी
Chapter 13: अणुगति सिद्धांत
Chapter 14: दोलन
Chapter 15: तरंगें
![NCERT solutions for Physics Part 1 and 2 Class 11 [भौतिकी भाग १ व २ कक्षा ११ वीं] chapter 2 - मात्रक और मापन NCERT solutions for Physics Part 1 and 2 Class 11 [भौतिकी भाग १ व २ कक्षा ११ वीं] chapter 2 - मात्रक और मापन - Shaalaa.com](/images/physics-part-1-and-2-class-11-bhautiki-bhaaga-1-v-2-kksaa-11-vin_6:33cfbae53013448a9bdad9b4170987d6.jpg)
Chapter 2: मात्रक और मापन
NCERT solutions for Physics Part 1 and 2 Class 11 [भौतिकी भाग १ व २ कक्षा ११ वीं] Chapter 2 मात्रक और मापन अभ्यास [Pages 35 - 38]
रिक्त स्थान भरिए
किसी 1 cm भुजा वाले घन का आयतन______m3 के बराबर है।
किसी 2 cm त्रिज्या व 10 cm ऊंचाई वाले सिलिंडर का पृष्ठ क्षेत्रफल ______(mm)2 बराबर है।
कोई गाड़ी 18 km/h की चाल से चल रही है तो यह 1s में ______m चलती है।
सीसे का आपेक्षिक घनत्व 11.3 है। इसका घनत्व______g cm-3 या______kg m-3 है।
रिक्त स्थानों को मात्रकों के उचित परिवर्तन द्वारा भरिए
`1 "kg" "m"^2 "s"^-2` = ______ `"g" "cm"^2 "s"^-2`
1 m =______ ly
`3.0 "m""s"^-2` = ______`"km""h"^-2`
G = 6.67 x 10-11 Nm2 (kg)-2 =______ (cm)3 s-2 g-1
ऊष्मा (परागमन में ऊर्जा) का मात्रक कैलोरी है और यह लगभग 4.2 J के बराबर है, जहाँ 1 J =1 kg m2 s-2 मान लीजिए कि हम मात्रकों की कोई ऐसी प्रणाली उपयोग करते हैं जिसमें द्रव्यमान का मात्रक α kg के बराबर है, लंबाई का मात्रक β m के बराबर है, समय का मात्रक γs के बराबर है। यह प्रदर्शित कीजिए कि नए मात्रकों के पदों में कैलोरी का परिमाण 4.2 α-1 β-2 γ2 है।
इस कथन की स्पष्ट व्याख्या कीजिए : तुलना के मानक का विशेष उल्लेख किए बिना “किसी विमीय राशि को ‘बड़ा या छोटा कहना अर्थहीन है।” इसे ध्यान में रखते हुए नीचे दिए गए कथनों को जहाँ कहीं भी आवश्यक हो, दूसरे शब्दों में व्यक्त कीजिए:
- परमाणु बहुत छोटे पिण्ड होते हैं।
- जेट वायुयान अत्यधिक गति से चलता है।
- बृहस्पति का द्रव्यमान बहुत ही अधिक है।
- इस कमरे के अंदर वायु में अणुओं की संख्या बहुत अधिक है।
- इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन से बहुत भारी होता है।
- ध्वनि की गति प्रकाश की गति से बहुत ही कम होती है।
लंबाई का कोई ऐसा नया मात्रक चुना गया है जिसके अनुसार निर्वात में प्रकाश की चाल 1 है। लंबाई के नए मात्रक के पदों में सूर्य तथा पृथ्वी के बीच की दूरी कितनी है, प्रकाश इस दूरी को तय करने में 8 min और 20 s लगाता है।
लंबाई मापने के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे परिशुद्ध यंत्र है:
- एक वर्नियर केलिपर्स जिसके वर्नियर पैमाने पर 20 विभाजन हैं।
- एक स्क्रूगेज जिसका चूड़ी अंतराल 1 mm और वृत्तीय पैमाने पर 100 विभाजन हैं।
- कोई प्रकाशिक यंत्र जो प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की सीमा के अंदर लंबाई माप सकता है।
कोई छात्र 100 आवर्धन के एक सूक्ष्मदर्शी के द्वारा देखकर मनुष्य के बाल की मोटाई मापता है। वह 20 बार प्रेक्षण करता है और उसे ज्ञात होता है कि सूक्ष्मदर्शी के दृश्य क्षेत्र में बाल की औसत मोटाई 3.5 mm है। बाल की मोटाई का अनुमान क्या है?
निम्नलिखित के उत्तर दीजिए:
आपको एक धागा और मीटर पैमाना दिया जाता है। आप धागे के व्यास का अनुमान किस प्रकार लगाएँगे?
एक स्क्रूगेज का चूड़ी अंतराल 1.0 mm है और उसके वृत्तीय पैमाने पर 200 विभाजन हैं। क्या आप यह सोचते हैं कि वृत्तीय पैमाने पर विभाजनों की संख्या स्वेच्छा से बढ़ा देने पर स्क्रूगेज की यथार्थता में वृद्धि करना संभव है?
वर्नियर केलिपर्स द्वारा पीतल की किसी पतली छड़ का माध्य व्यास मापा जाना है। केवल 5 मापनों के समुच्चय की तुलना में व्यास के 100 मापनों के समुच्चय के द्वारा अधिक विश्वसनीय अनुमान प्राप्त होने की संभावना क्यों है?
किसी मकान का फोटोग्राफ 35 mm स्लाइड पर 1.75 cm 2 क्षेत्र घेरता है। स्लाइड को किसी स्क्रीन पर प्रक्षेपित किया जाता है और स्क्रीन पर मकान का क्षेत्रफल 1.55 m2 है। प्रक्षेपित्र-परदा व्यवस्था का रेखीय आवर्धन क्या है?
निम्नलिखित में सार्थक अंक की संख्या लिखिए-
0.007 m2
निम्नलिखित में सार्थक अंक की संख्या लिखिए-
2.64 x 1024 kg
निम्नलिखित में सार्थक अंक की संख्या लिखिए-
0.2370 cm-3
निम्नलिखित में सार्थक अंक की संख्या लिखिए-
6.320 J
निम्नलिखित में सार्थक अंक की संख्या लिखिए-
6.032 Nm-2
निम्नलिखित में सार्थक अंक की संख्या लिखिए-
0.0006032 m2
धातु की किसी आयताकार शीट की लंबाई, चौड़ाई व मोटाई क्रमशः 4,234 m, 1.005 m व 2.01 cm है। उचित सार्थक अंकों तक इस शीट का पृष्ठीय क्षेत्रफल व आयतन ज्ञात कीजिए।
पंसारी की तुला द्वारा मापे गए डिब्बे का द्रव्यमान 2.30 kg है। सोने के दो टुकड़े जिनका द्रव्यमान क्रमशः 20.15 g व 20.17 g है, डिब्बे में रखे जाते हैं-
- डिब्बे का कुल द्रव्यमान कितना है,
- उचित सार्थक अंकों तक टुकड़ों के द्रव्यमानों में कितना अंतर है?
कोई भौतिक राशि P, चार प्रेक्षण-योग्य राशियों a, b,c तथा d से इस प्रकार संबंधित है:
`"P" = ("a"^3"b"^2)/((sqrtc d))`
a, b, c तथा d के मापने में प्रतिशत त्रुटिया क्रमशः 1%, 3%, 4% तथा 2% हैं। राशि P में प्रतिशत त्रुटि कितनी है? यदि उपर्युक्त संबंध का उपयोग करके P का परिकलित मान 3. 763 आता है तो आप परिणाम का किस मान तक निकटन करेंगे?
किसी पुस्तक में, जिसमें छपाई की अनेक त्रुटियाँ हैं, आवर्त गति कर रहे किसी कण के विस्थापन के चार भिन्न सूत्र दिए गए हैं:
- y = a sin 2π t/T
- y = a sin vt
- y = a/T sin t/a
- `"y" = ("a"sqrt2)`(sin 2π t/T + cos 2π t/T )
(a = कण का अधिकतम विस्थापन, ν = कण की चाल, T = गति का आवर्तकाल)।
विमीय आधारों पर गलत सूत्रों को निकाल दीजिए।
भौतिकी का एक प्रसिद्ध संबंध किसी कण के चल द्रव्यमान (moving mass) m, 'विराम द्रव्यमान (rest mass) m0', इसकी चाल ν और प्रकाश c की चाल के बीच है। (यह संबंध सबसे पहले अल्बर्ट आईंस्टाइन के विशेष आपेक्षिकता के सिद्धांत के परिणामस्वरूप उत्पन्न हुआ था।) कोई छात्र इस संबंध को लगभग सही याद करता है। लेकिन स्थिरांक c को लगाना भूल जाता है। वह लिखता है:
`"m" = "m"_0/(1-"v"^2)^(1/2)`।
अनुमान लगाइए कि c कहाँ लगेगा?
परमाण्विक पैमाने पर लंबाई का सुविधाजनक मात्रक एंगस्ट्रम है और इसे
`Å: 1Å = 10^-10 "m"`
द्वारा निर्दिष्ट किया जाता है। हाइड्रोजन के परमाणु का आमाप लगभग 0.5 Å है। हाइड्रोजन परमाणुओं के एक मोल का m3 में कुल आण्विक आयतन कितना होगा?
किसी आदर्श गैस का एक मोल (ग्राम अणुक) मानक ताप व दाब पर 22.4 L आयतन (ग्राम अणुक आयतन) घेरता है। हाइड्रोजन के ग्राम अणुक आयतन तथा उसके एक मोल के परमाण्विक आयतन का अनुपात क्या है? (हाइड्रोजन के अणु की आमाप लगभग `1dot"A" "मानिए"`)। यह अनुपात इतना अधिक क्यों है?
इस सामान्य प्रेक्षण की स्पष्ट व्याख्या कीजिए : यदि आप तीव्र गति से गतिमान किसी रेलगाड़ी की खिड़की से बाहर देखें तो समीप के पेड़, मकान आदि रेलगाड़ी की गति की विपरीत दिशा में तेजी से गति करते प्रतीत होते हैं, परन्तु दूरस्थ पिण्ड (पहाड़ियाँ, चंद्रमा, तारे आदि) स्थिर प्रतीत होते हैं। (वास्तव में क्योंकि आपको ज्ञात है कि आप चल रहे हैं, इसलिए ये दूरस्थ वस्तुएँ आपको अपने साथ चलती हुई प्रतीत होती हैं।)
समीपी तारों की दूरियाँ ज्ञात करने के लिए लंबन के सिद्धांत का प्रयोग किया जाता है। सूर्य के परितः अपनी कक्षा में छः महीनों के अन्तराल पर पृथ्वी की अपनी, दो स्थानों को मिलाने वाली, आधार रेखा AB है। अर्थात आधार रेखा पृथ्वी की कक्षा के व्यास ≈ 3x 1011 m के लगभग बराबर है। लेकिन चूंकि निकटतम तारे भी इतने अधिक दूर हैं कि इतनी लंबी आधार रेखा होने पर भी वे चाप के केवल 1″ (सेकंड, चाप का) की कोटि का लंबन प्रदर्शित करते हैं। खगोलीय पैमाने पर लंबाई का सुविधाजनक मात्रक पारसेक है। यह किसी पिण्ड की वह दूरी है जो पृथ्वी से सूर्य तक की दूरी के बराबर आधार रेखा के दो विपरीत किनारों से चाप के 1′ का लंबन प्रदर्शित करती है। मीटरों में एक पारसेक कितना होता है?
हमारे सौर परिवार से निकटतम तारा 4.29 प्रकाश वर्ष दूर है। पारसेक में यह दूरी कितनी है? यह तारा (ऐल्फा सेटौरी नामक) तब कितना लम्बन प्रदर्शित करेगा जब इसे सूर्य के परितः अपनी कक्षा में पृथ्वी के दो स्थानों से जो छः महीने के अन्तराल पर हैं, देखा, जाएगा?
भौतिक राशियों का परिशुद्ध मापन विज्ञान की आवश्यकताएँ हैं। उदाहरण के लिए, किसी शत्रु के लड़ाकू जहाज की चाल सुनिश्चित करने के लिए बहुत ही छोटे समय-अंतरालों पर इसकी स्थिति का पता लगाने की कोई यथार्थ विधि होनी चाहिए। द्वितीय विश्व युद्ध में रेडार की खोज के पीछे वास्तविक प्रयोजन यही था। आधुनिक विज्ञानं के उन भिन्न उदाहरणों को सोचिए जिनमें लंबाई, समय, द्रव्यमान आदि के परिशुद्ध मापन की आवश्यकता होती है। अन्य जिस किसी विषय में भी आप बता सकते हैं, परिशुद्धता की मात्रात्मक धारणा दीजिए।
जिस प्रकार विज्ञान में परिशुद्ध मापन आवश्यक है, उसी प्रकार अल्पविकसित विचारों तथा सामान्य प्रेक्षणों को उपयोग करने वाली राशियों के स्थूल आकलन कर सकना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। उस उपाय को सोचिए जिनके द्वारा आप निम्नलिखित का अनुमान लगा सकते हैं-(जहाँ अनुमान लगाना कठिन है वहाँ राशि की उपरिसीमा पता लगाने का प्रयास कीजिए)।
मानसून की अवधि में भारत के ऊपर वर्षाधारी मेघों का कुल द्रव्यमान।
जिस प्रकार विज्ञान में परिशुद्ध मापन आवश्यक है, उसी प्रकार अल्पविकसित विचारों तथा सामान्य प्रेक्षणों को उपयोग करने वाली राशियों के स्थूल आकलन कर सकना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। उस उपाय को सोचिए जिनके द्वारा आप निम्नलिखित का अनुमान लगा सकते हैं-(जहाँ अनुमान लगाना कठिन है वहाँ राशि की उपरिसीमा पता लगाने का प्रयास कीजिए)।
किसी हाथी का द्रव्यमान।
जिस प्रकार विज्ञान में परिशुद्ध मापन आवश्यक है, उसी प्रकार अल्पविकसित विचारों तथा सामान्य प्रेक्षणों को उपयोग करने वाली राशियों के स्थूल आकलन कर सकना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। उस उपाय को सोचिए जिनके द्वारा आप निम्नलिखित का अनुमान लगा सकते हैं-(जहाँ अनुमान लगाना कठिन है वहाँ राशि की उपरिसीमा पता लगाने का प्रयास कीजिए)।
किसी तूफान की अवधि में वायु की चाल।
जिस प्रकार विज्ञान में परिशुद्ध मापन आवश्यक है, उसी प्रकार अल्पविकसित विचारों तथा सामान्य प्रेक्षणों को उपयोग करने वाली राशियों के स्थूल आकलन कर सकना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। उस उपाय को सोचिए जिनके द्वारा आप निम्नलिखित का अनुमान लगा सकते हैं-(जहाँ अनुमान लगाना कठिन है वहाँ राशि की उपरिसीमा पता लगाने का प्रयास कीजिए)।
आपके सिर के बालों की संख्या।
जिस प्रकार विज्ञान में परिशुद्ध मापन आवश्यक है, उसी प्रकार अल्पविकसित विचारों तथा सामान्य प्रेक्षणों को उपयोग करने वाली राशियों के स्थूल आकलन कर सकना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है। उस उपाय को सोचिए जिनके द्वारा आप निम्नलिखित का अनुमान लगा सकते हैं-(जहाँ अनुमान लगाना कठिन है वहाँ राशि की उपरिसीमा पता लगाने का प्रयास कीजिए)
आपकी कक्षा के कमरे में वायु के अणुओं की संख्या।
सूर्य एक ऊष्म प्लैज्मा (आयनीकृत पदार्थ) है जिसके आन्तरिक क्रोड का ताप 107K से अधिक और बाह्य पृष्ठ का ताप लगभग 6000 K है। इतने अधिक ताप पर कोई भी पदार्थ ठोस या तरल प्रावस्था में नहीं रह सकता। आपको सूर्य का द्रव्यमान घनत्व किस परिसर में होने की आशा है? क्या यह ठोसों, तरलों या गैसों के घनत्वों के परिसर में है? क्या आपका अनुमान सही है, इसकी जाँच आप निम्नलिखित आँकड़ों के आधार पर कर सकते हैं- सूर्य का द्रव्यमान = 2.0 × 1030 kg सूर्य की त्रिज्या = 7.0 × 108 m.
जब बृहस्पति ग्रह पृथ्वी से 8247 लाख किलोमीटर दूर होता है तो इसके व्यास की कोणीय माप 35.72" का चाप है। बृहस्पति का व्यास परिकलित कीजिए।
अतिरिक्त अभ्यास
वर्षा के समय में कोई व्यक्ति चाल ν के साथ तेजी से चला जा रहा है। उसे अपने छाते को टेढ़ा करके ऊर्ध्व के साथ θ कोण बनाना पड़ता है। कोई विद्यार्थी कोण θ व ν के बीच निम्नलिखित सम्बन्ध व्युत्पन्न करता है:
tan θ = ν
और वह इस संबंध के औचित्य की सीमा पता लगाता है: जैसी कि आशा की जाती है। यदि ν→0 तो θ →0 (हम यह मान रहे हैं कि तेज हवा नहीं चल रही है और किसी खड़े व्यक्ति के लिए वर्षा ऊध्वधरतः पड़ रही है)। क्या आप सोचते हैं कि यह संबंध सही हो सकता है? यदि ऐसा नहीं है तो सही संबंध का अनुमान लगाइए।
यह दावा किया जाता है कि यदि बिना किसी बाधा के 100 वर्षों तक दो सीजियम घड़ियों को चलने दिया जाए तो उनके समयों में केवल 0.02 s का अंतर हो सकता है। मानक सीजियम घड़ी द्वारा 1s के समय अंतराल को मापने में यथार्थता के लिए इसका क्या अभिप्राय है?
एक सोडियम परमाणु का आमाप लगभग 2.5 Å मानते हुए उसके माध्य द्रव्यमान घनत्व का अनुमान लगाइए। (सोडियम के परमाण्वीय द्रव्यमान तथा आवोगाद्रो संख्या के ज्ञात मान का प्रयोग कीजिए)। इस घनत्व की क्रिस्टलीय प्रावस्था में सोडियम के घनत्व 970 kg m-3 के साथ तुलना कीजिए। क्या इन दोनों घनत्वों के परिमाण की कोटि समान है? यदि हाँ, तो क्यों?
नाभिकीय पैमाने पर लंबाई का सुविधाजनक मात्रक फर्मी है: (1f = 10-15 m)। नाभिकीय आमाप लगभग निम्नलिखित आनुभविक संबंध का पालन करते हैं:
r =r0 A1/3
जहाँ r नाभिक की त्रिज्या, A इसकी द्रव्यमान संख्या और r0, कोई स्थिरांक है जो लगभग 1.2 f के बराबर है। यह प्रदर्शित कीजिए कि इस नियम का अर्थ है कि विभिन्न नाभिकों के लिए नाभिकीय द्रव्यमान घनत्व लगभग स्थिर है। सोडियम नाभिक के द्रव्यमान घनत्व का आकलन कीजिए। प्रश्न 2.27 में ज्ञात किए गए सोडियम परमाणु के माध्य द्रव्यमान घनत्व के साथ इसकी तुलना कीजिए।
लेसर (LASER), प्रकाश के अत्यधिक तीव्र, एकवर्णी तथा एकदिश किरण-पुंज का स्रोत है। लेसर के इन गुणों का लंबी दूरियाँ मापने में उपयोग किया जाता है। लेसर को प्रकाश के स्रोत के रूप में उपयोग करते हुए पहले ही चंद्रमा की पृथ्वी से दूरी परिशुद्धता के साथ ज्ञात की जा चुकी है। कोई लेसर प्रकाश किरण-पुंज चंद्रमा के पृष्ठ से परावर्तित होकर 2.56 s में वापस आ जाता है। पृथ्वी के परितः चंद्रमा की कक्षा की त्रिज्या कितनी है?
जल के नीचे वस्तुओं को ढूंढने व उनके स्थान का पता लगाने के लिए सोनार (SONAR) में पराश्रव्य तरंगों का प्रयोग होता है। कोई पनडुब्बी सोनार से सुसज्जित है। इसके द्वारा जनित अन्वेषी तरंग और शत्रु की पनडुब्बी से परावर्तित इसकी प्रतिध्वनि की प्राप्ति के बीच काल विलंब 77.0 s है। शत्रु की पनडुब्बी कितनी दूर है? (जल में ध्वनि की चाल = 1450 m s-1)
हमारे विश्व में आधुनिक खगोलविदों द्वारा खोजे गए सर्वाधिक दूरस्थ पिण्ड इतनी दूर हैं। कि उनके द्वारा उत्सर्जित प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में अरबों वर्ष लगते हैं। इन पिण्डों (जिन्हें क्वासर Quasar’ कहा जाता है) के कई रहस्यमय लक्षण हैं जिनकी अभी तक सन्तोषजनक व्याख्या नहीं की जा सकी है। किसी ऐसे क्वासर की km में दूरी ज्ञात कीजिए जिससे उत्सर्जित प्रकाश को हम तक पहुँचने में 300 करोड़ वर्ष लगते हों।
यह एक विख्यात तथ्य है कि पूर्ण सूर्यग्रहण की अवधि में चंद्रमा की चक्रिका सूर्य की चक्रिका को पूरी तरह ढक लेती है। चंद्रमा का लगभग व्यास ज्ञात कीजिए।
(पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी = 3.84 × 108 m सूर्य का कोणीय व्यास = 1920′ )
इस शताब्दी के एक महान भौतिकविद् (पी. ए. एम. डिरैक) प्रकृति के मूल स्थिरांकों (नियतांकों) के आंकिक मानों के साथ क्रीड़ा में आनन्द लेते थे। इससे उन्होंने एक बहुत ही रोचक प्रेक्षण किया। परमाणवीय भौतिकी के मूल नियतांकों (जैसे इलेक्ट्रॉन का द्रव्यमान, प्रोटॉन का द्रव्यमान तथा गुरुत्वीय नियतांक G) से उन्हें पता लगा कि वे एक ऐसी संख्या पर पहुँच गए हैं जिसकी विमा समय की विमा है। साथ ही, यह एक बहुत ही बड़ी संख्या थी और इसका परिमाण विश्व की वर्तमान आकलित आयु (~1500 करोड़ वर्ष) के करीब है। इस पुस्तक में दी गई मूल नियतांकों की सारणी के आधार पर यह देखने का प्रयास कीजिए कि क्या आप भी यह संख्या (या और कोई अन्य रोचक संख्या जिसे आप सोच सकते हैं) बना, सकते हैं? यदि विश्व की आयु तथा इस संख्या में समानता महत्त्वपूर्ण है तो मूल नियतांकों की स्थिरता किस प्रकार प्रभावित होगी?
Chapter 2: मात्रक और मापन
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NCERT solutions for Physics Part 1 and 2 Class 11 [भौतिकी भाग १ व २ कक्षा ११ वीं] chapter 2 - मात्रक और मापन
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