Chapters
Chapter 2: तुलसीदास - राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद
Chapter 3: देव - सवैया और कवित्त
Chapter 4: जयशंकर प्रसाद - आत्मकथ्य
Chapter 5: सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' - उत्साह और अट नहीं रही है
Chapter 6: नागार्जुन - यह दंतुरहित मुस्कान और फसल
Chapter 7: गिरिजाकुमार माथुर - छाया मत छूना
Chapter 8: ऋतुराज - कन्यादान
Chapter 9: मंगलेश डबराल - संगतकार
Chapter 10: स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा
Chapter 11: रामवृक्ष बेनीपुरी - बालगोबिन भगत
Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़
Chapter 13: सर्वेश्वर दयाल सक्सेना - मानवीय करुणा की दिव्या चमक
Chapter 14: मन्नू भंडारी - एक कहानी यह भी
Chapter 15: महावीरप्रसाद द्विवेदी - स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
Chapter 16: यतींद्र मिश्र - नौबतखाने में इबादत
Chapter 17: भदंत आनंद कौसल्यायन - संस्कृति

Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़
NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 CBSE Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़ प्रश्न-अभ्यास, रचना और अभिव्यक्ति, भाषा-अध्ययन [Pages 80 - 81]
लेखक को नवाब साहब के किन हाव-भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं?
नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक-मिर्च बुरका, अंतत: सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है?
बिना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है। यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं?
आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे?
नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
किन-किन चीज़ों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं?
खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।
क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है? यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।
निम्नलिखित वाक्यों में से क्रियापद छाँटकर क्रिया-भेद भी लिखिए -
(क) एक सफ़ेदपोश सज्जन बहुत सुविधा से पालथी मारे बैठे थे।
(ख) नवाब साहब ने संगति के लिए उत्साह नहीं दिखाया।
(ग) ठाली बैठे, कल्पना करते रहने की पुरानी आदत है।
(घ) अकेले सफ़र का वक्त काटने के लिए ही खीरे खरीदे होंगे।
(ङ) दोनों खीरों के सिर काटे और उन्हें गोदकर झाग निकाला।
(च) नवाब साहब ने सतृष्ण आँखों से नमक-मिर्च के संयोग से चमकती खीरे की फाँकों की ओर देखा।
(छ) नवाब साहब खीरे की तैयारी और इस्तेमाल से थककर लेट गए।
(ज) जेब से चाकू निकाला।
NCERT solutions for Hindi - Kshitij Part 2 Class 10 CBSE Chapter 12 यशपाल - लखनवी अंदाज़ अतिरिक्त प्रश्न
‘लखनवी अंदाज़’ पाठ के आधार पर बताइए कि लेखक यशपाल ने यात्रा करने के लिए सेकंड क्लास का टिकट क्यों खरीदा?
लेखक के डिब्बे में आने पर नवाब ने कैसा व्यवहार किया?
खीरे को खाने योग्य बनाने के लिए नवाब साहब ने क्या-क्या किया और उन्हें किस तरह सजाकर रखा? पठित पाठ के आधार पर लिखिए।
नवाब साहब द्वारा लेखक से बातचीत की उत्सुकता न दिखाने पर लेखक ने क्या किया?
खीरे की फाँकें खिड़की से फेंकने के बाद नवाब साहब ने गुलाबी आँखों से लेखक की ओर क्यों देखा?
नवाब साहब ने खीरे की फाँकों पर नमक-मिर्च छिड़का जिसे देखकर लेखक ललचाया पर उसने खीरे खाने का प्रस्ताव अस्वीकृत क्यों कर दिया?
बिना खीरा खाए नवाब साहब को डकार लेते देखकर लेकर क्या सोचने पर विवश हो गया?
सेकंड क्लास के डिब्बे में लेखक के अचानक आ जाने से नवाब साहब के एकांत चिंतन में विघ्न पड़ गया? उनके चिंतन के बारे में लेखक ने क्या अनुमान लगाया?
लेखक और नवाब साहब की प्रथम मुलाकात का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
सेकंड क्लास के डिब्बे की उन विशेषताओं का उल्लेख कीजिए जिनके कारण लेखक और नवाब साहब दोनों ने उसे यात्रा के लिए चुना।
नवाब साहब के व्यवहार में अचानक कौन-सा बदलाव आया और क्यों?
लेखक ने ऐसा क्या देखा कि उसके ज्ञान चक्षु खुल गए?
‘लखनवी अंदाज़’ शीर्षक की सार्थकता सिद्ध कीजिए।
लखनवी अंदाज़’ पाठ में निहित संदेश स्पष्ट कीजिए।
Chapter 12: यशपाल - लखनवी अंदाज़

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