Maharashtra State Board Syllabus For 10th Standard [१० वीं कक्षा] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति]: Knowing the Syllabus is very important for the students of 10th Standard [१० वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.
The Maharashtra State Board 10th Standard [१० वीं कक्षा] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति] syllabus for the academic year 2023-2024 is based on the Board's guidelines. Students should read the 10th Standard [१० वीं कक्षा] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति] Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.
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Maharashtra State Board 10th Standard [१० वीं कक्षा] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति] Revised Syllabus
Maharashtra State Board 10th Standard [१० वीं कक्षा] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति] and their Unit wise marks distribution
Maharashtra State Board 10th Standard [१० वीं कक्षा] Mathematics 2 - Geometry [गणित २ - ज्यामिति] Course Structure 2023-2024 With Marking Scheme
# | Unit/Topic | Weightage |
---|---|---|
1 | समरूपता | |
2 | पाइथागोरस का प्रमेय | |
3 | वृत्त | |
4 | भूमितीय रचनाएँ | |
5 | निर्देशांक भूमिति | |
6 | त्रिकोणमिति | |
7 | महत्वमापन | |
Total | - |
Syllabus
- दो त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात ( Ratio of Areas of Two Triangles)
- दो त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनके आधारों और संगत ऊँचाइयों के गुणनफलों के अनुपात के बराबर होता है।
क्षेत्रफलों का अनुपात = `(b_1 xx h_1)/(b_2 xx h_2)`
- गुणधर्म: समान ऊँचाईवाले दो त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनके संगत आधारों के अनुपात के बराबर होता है ।
- गुणधर्म: समान आधारवाले दो त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत ऊँचाइयों के अनुपात के बराबर होता है ।
- समानुपात का मूलभूत प्रमेय (Basic Proportionality Theorem)
- प्रमेय : यदि किसी त्रिभुज की किसी एक भुजा के समांतर खींची गई रेखा उसकी अन्य दो भुजाओं को दो भिन्न बिंदुओं पर प्रतिच्छेदित करेतो वह रेखा अन्य दो भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करती है ।
- समानुपात के मूलभूत प्रमेय का विलोम (Converse of B.P.T.)
- प्रमेय : यदि कोई रेखा किसी त्रिभुज की दो भुजाओं को समान अनुपात में विभाजित करती है, तो वह रेखा उस त्रिभुज की तीसरी भुजा के समांतर होती है ।
- त्रिभुज के कोण समद्विभाजक का प्रमेय
- प्रमेय: किसी त्रिभुज में कोण का समद्विभाजक, कोण की सम्मुख भुजा को अन्य भुजाओं की लंबाइयों के अनुपात में विभाजित करता है।
- तीन समांतर रेखाएँ तथा उनकी तिर्यक रेखा का गुणधर्म (Property of Three Parallel Lines and Their Transversal)
- प्रमेय : किसी तिर्यक रेखा द्वारा किन्हीं तीन समांतर रेखाओं पर निर्मित अंत:खंण्डों का अनुपात किसी अन्य तिर्यक रेखा द्वारा उन्हीं तीन समांतर रेखाओं पर निर्मित अंत:खण्डों के अनुपात के बराबर होता है ।
- त्रिभुजों की समरूपता की कसौटियाँ
- समरूपता की कोकोको कसौटी
- समरूप त्रिभुजों की कोको कसौटी
- समरूपता की भु को भु कसौटी
- समरूपता की भु भु भु कसौटी
- समरूप त्रिभुजों के गुणधर्म
- समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का प्रमेय (Theorem of Areas of Similar Triangles)
- प्रमेय: दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात उनकी संगत भुजाओं के वर्गों के अनुपात के बराबर होता है ।
- पायथागोरस के त्रिक्
- पायथागोरस के त्रिक् प्राप्त करने का सूत्र :
यदि a, b, c प्राकृत संख्या हों और a > b, तो [(a2 + b2), (a2 - b2), (2ab)] ये पायथागोरस के त्रिक् हैं ।
- 30°-60°-90° माप वाले त्रिभुज का गुणधर्म
- प्रमेय : यदि किसी समकोण त्रिभुज के न्यूनकोण 30° तथा 60° हों तो 30° मापवाले कोण की सम्मुख भुजा की लंबाई कर्ण की लंबाई के आधी तथा 60° मापवाले कोण की सम्मुख भुजा की लंबाई कर्ण की लंबाई का `(sqrt(3))/2` गुना होती है ।
- 45°-45°-90° माप वाले त्रिभुज का गुणधर्म
- प्रमेय: यदि किसी समकोण त्रिभुज के न्यून कोणों के माप 45° तथा 45° हों तो समकोण को समाविष्ट करनेवाली प्रत्येक भुजा की लंबाई कर्ण की लंबाई का `1/sqrt2` गुना होती है ।
- समरूपता और समकोण त्रिभुज
- प्रमेय: समकोण त्रिभुज में कर्ण पर खींचे गए शीर्षलंब से निर्मित दोनों त्रिभुज परस्पर तथा मूल समकोण त्रिभुज के समरूप होते हैं।
- ज्यामितीय माध्य का प्रमेय (Theorem of Geometric Mean)
- प्रमेय : समकोण त्रिभुज में शीर्षबिंदु से कर्ण पर खींचा गया लंबरेखाखंड, कर्ण द्वारा विभाजित होने वाले रेखाखंडों का ज्यामितीय माध्य होता है।
- पायथागोरस का प्रमेय (Theorem of Pythagoras)
- प्रमेय : समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गों के योगफल के बराबर होता है ।
∴ (कर्ण)2 = (एक भुजा)2 + (दुसरी भुजा)2
- पायथागोरस के प्रमेय का विलोम (Converse of Pythagoras Theorem)
- प्रमेय : यदि किसी त्रिभुज में एक भुजा का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गोंं के योगफल के बराबर होता है, तो वह त्रिभुज समकोण त्रिभुज होता है।
- पायथागोरस के प्रमेय का उपयोजन
- अपोलोनियस का प्रमेय (Appollonius’ Theorem)
- प्रमेय : यदि ΔABC में, बिंदु M भुजा BC का मध्य बिंदु हो, तो AB2 + AC2 = 2AM2 + 2BM2
- प्रमेय : यदि ΔABC में, बिंदु M भुजा BC का मध्य बिंदु हो, तो AB2 + AC2 = 2AM2 + 2BM2
- वृत्त
- केंद्र
- त्रिज्या
- व्यास
- जीव
- अंतःभाग,बहिर्भाग
- सर्वांगसम वृत्त, एक केंद्रीय वृत्त तथा परस्पर प्रतिच्छेदित करनेवाले वृत्त
- एक, दो तथा तीन बिंदुओं से होकर जाने वाले वृत्त
- एक बिंदु से होकर जानेवाले असंख्य वृत्त खींचे जा सकते हैं ।
- दो भिन्न बिंदुओं से होकर जानेवाले असंख्य वृत्त होते हैं।
- तीन नैकरेखीय (अरैखिक) बिंदुओं से होकर जानेवाला एक और केवल एक वृत्त होता है ।
- तीन एकरेखीय बिंदुओं से होकर जानेवाला एक भी वृत्त नहीं खींचा जा सकता ।
- वृत्त की छेदन रेखा और स्पर्शरेखा
- स्पर्शरेखा-त्रिज्या प्रमेय (Tangent Theorem)
- प्रमेय : वृत्त के किसी भी बिंदु से होकर जानेवाली स्पर्शरेखा उस बिंदु को केंद्र से जोड़नेवाली त्रिज्या पर लंब होती है ।
- स्पर्श रेखा - त्रिज्या प्रमेय का विलोम (Converse of Tangent Theorem)
- प्रमेय : वृत्त की त्रिज्या के बाह्य सिरे से होकर जानेवाली तथा उस त्रिज्या पर लंब रेखा उस वृत्त की स्पर्श रेखा होती है ।
- स्पर्शरेखाखंड का प्रमेय (Tangent Segment Theorem)
- प्रमेय : वृत्त के बाह्य भाग में स्थित बिंदु से उस वृत्त पर खींचे गए स्पर्श रेखाखंड सर्वांगसम होते हैं ।
- स्पर्श वृत्त (Touching Circle)
- स्पर्श वृत्त
- सामान्य स्पर्श बिंदु
- बाह्यस्पर्शी
- अंतःस्पर्शी
- स्पर्श वृत्त प्रमेय (Theorem of Touching Circles)
- प्रमेय : यदि दो स्पर्शवृत्त हैं तो सामान्य बिंदु उन दो वृत्तों के केंद्रों को मिलनेवाली रेखा पर होता है ।
- वृत्त चाप (Arc of a Circle)
- वृत्त चाप
- दीर्घ चाप
- लघु चाप
- केंद्रीय कोण (Central angle)
- चाप का माप (Measure of an arc)
- चाप की सर्वांगसमता (Congruence of Arcs)
- दो चापों की त्रिज्या एवं माप समान होते हैं तो वे दोनों चाप परस्पर सर्वांगसम होते हैं ।
- चाप के मापों के योग का गुणधर्म (Property of Sum of Measures of Arcs)
- प्रमेय : एक ही वृत्त के (या सर्वांगसम वृत्तों के) सर्वांगसम चापों की संगत जीवा सर्वांगसम होती है ।
- प्रमेय : एक ही वृत्त की (या सर्वांगसम वृत्तों की) सर्वांगसम जीवाओं के संगत चाप सर्वांगसम होते हैं ।
- अंतर्लिखित कोण (Inscribed Angle)
- अंतःखंडित चाप (Intercepted Arc)
- अंतर्लिखित कोण का प्रमेय (Inscribed Angle Theorem)
- प्रमेय : वृत्त में अंतर्लिखित कोण का माप उसके द्वारा अंतःखंडित चाप के माप का आधा होता है ।
- अंतर्लिखित कोण के प्रमेय का उपप्रमेय (Corollaries of Inscribed Angle Theorem)
- अंतर्लिखित कोण के प्रमेय का उपप्रमेय:
- एक ही चाप में अंतर्लिखित सभी कोण सर्वांगसम होते हैं ।
- अर्धवृत्त में अंतर्लिखित कोण समकोण होता है ।
- चक्रीय चतुर्भुज (Cyclic Quadrilateral)
- चक्रीय चतुर्भुज का प्रमेय (Theorem of Cyclic Quadrilateral)
- प्रमेय : चक्रीय चतुर्भुज के सम्मुख कोण परस्पर संपूरक होते हैं ।
- चक्रीय चतुर्भुज के प्रमेय का उपप्रमेय (Corollary of Cyclic Quadrilateral Theorem)
- प्रमेय : चक्रीय चतुर्भुज के बहिष्कोण उसके संलग्न कोण के सम्मुख कोण के सर्वांगसम होते हैं ।
- चक्रीय चतुर्भुज के प्रमेय का विलोम (Converse of Cyclic Quadrilateral Theorem)
- प्रमेय : किसी चतुर्भुज के सम्मुख कोण संपूरक हों तो वह चतुर्भुज चक्रीय चतुर्भुज होता है ।
- प्रमेय : किसी रेखा पर स्थित दो भिन्न बिंदु उसी रेखा के एक ही ओर स्थित दो भिन्न बिंदुओं पर सर्वांगसम कोण बनाते हों तो वे चारों बिंदु एक ही वृत्त पर होते हैं ।
- स्पर्श रेखा-छेदन रेखा कोण का प्रमेय (Theorem of Angle Between Tangent and Secant)
- प्रमेय : यदि किसी कोण का शीर्षबिंदु वृत्त पर है, एक भुजा वृत्त को स्पर्श करती है तथा दूसरी भुजा वृत्त को दो भिन्न बिंदुओं पर प्रतिच्छेदित करती हो, तो कोण का माप उसके द्वारा अंतःखंडित चाप के माप का आधा होता है ।
- प्रमेय : वृत्त की स्पर्शरेखा तथा स्पर्शबिंदु से खींची गई जीवा द्वारा बना कोण, उसी कोण द्वारा अंतःखंडित चाप के विपरित चाप में अंतर्लिखित किए गए कोण के बराबर होता है।
- स्पर्श रेखा - छेदन रेखा कोण के प्रमेय का विलोम
- जीवाओं का अंतःछेदन प्रमेय (Theorem of Internal Division of Chords)
- प्रमेय : किसी वृत्त की दो जीवाएँ जब वृत्त के अंतःभाग में प्रतिच्छेदित करती हैं तब एक जीवा के दोनों भागों की लंबाईयों का गुणनफल दूसरी जीवा के बने दोनों भागों की लंबाइयों के गुणनफल के बराबर होता है ।
- जीवाओं का बहिर्च्छेदन प्रमेय (Theorem of External Division of Chords)
- स्पर्शरेखा छेदन रेखा रेखाखंडों का प्रमेय (Tangent Secant Segments Theorem)
- समरूप त्रिभुजों की रचना
- दो समरूप त्रिभुजों में से किसी एक त्रिभुज की भुजाएँ और दूसरे त्रिभुज की संगत भुजाओं का अनुपात दिया गया हो तो दू्सरे की रचना करना।
- एक भी शीर्षबिंदु सामान्य न होने पर ।
- एक शीर्षबिंदु सामान्य होने पर ।
- वृत्त पर स्थित किसी बिंदु से वृत्त की स्पर्शरेखा खींचन : वृत्त केंद्र का उपयोग करते हुए
- वृत्त पर स्थित किसी बिंदु से वृत्त की स्पर्शरेखा खींचना : वृत्त केंद्र का उपयोग न करते हुए
- वृत्त के बाह्य भाग में स्थित किसी बिंदु से वृत्त पर स्पर्शरेखा खींचना
- दो बिंदुओं के बीच की दूरी
- एक ही अक्ष पर स्थित दो बिंदुओं के बीच की दूरी ज्ञात करना
- दो बिंदुओं को जोड़ने वाले प्रतल XY पर स्थित रेखाखंड किसी एक अक्ष के समांतर हों तो उन दो बिंदुओं के बीच की दूरी ज्ञात करना ।
- दूरी सूत्र
- रेखाखंडों का विभाजन (Division of a Line Segment)
- विभाजन सूत्र
- रेखाखंड के मध्यबिंदु का सूत्र (Mid-point Formula)
- केंद्रव बिंदु का सूत्र (माध्यिका संगामी बिंदु का सूत्र) (Centroid Formula)
- रेखा का ढाल (Slope of a Line)
- X-अक्ष, Y-अक्ष और अक्षों के समांतर रेखाओं के ढाल
- रेखा का ढाल – त्रिकोणमिति के अनुपात का प्रयोग कर
- समांतर रेखाओं का ढाल (Slope of parallel lines)
- कोसेक, सेक और कॉट अनुपात (Cosec, Sec and Cot Ratios)
- 0°,30°,45°,60° और 90° माप के कोणों के त्रिकोणमितीय अनुपातों की सारिणी।
- त्रिकोणमितीय सर्वसमिकाएँ (Trigonometrical Identities)
- sin2θ + cos2θ = 1
- 1 + cot2θ = cosec2θ
- 1 + tan2θ = sec2θ.
- त्रिकोणमिति का उपयोजन (Application of Trigonometry)
- दृष्टि रेखा (Line of vision)
- उन्नत कोण ( Angle of elevation)
- अवनत कोण ( Angle of depression)
- घनाभ पृष्ठफल
- ऊर्ध्वाधर पृष्ठों का पृष्ठफल = 2h ( l + b )
- संपूर्ण पृष्ठफल = 2 (lb + bh + hl )
- समघन पृष्ठफल (Surface Area of Cube)
- समघन के ऊर्ध्वाधर पृष्ठों का पृष्ठफल = 4l2
- समघन का संपूर्ण पृष्ठफल = 6l2
- घनाभ का घनफल
- घनाभ का घनफल = l × b × h
- लंबवृत्ताकार बेलन पृष्ठफल
- लंबवृत्ताकार बेलन का वक्र पृष्ठफल = 2πrh
- लंबवृत्ताकार बेलन का संपूर्ण पृष्ठफल = 2πr ( r + h )
- लंबवृत्ताकार बेलन का घनफल
- लंबवृत्ताकार बेलन का घनफल = πr2h
- शंकु पृष्ठफल
- शंकु की तिरछी ऊँचाई (l) =`sqrt(h^2 + r^2)`
- शंकु का वक्रपृष्ठफल = πrl
- शंकु का संपूर्ण पृष्ठफल = πr (r + l)
- शंकु का घनफल
- शंकु का घनफल = `1/3`x πr2h
- गोले का पृष्ठफल
- गोले का पृष्ठफल = 4πr2
- अर्धगोले का वक्र पृष्ठफल = 2πr2
- ठोस अर्धगोले का संपूर्ण पृष्ठफल = 3πr2
- गोले का घनफल (Volume of Sphere)
- गोले का घनफल = `4/3`πr3
- अर्धगोला पृष्ठफल (Surface Area of Hemisphere)
- अर्धगोले का वक्रपृष्ठफल = 2πr2
- अर्धगोले का संपूर्ण पृष्ठफल = 3πr2
- अर्धगोले का घनफल (Volume of Hemisphere)
- अर्धगोले का घनफल = `2/3`πr3
- शंकु छेद (Frustum of the Cone)
- द्वैत्रिज्य (Sector of a Circle)
- लघु द्वैत्रिज्य (Minor sector)
- दीर्घ द्वैत्रिज्य (Major sector)
- द्वैत्रिज्य का क्षेत्रफल (Area of a Sector)
- द्वैत्रिज्य का क्षेत्रफल (A) = `θ/360`x πr2
- वृत्त चाप की लंबाई (Length of an Arc)
- वृत्त चाप की लंबाई (l) = `θ/360`x 2πr
- वृत्त चाप की लंबाई और द्वैत्रिज्य के क्षेत्रफल में संबंध
- वृत्तखंड (Segment of a Circle)
- लघु वृत्तखंड
- दीर्घ वृत्तखंड
- अर्ध वृत्तखंड
- वृत्तखंड का क्षेत्रफल (Area of a Segment)