CBSE Syllabus For Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान): Knowing the Syllabus is very important for the students of Class 8 [८ वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.
The CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) syllabus for the academic year 2023-2024 is based on the Board's guidelines. Students should read the Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.
Students will discover the unit names, chapters under each unit, and subtopics under each chapter in the CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus pdf 2023-2024. They will also receive a complete practical syllabus for Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) in addition to this.
CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Revised Syllabus
CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Course Structure 2023-2024 With Marking Scheme
Syllabus
CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for हमारे अतीत ३
- तारीखों का महत्त्व
- कौन सी तारीख़ें?
- हम अवधियाँ कैसे तय करते हैं?
- औपनिवेशिक क्या होता है?
- हम भारत की ऐतिहासिक घटनाओं को कैसे जानते हैं
- प्रशासन अभिलेख तैयार करता है
- सर्वेक्षण का बढ़ता महत्व
- अधिकृत रिकार्ड्स से क्या पता नहीं चलता
- पूर्व में ईस्ट इंडिया कंपनी का आना
- ईस्ट इंडिया कंपनी बंगाल में व्यापार शुरू करती है
- व्यापार से युद्धों तक
- प्लासी का युद्ध
- कंपनी के अफ़सर 'नबॉब' बन बैठे
- कंपनी का फैसला शासन
- टीपू सुल्तान - "शेर-ए-मैसूर"
- मराठों से लड़ाई
- सर्वोच्चता का दावा
- विलय नीति
- नए शासन की स्थापना
- कंपनी की फ़ौज
- कंपनी दीवान बन गई
- कंपनी की आमदनी
- खेती में सुधार की ज़रूरत
- समस्या
- एक नयी व्यवस्था
- मुनरो व्यवस्था
- सब कुछ ठीक नहीं था
- यूरोप के लिए फ़सलें
- क्या रंग का भी कोई इतिहास है?
- भारतीय नील की माँग क्यों थी?
- भारत में ब्रिटेन की बढ़ती दिलचस्पी
- नील की खेती कैसे होती थी?
- निज खेती की समस्याएँ
- रैयतों की ज़मीन पर नील की खेती
- "नील विद्रोह" और उसके बाद
- जनजातीय समूह का जीवन
- कुछ झूम खेती करते थे
- कुछ शिकारी और संग्राहक थे
- कुछ जानवर पालते थे
- कुछ लोग एक जगह खेती करते थे
- औपनिवेशिक शासन का आदिवासियों के जीवन पर असर
- आदिवासी मुखियाओं का क्या हुआ?
- घुमंतू काश्तकारों का क्या हुआ?
- वन कानून और उनके प्रभाव
- व्यापार की समस्या
- काम की तलाश
- बिरसा मुंडा
- नीतियाँ और लोग
- नवाबों की छिनती सत्ता
- किसान और सिपाही
- सुधारों पर प्रतिक्रिया
- जनता की नजर से
- सैनिक विद्रोह जनविद्रोह बन गया
- मेरठ से दिल्ली तक
- बग़ावत फैलने लगी
- कंपनी का पलटवार
- विद्रोह के बाद के साल
- भारतीय कपड़े और विश्व बाज़ार
- शब्दों में इतिहास छिपा है
- यूरोपीय बाज़ारों में भारतीय कपड़ा
- बुनकर कौन थे?
- भारतीय कपड़े का पतन
- सूती कपड़ा मिलों का उदय
- टीपू सुल्तान की तलवार और वुट्ज़ स्टील
- गाँवों की उजड़ी भट्ठियाँ
- भारत में लोहा व इस्पात कारख़ानों का उदय
- अंग्रेज़ शिक्षा को किस तरह देखते थे
- प्राच्यवाद की परंपरा
- "पूरब की जघन्य ग़लतियाँ"
- व्यवसाय के लिए शिक्षा
- स्थानीय पाठशालाएँ
- विलियम एडम की रिपोर्ट
- नई दिनचर्या, नए नियम
- राष्ट्रीय शिक्षा की कार्यसूची
- "अंग्रेज़ी शिक्षा ने हमें गुलाम बना दिया है"
- टैगोर का "शांतिनिकेतन"
- परिवर्तन की दिशा में उठते कदम
- विधवाओं की ज़िंदगी में बदलाव लाने की कोशिश
- लड़कियॉं स्कूल जाने लगती हैं
- महिलाओं के बारे में महिलाएँ लिखने लगीं
- जाति और समाज सुधार
- समानता और न्याय की माँग
- गुलामगीरी
- मंदिरों में कौन जा सकता था?
- गैर-ब्राह्मण आंदोलन
- राष्ट्रवाद का उदय
- उभरता हुआ राष्ट्र
- "स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है"
- जनराष्ट्रवाद का उदय
- महात्मा गांधी का आगमन
- रॉलट सत्याग्रह
- ख़िलाफ़त आंदोलन और अहसयोग आंदोलन
- लोगों की पहलकदमी
- जनता के महात्मा
- 1922-1929 की घटनाएँ
- दांडी मार्च
- भारत छोड़ो और उसके बाद
- स्वतंत्रता और विभाजन की ओर
CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for संसाधन एवं विकास
- परिचय: संसाधन
- संसाधनों के प्रकार
- प्राकृतिक संसाधन
- नवीकरणीय संसाधन
- अनवीकरणीय संसाधन
- मानव निर्मित संसाधन
- मानव संसाधन
- संसाधन संरक्षण
- भूमि
- भूमि
- भूमि उपयोग
- भूमि संसाधन का संरक्षण
- मृदा
- मृदा
- मृदा निर्माण के कारक
- मृदा का निम्नीकरण और संरक्षण के उपाय
- मल्च बनाना
- वेदिका फार्म
- समोच्चरेखीय जुताई
- रक्षक मेखलाएँ
- समोच्चरेखीय रोधिकाएँ
- चट्टान बाँध
- बीच की फसल उगाना
- जल
- जल
- जल उपलब्धता की समस्याएँ
- जल संसाधनों का संरक्षण
- प्राकृतिक वनस्पतियाँ एवं वन्यजीव
- प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन
- प्राकृतिक वनस्पति का वितरण
- प्राकृतिक वनस्पति और वन्य जीवन का संरक्षण
- खनिजों के प्रकार
- खनिजों के प्रकार
- धात्विक - लौह और अलौह
- अधात्विक
- खनिजों का निष्कर्षण
- खनन - विवृत खनन और कूपकी खनन
- प्रवेधन
- आखनन
- खनिजों का वितरण
- एशिया
- यूरोप
- उत्तर अमेरिका
- दक्षिण अमेरिका
- अफ्रीका
- आस्ट्रेलिया
- अंटार्कटिका
- खनिजों के उपयोग
- खनिजों का संरक्षण
- शक्ति संसाधन - परंपरागत स्त्रोत
- ईंधन
- कोयला
- पेट्रोलियम
- प्राकृतिक गैस
- जल विद्युत
- ऊर्जा के गैर-परंपरागत स्त्रोत
- सौर ऊर्जा
- पवन ऊर्जा
- परमाणु ऊर्जा
- भूतापीय ऊर्जा
- ज्वारीय ऊर्जा
- बायोगैस
- परिचय: कृषि
- कृषि तंत्र
- कृषि के प्रकार
- निर्वाह कृषि
- गहन निर्वाह कृषि
- आदिम निर्वाह कृषि
- स्थानांतरी कृषि
- वाणिज्यिक कृषि
- वाणिज्यिक अनाज कृषि
- मिश्रित कृषि
- रोपण कृषि
- मुख्य फ़सलें
- चावल
- गेहूँ
- मिलेट
- मक्का
- कपास
- पटसन
- कॉफी
- चाय
- कृषि का विकास
- भारत का एक फार्म
- संयुक्त राज्य अमेरिका का एक फार्म
- परिचय: उद्योग
- उद्योगों का वर्गीकरण
- कच्चा माल - कृषि आधारित उद्योग, खनिज आधारित उद्योग, समुद्र आधारित उद्योग, वन आधारित उद्योग
- आकार - लघु आकार के उद्योग और बृहत आकार के उद्योग
- स्वामित्व - संयुक्त और सहकारी क्षेत्र के उद्योगों
- उद्योगों की अवस्थिति को प्रभावित करने वाले कारक
- औद्योगिक तंत्र
- औद्योगिक प्रदेश
- प्रमुख उद्योगों का वितरण
- लोहा-इस्पात उद्योग
- जमशेदपुर
- पिट्सबर्ग
- सूती वस्त्र उद्योग
- अहमदाबाद
- ओसका
- मानव संसाधन का परिचय
- जनसंख्या का वितरण
- जनसंख्या का घनत्व
- जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक
- भौगोलिक कारक
- स्थलाकृति
- जलवायु
- मृदा
- जल
- खनिज
- सामजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारक
- जनसंख्या परिवर्तन
- जनसंख्या परिवर्तन के प्रतिरूप
- जनसंख्या संघटन
CBSE Class 8 [८ वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन ३
- भारतीय संविधान
- संविधान की आवश्यकता
- भारतीय संविधान: मुख्य लक्षण
- संघवाद
- संसदीय शासन पद्धति
- शक्तियों का बँटवारा
- मौलिक अधिकार
- धर्मनिरपेक्षता
- लोगों का फ़ैसला
- लोग और उनके प्रतिनिधि
- संसद की भूमिका
- राष्ट्रीय सरकार का चुनाव करना
- सरकार को नियंत्रित करना, मार्गदर्शन देना और जानकारी देना
- कानून बनाना
- संसद में लोग
- न्यायपालिका की भूमिका
- विवादों का निपटारा
- न्यायिक समीक्षा
- कानून की रक्षा और मौलिक अधिकारों का क्रियान्वयन
- स्वतंत्र न्यायपालिका
- भारत में अदालतों की संरचना
- विधि व्यवस्था की विभिन्न शाखाएँ
- फौजदारी कानून
- दीवानी कानून
- न्यायालयों तक पहुंच
- मौलिक अधिकारों का उपयोग
- हाशियाई तबकों के लिए कानून
- सामाजिक न्याय को प्रोत्साहन
- दलितों और आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989
- आदिवासियों की माँगें और 1989 का अधिनियम