CBSE Syllabus For Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान): Knowing the Syllabus is very important for the students of Class 10 [१० वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.
The CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) syllabus for the academic year 2023-2024 is based on the Board's guidelines. Students should read the Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.
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CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Revised Syllabus
CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Course Structure 2023-2024 With Marking Scheme
Syllabus
CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for भारत और समकालीन विश्व - २
- आधुनिक युग से पहले
- रेशम मार्ग (सिल्क रूट) से जुड़ती दुनिया
- भोजन की यात्रा: स्पैघेत्ती और आलू
- विजय, बीमारी और व्यापार
- उन्नीसवीं शताब्दी (1815 - 1914)
- महायुद्धों के बीच अर्थव्यवस्था
- विश्व अर्थव्यवस्था का पुनर्निर्माण: युद्धोत्तर काल
- परिचय: औद्योगीकरण का युग
- औद्योगिक क्रांति से पहले
- कारखानों का उदय
- औद्योगिक परिवर्तन की रफ़्तार
- हाथ का श्रम और वाष्प शक्ति
- उपनिवेशों में औद्योगीकरण
- फ़ैक्ट्रियों का आना
- प्रारंभिक उद्यमी
- मज़दूर कहाँ से आए ?
- औद्योगिक विकास का अनूठापन
- लघु उद्योगों की बहुतायत
- वस्तुओं के लिए बाज़ार
- परिचय: मुद्रण संस्कृति और आधुनिक दुनिया
- शुरूआती छपी किताबें
- जापान में मुद्रण
- यूरोप में मुद्रण का आना
- मुद्रण क्रांति और उसका असर
- पढ़ने का जुनून
- दुनिया के ज़ालिमों, अब हिलोगे तुम !
- मुद्रण संस्कृति और फ़्रांसीसी क्रांति
- उन्नीसवीं सदी
- बच्चे, महिलाएँ और मज़दूर
- नए तकनीकी परिष्कार
- भारत का मुद्रण संसार
- मुद्रण युग से पहले की पांडुलिपियाँ
- छपाई भारत आई
- धार्मिक सुधार और सार्वजनिक बहसें
- प्रकाशन के नए रूप
- प्रिंट और प्रतिबंध
CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for समकालीन भारत - २
- परिचय: संसाधन एवं विकास
- संसाधनों के प्रकार
- उत्पत्ति के आधार पर
- जैव संसाधन
- अजैव संसाधन
- समाप्यता के आधार पर
- नवीकरण योग्य संसाधन
- अनवीकरण योग्य संसाधन
- स्वामित्व के आधार पर
- व्यक्तिगत संसाधन
- सामुदायिक स्वामित्व वाले संसाधन
- राष्ट्रीय संसाधन
- अंतर्राष्ट्रीय संसाधन
- विकास के स्तर के आधार पर
- संभावी संसाधन
- विकसित संसाधन
- भंडार
- संचित कोष
- संसाधनों का विकास
- संसाधन नियोजन
- भारत में संसाधन नियोजन
- संसाधनों का संरक्षण
- भू-संसाधन
- भू-उपयोग
- भारत में भू-उपयोग प्रारूप
- भूमि निम्नीकरण और संरक्षण उपाय
- मृदा संसाधन
- मृदा संसाधन
- मृदाओं का वर्गीकरण
- जलोढ मृदा
- काली मृदा
- लाल और पीली मृदा
- लेटराइट मृदा
- मरुस्थली मृदा
- वन मृदा
- मृदा अपरदन और संरक्षण
- भारत में वनस्पतिजात और प्राणिजात
- मौजूदा पौधों और जानवरों की प्रजातियों की विभिन्न श्रेणियां
- सामान्य जातियाँ
- संकटग्रस्त जातियाँ
- सुभेद्य जातियाँ
- दुर्लभ जातियाँ
- स्थानिक जातियाँ
- लुप्त जातियाँ
- भारत में वन और वन्य जीवन का संरक्षण
- वन और वन्य जीव संसाधनों के प्रकार और वितरण
- आरक्षित वन
- रक्षित वन
- अवर्गीकृत वन
- समुदाय और वन संरक्षण
- कृषि के प्रकार
- निर्वाह कृषि
- गहन निर्वाह कृषि
- आदिम निर्वाह कृषि
- स्थानांतरी कृषि
- वाणिज्यिक कृषि
- वाणिज्यिक अनाज कृषि
- मिश्रित कृषि
- रोपण कृषि
- शस्य प्रारूप
- मुख्य फसलें
- चावल
- गेहूँ
- मोटे अनाज
- बाजरा
- मक्का
- दालें
- खाद्यान्नों के अलावा अन्य खाद्य फसलें
- गन्ना
- तिलहन
- चाय
- कॉफ़ी
- बागवानी फसलें
- अखाद्य फसलें
- रबड़
- रेशेदार फसलें
- कपास
- जूट
- प्रौद्योगिकीय और संस्थागत सुधार
- कृषि की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, रोजगार और उत्पादन में योगदान
- वैश्वीकरण का कृषि पर प्रभाव
- खनिज क्या है ?
- खनिजों की उपलब्धता
- लौह खनिज
- लौह अयस्क
- मैंगनीज
- अलौह खनिज
- ताँबा
- बॉक्साइट
- अधात्विक खनिज - अभ्रक
- चट्टानी खनिज - चूना पत्थर
- खनिजों का संरक्षण
- ऊर्जा संसाधन
- परंपरागत ऊर्जा के स्त्रोत
- कोयला
- पेट्रोलियम
- प्राकृतिक गैस
- विद्युत
- गैर-परंपरागत ऊर्जा के साधन
- परमाणु अथवा आणविक ऊर्जा
- सौर ऊर्जा
- पवन ऊर्जा
- बायोगैस
- ज्वारीय ऊर्जा
- भू-तापीय ऊर्जा
- ऊर्जा संसाधनों का संरक्षण
- विनिर्माण का महत्त्व
- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान
- औद्योगिक अवस्थिति
- उद्योगों का वर्गीकरण
- कृषि आधारित उद्योग
1) वस्त्र उद्योग
2) सूती वस्त्र उद्योग
3) पटसन उद्योग
4) चीनी उद्योग - खनिज आधारित उद्योग
1) लोहा तथा इस्पात उद्योग
2) एल्यूमिनियम प्रगलन
3) रसायन उद्योग
4) उर्वरक उद्योग
5) सीमेंट उद्योग
6) मोटरगाड़ी उद्योग
7) सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक उद्योग - प्रमुख भूमिका के आधार पर -
1) आधारभूत उद्योग
2) उपभोक्ता उद्योग - पूंजी निवेश के आधार पर -
1) लघु उद्योग - स्वामित्व के आधार पर -
1) सार्वजनिक क्षेत्र
2) निजी क्षेत्र
3) संयुक्त उद्योग
4) सहकारी उद्योग - कच्चे तथा तैयार माल की मात्रा व भार के आधार पर -
1) भारी उद्योग
2) हलके उद्योग
- औद्योगिक प्रदूषण तथा पर्यावरण निम्नीकरण
- वायु प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- तापीय प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- पर्यावरणीय निम्नीकरण की रोकथाम
- परिचय: राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखाएँ
- परिवहन (यातायात)
- सड़कमार्ग
- रेलमार्ग
- जलमार्ग
- वायुमार्ग
- स्थल परिवहन
- स्वर्णिम चतुर्भुज महा राजमार्ग
- राष्ट्रीय राजमार्ग
- राज्य राजमार्ग
- ज़िला मार्ग
- अन्य सड़कें
- सीमांत सड़कें
- जल परिवहन
- प्रमुख समुद्री पत्तन
- संचार सेवाएँ
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
- पर्यटन - एक व्यापर के रूप में
CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for लोकतांत्रिक राजनीति - २
- बेल्जियम और श्रीलंका
- श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद
- बेल्जियम की समझदारी
- सत्ता की साझेदारी के रूप
- शासन के विभिन्न अंग
- सरकार के बीच भी विभिन्न स्तरों पर
- विभिन्न सामाजिक समूहों
- विभिन्न प्रकार के दबाव-समूह और आंदोलनों द्वारा शासन को प्रभावित और नियंत्रित.
- संघवाद क्या है ?
- भारत में संघीय व्यवस्था
- संघीय व्यवस्था कैसे चलती है ?
- भाषायी राज्य
- भाषा-नीति
- केंद्र-राज्य संबंध
- भारत में विकेंद्रीकरण
- मैक्सिको ओलंपिक की कहानी
- समानताएँ, असमानताएँ और विभाजन
- सामाजिक भेदभाव की उत्पत्ति
- विभिन्नताओं में सामंजस्य और टकराव
- सामाजिक विभाजनों की राजनीति
- परिणामों का दायरा
- तीन आयाम
- लैंगिक मसले और राजनीति
- निजी और सार्वजनिक का विभाजन
- महिलाओं का राजनीतिक प्रतिनिधित्व
- धर्म, सांप्रदायिकता और राजनीति
- सांप्रदायिकता
- धर्मनिरपेक्ष शासन
- जाति और राजनीति
- जातिगत असमानताएँ
- राजनीति में जाति
- जाति के अंदर राजनीति
- नेपाल और बोलिविया में जन-संघर्ष
- लामबंदी और संगठन
- दबाव-समूह और आंदोलन
- वर्ग विशेष के हित-समूह और जन-सामान्य के हित-समूह
- आंदोलनकारी समूह
- क्या दबाव-समूह और आंदोलन के प्रभाव सकारात्मक होते हैं ?
- राजनीतिक दलों की ज़रूरत क्यों ?
- राजनीतिक दलों का अर्थ
- राजनीतिक दल के कार्य
- राजनीतिक दलों की ज़रूरत
- कितने राजनीतिक दल ?
- राष्ट्रीय दल
- क्षेत्रीय दल
- राजनीतिक दलों के लिए चुनौतियाँ
- दलों को कैसे सुधारा जा सकता है ?
CBSE Class 10 [१० वीं कक्षा] Social Science (सामाजिक विज्ञान) Syllabus for आर्थिक विकास की समझ
- आर्थिक कार्यों के क्षेत्रक
- प्राथमिक क्षेत्रक (कृषि एवं सहायक क्षेत्रक)
- द्वितीयक क्षेत्रक (औद्योगिक क्षेत्रक)
- तृतीयक क्षेत्रक
- सेवा क्षेत्रक
- तीन क्षेत्रकों की तुलना
- प्रत्येक क्षेत्रक की विविध वस्तुओं और सेवाओं की हम गणना कैसे करते हैं और कुल उत्पादन को कैसे जानते हैं ?
- क्षेत्रकों में ऐतिहासिक परिवर्तन
- भारत में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक
- उत्पादन में तृतीयक क्षेत्रक का बढ़ता महत्त्व
- अधिकांश लोग कहाँ नियोजित हैं ?
- अतिरिक्त रोजगार का सृजन कैसे हो ?
- संगठित और असंगठित के रूप में क्षेत्रकों का विभाजन
- असंगठित क्षेत्रक के श्रमिकों का संरक्षण कैसे हो?
- स्वामित्त्व आधारित क्षेत्रक - सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक
- मुद्रा विनिमय का एक माध्यम
- मुद्रा के आधुनिक रूप
- करेंसी
- बैंकों में निक्षेप
- चैक द्वारा भुगतान
- बैंकों की ऋण संबंधी गतिविधियाँ
- साख की दो विभिन्न स्थितियाँ
- ऋण की शर्तें
- आवास ऋण
- विविध प्रकार के साख प्रबंध
- सहकारी समितियों से ऋण
- भारत में औपचारिक क्षेत्रक में साख
- औपचारिक और अनौपचारिक साख - किसे क्या मिलता है ?
- निर्धनों के स्वयं सहायता समूह
- परिचय: वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था
- अन्तरदेशीय उत्पादन
- विश्व-भर के उत्पादन को एक-दूसरे से जोड़ना
- विदेश व्यापर और बाज़ारों का एकीकरण
- वैश्वीकरण क्या है?
- वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कारक
- प्रौद्योगिकी
- विदेश व्यापर तथा विदेशी निवेश का उदारीकरण
- विश्व व्यापार संगठन
- भारत में वैश्वीकरण का प्रभाव
- न्यायसंगत वैश्वीकरण के लिए संघर्ष
- परिचय: उपभोक्ता अधिकार
- बाज़ार में उपभोक्ता
- उपभोक्ता आंदोलन
- उपभोक्ता अधिकार
- सुरक्षा सबका अधिकार है
- वस्तुओं और सेवाओं के बारे में जानकारी
- चयन के अधिकार का उल्लंघन
- इन उपभोक्ताओं को न्याय पाने के लिए कहाँ जाना चाहिए?
- जागरूक उपभोक्ता बनने के लिए आवश्यक बातें
- उपभोक्ता आंदोलन को आगे बढ़ाने के संबंध में