CBSE Syllabus For Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल): Knowing the Syllabus is very important for the students of Class 12 [१२ वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.
The CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) syllabus for the academic year 2023-2024 is based on the Board's guidelines. Students should read the Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.
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CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) Revised Syllabus
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) Course Structure 2023-2024 With Marking Scheme
# | Unit/Topic | Weightage |
---|---|---|
I | मानव भूगोल के मूल सिद्धांत | |
1.01 | मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र | |
1.02 | विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि | |
1.03 | जनसंख्या संघटन | |
1.04 | मानव विकास | |
1.05 | प्राथमिक क्रियाएँ | |
1.06 | द्वितीयक क्रियाएँ | |
1.07 | तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप | |
1.08 | परिवहन एवं संचार | |
1.09 | अंतराष्ट्रीय व्यपार | |
1.1 | मानव बस्ती | |
II | भारत : लोग और अर्थव्यवस्था | |
2.01 | जनसंख्या : वितरण, घनत्व, वृद्धि और संघटन | |
2.02 | प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम | |
2.03 | मानव विकास | |
2.04 | मानव बस्तियाँ | |
2.05 | भूसंसाधन तथा कृषि | |
2.06 | जल-संसाधन | |
2.07 | खनिज तथा ऊर्जा संसाधन | |
2.08 | निर्माण उद्योग | |
2.09 | भारत के संदर्भ में नियोजन और सततपोषणीय विकास | |
2.1 | परिवहन तथा संचार | |
2.11 | अंतर्रष्ट्रीय व्यपार | |
2.12 | भौगोलिक परिप्रेक्षऱ्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ | |
III | भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य | |
3.1 | आंकड़े : स्रोत और संकलन | |
3.2 | आंकड़ों का प्रक्रमण | |
3.3 | आंकड़ों का आलेखी निरूपण | |
3.4 | आंकड़ों का प्रक्रमण एवं मानचित्रण में कंप्यूटर का उपयोग | |
3.5 | क्षेत्रीय सवेंक्षण | |
3.6 | स्थानिक सूचना प्रौद्योगिकी | |
Total | - |
Syllabus
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) Syllabus for मानव भूगोल के मूल सिद्धांत
- मानव भूगोल - प्रकृति एवं विषय क्षेत्र का परिचय
- मानव भूगोल की प्रकृति
- मानव का प्रकृतीकरण और प्रकृति का मानवीकरण
- समय के गलियारों से मानव भूगोल
- मानव भूगोल के क्षेत्र और उप- क्षेत्र
- मानव भूगोल के क्षेत्र
- विश्व जनसंख्या - वितरण, घनत्व और वृद्धि का परिचय
- विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप
- जनसंख्या का घनत्व
- जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक
- भौगोलिक कारक
- आर्थिक कारक
- सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक
- जनसंख्या वृद्धि
- जनसंख्या परिवर्तन के घटक
- प्रवास
- जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियाँ
- विश्व जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि
- जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रारूप
- जनसंख्या परिवर्तन का प्रभाव
- जनांकिकीय संक्रमण
- जनसंख्या नियंत्रण के उपाय
- जनसंख्या संघटन का परिचय
- लिंग संघटन
- आयु संरचना
- आयु- लिंग पिरामिड
- विस्तारित होती जनसंख्या
- स्थिर जनसंख्या
- ह्रसमान जनसंख्या
- ग्रामीण - नगरीय संघटन
- साक्षरता
- व्यावसायिक संरचना
- मानव विकास का परिचय
- वृद्धि और विकास
- मानव विकास के चार स्तंभ
- समता
- सतत पोषणीयता
- उत्पादकता
- सशक्तीकरण
- मानव विकास के उपागम
- मानव विकास का मापन
- अंतर्राष्ट्रीय तुलनाएँ
- प्राथमिक क्रियाएँ का परिचय
- आखेट एवं भोजन संग्रह
- पशुचारण
- चलवासी पशुचारण
- वाणिज्य पशुधन पालन
- कृषि
- निरवाह कृषि
- आदिकालीन निर्वाह कृषि
- गहन निर्वाह कृषि
- रोपण कृषि
- विस्तृत वाणिज्य अनाज कृषि
- मिश्रित कृषि
- डेरी कृषि
- भूमध्यसागरीय कृषि
- बाज़ार के लिए सब्जी खेती एवं उद्यान कृषि
- सहकारी कृषि
- सामूहिक कृषि
- खनन
- खनन कार्य को प्रभावित करने वाले कारक
- की विधियाँ
- द्वितीयक क्रियाएँ का परिचय
- विनिर्माण
- आधुनिक बड़े पैमाने पर होने वाले विनिर्माण की विशेषताएँ
- कौशल का विशिष्टीकरण/ उत्पादन की विधियाँ
- यंत्रीकरण
- प्रौद्योगिकीय नवाचार
- संगठनात्मक ढाँदा एवं स्तरीकरण
- अनियमित भौगोलिक वितरण
- बाज़ार तक अभिगम्यता
- कच्चे माल की प्राप्ति तक अभिगम्यता
- श्रम आपूर्ति तक अभिगम्यता
- शक्ति के साधनों तक अभिगम्यता
- परिवहन एवं संचार की सुविधाओं तक अभिगम्यता
- सरकारी नीति
- समूहन अर्थव्यवस्था तक अभिगम्यता/ उद्योगों के मध्य संबंध
- विनिर्माण उद्योगों का वर्गीकरण
- आकार पर आधारित उद्योग
- कुटीर उद्योग
- छोटे पैमाने के उद्योग
- बड़े पैमाने के उद्योग
- कच्चे माल पर आधारित उद्योग
- कृषि आधारित
- खनिज आधारित उद्योग
- रसायन आधारित उद्योग
- वनों पर आधारित उद्योग
- पशु आधारित उद्योग
- उत्पादन/ उत्पाद आधारित उद्योग
- स्वामित्व के आधार पर उद्योग
- परंपरागत बड़े पैमाने वाले औद्योगिक प्रदेश
- जर्मनी का रुहर कोयला क्षेत्र
- लौह इस्पात उद्योग
- सूती कपड़ा उद्योग
- उच्च प्रौद्योगिकी उद्योग की संकल्पना
- तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलाप का परिचय
- तृतीयक क्रियाकलापों के प्रकार
- व्यापार और वाणिज्य
- फुटकर व्यापार
- थोक व्यापार
- परिवहन
- संचार
- दूरसंचार
- सेवाएँ
- तृतीयक क्रियाकलापों में संलग्न लोग
- कुछ चयनित उदाहरण
- पर्यटन
- पर्यटक प्रदेश
- पर्यटन को प्रभावित करने वाले कारक
- पर्यटन आकर्षण
- भारत में समुद्रपार रोगियों के लिए स्वास्थ्य सेवाएँ
- चतुर्थ क्रियाकलाप
- पंचम क्रियाकलाप
- अंकीय विभाजक
- परिवहन एवं संचार का परिचय
- परिवहन (यातायात)
- सड़कमार्ग
- रेलमार्ग
- जलमार्ग
- वायुमार्ग
- परिवहन की विधाएँ
- सड़क परिवहन
- महामार्ग
- सीमावर्ती सड़कें
- रेलमार्ग
- पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग
- पार-साइबेरियन रेलमार्ग
- पार-कैनेडियन रेलमार्ग
- संघ और प्रशांत रेलमार्ग
- आस्ट्रेलियाई पारमहाद्वीपीय रेलमार्ग
- ओरिएंट एक्सप्रेस
- जल परिवहन
- समुद्री मार्ग
- महत्त्वपूर्ण समुद्री मार्ग
- उत्तरी अटलांटिक समुद्री मार्ग
- भूमध्यसागर-हिंदमहासागरीय समुद्री मार्ग
- उत्तमाशा अंतरीप समुद्री मार्ग
- दक्षिणी अटलांटिक समुद्री मार्ग
- उत्तरी प्रशांत समुद्री मार्ग
- दक्षिणी प्रशांत समुद्री मार्ग
- तटीय नौ परिवहन
- नौ परिवहन नहरें
- स्वेज नहर
- पनामा नहर
- आंतरिक जलमार्ग
- राइन जलमार्ग
- डेन्यूब जलमार्ग
- वोल्गा जलमार्ग
- वृहद झीलें सेंट लारेंस समुद्रीमार्ग
- मिसीसिपी जलमार्ग
- वायु परिवहन
- अंतर-महाद्दीपीय वायुमार्ग
- पाइपलाइन
- संचार
- उपग्रह संचार
- साइबर स्पेस-इंटरनेट
- अंतराष्ट्रीय व्यपार का परिचय
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का इतिहास
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार अस्तित्व में क्यों है?
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के आधार
- राष्ट्रीय संसाधनों में भिन्नता
- जनसंख्या कारक
- आर्थिक विकास की प्रावस्था
- विदेशी निवेश की सीमा
- परिवहन
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के महत्त्वपूर्ण पक्ष
- व्यापार का परिमाण
- व्यापार संयोजन
- व्यापार की दिशा
- व्यापार संतुलन
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रकार
- मुक्त व्यापार की स्थिति
- विश्व व्यापार संगठन
- प्रादेशिक व्यापार समूह
- अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित मामले
- पत्तन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के प्रवेश द्वारा
- पत्तन
- पत्तन के प्रकार
- अवस्थिति के आधार पर पत्तनों के प्रकार
- विशिष्टीकृत कार्यकलापों के आधार पर पत्तनों के प्रकार
- मानव बस्ती का परिचय
- बस्तियों का वर्गीकरण- ग्रामीण नगरीय व्दिभाजन
- बस्तियों के प्रकार एवं प्रतिरूप
- ग्रामीण बस्ती
- जल आपूर्ति
- भूमि
- उच्च भूमि के क्षेत्र
- गृह निर्माण समाग्री
- सुरक्षा
- नियोजित बस्तियाँ
- ग्रामीण बस्तियों के प्रतिरूप
- ग्रामीण बस्तियों की समस्याएँ
- नागरीय बस्तियाँ
- नागरीय बस्तियों का वर्गीकरण
- जनमंख्या का आकार
- व्यावसायिक संरचना
- प्रशासन
- स्थिति
- नगरीय क्षेत्रों के कार्य
- प्रशासनिक नगर
- व्यापारिक एवं व्यावसायिक नगर
- सांस्कृतिक नगर
- आकृति के आधार पर नगरों का वर्गीकरण
- अदीस अबाबा (नवीन पुष्प)
- केनबेरा
- नगरीय बस्तियों के प्रकार
- नगर
- शहर सन्नगर
- मिलियन सिटी
- विश्वनगरी
- मेगासिटी का वितरण
- विकासशील देशों में मानव बस्तियों की समस्याएँ
- नगरीय बस्तियों की समस्याएँ
- आर्थिक समस्याएँ
- सामाजिक-सांस्कृतिक समस्याएँ
- पर्यावरण संबंधी समस्याएँ
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) Syllabus for भारत : लोग और अर्थव्यवस्था
- जनसंख्या का वितरण
- जनसंख्या का घनत्व
- जनसंख्या की वृद्धि
- जनसंख्या वृद्धि में क्षेत्रीय भिन्नताएँ
- जनसंख्या संघटन
- ग्रामीण-नगरीय संघटन
- भाषाई संघटन
- भाषाई वर्गीकरण
- धार्मिक संघटन
- श्रमजीवी का संघटन
- सामाजिक अभियान के द्वारा जेंडर के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा
- "बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ"
- प्रवास : प्रकार, कारण और परिणाम
- प्रवास की धाराएँ
- प्रवास में स्थानिक विभिन्नता
- प्रवास के कारण
- प्रवास के परिणाम
- आर्थिक परिणाम
- जनांकिकीय परिणाम
- सामाजिक परिणाम
- पर्यावरणीय परिणाम
- अन्य
- मानव विकास का परिचय
- भारत में मानव विकास
- आर्थिक उपलब्धियों के सूचक
- स्वस्थ जीवन के सूचक
- सामाजिक सशक्तीकरण के सूचक
- भारत में मानव विकास सूचकांक
- जनसंख्या, पर्यावरण और विकास
- मानव बस्तियाँ
- ग्रामीण बस्तियों के प्रकार
- गुच्छित बस्तियाँ (Clustered Settlements)
- अर्थ गुच्छित बस्तियाँ (Semi-Clustered Settlements)
- पल्ली बस्तियाँ (Hamleted Settlements)
- परिक्षिप्त बस्तियाँ (Dispersed Settlements)
- नगरीय बस्तियाँ
- भारत में नगरों का विकास
- भारत में नगरीकरण
- जनसंख्या आकार के आधार पर नगरों का वर्गीकरण
- नगरों का प्रकार्यात्मक वर्गीकरण
- भूसंसाधन तथा कृषि का परिचय
- भू-उपयोग वर्गीकरण
- भारत में भू-उपयोग वर्गीकरण
- साझा संपत्ति संसाधन (Common Property Resources)
- भारत में कृषि भू-उपयोग
- भारत में फ़सल ऋतुएँ
- कृषि के प्रकार
- खाद्यान्न फ़सल
- तिलहन
- रेशेदार फ़सले
- अन्य फ़सले
- भारत में कृषि विकास
- कृषि उत्पादन में वृद्धि तथा प्रौद्योगिकी का विकास
- भारतीय कृषि की समस्याएँ
- अनियमित मानसून पर निर्भरता
- निम्न उत्पादकता
- वित्तीय संसाधनों की बाध्यताएँ तथा ऋणग्रस्तता
- भूमि सुधारों की कमी
- छोटे खेत तथा विखंडित जोत
- वाणिज्यीकरण का अभाव
- व्यापक अल्प रोज़गारी
- कृषि योग्य भूमि का निम्नीकरण
- जल-संसाधन का परिचय
- भारत के जल-संसाधन
- धरातलीय जल-संसाधन
- भौम जल-संसाधन
- लैगून और पश्च जल
- जल की माँग और उपयोग
- सिंचाई के लिए जल की माँग
- संभावित जल समस्या
- जल के गुणों का हास
- जल संरक्षण और प्रबंधन
- जल प्रदूषण का निवारण
- जल का पुन: चक्र और पुन: उपयोग
- जल संभर प्रबंधन
- वर्षा जल संग्रहण
- खनिज तथा ऊर्जा संसाधन का परिचय
- खनिज संसाधनों के प्रकार
- भारत में खनिजों का वितरण
- उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश
- दक्षिण-पश्चिमी पठार प्रदेश
- उत्तर-पश्चिमी प्रदेश
- लौह खनिज
- अलौह-खनिज
- अधात्विक खनिज
- ऊर्जा संसाधन
- कोयल
- अपरंपरागत ऊर्जा स्रोत
- खनिज संसाधनों का संरक्षण
- निर्माण उद्योग का परिचय
- उद्योगों के प्रकार
- उद्योगों की स्थिति
- कच्चा माल
- शक्ति
- बाज़ार
- परिवहन
- श्रम
- ऐतिहासिक कारक
- औद्योगिक नीति
- मुख्य उद्योग
- लौह-इस्पात उद्योग
- एकीकृत इस्पात कारखाने
- सूती वस्त्र उद्योग
- चीनी उद्योग
- उद्योग की अवस्थिति
- पेट्रो-रसायन उद्योग
- ज्ञान-आधारित उद्योग
- भारत में उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण एवं औद्योगिक विकास
- भारत के औद्योगिक प्रदेश
- नियोजन
- लक्ष्य क्षेत्र नियोजन
- पर्वतीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम
- सूखा संभावी क्षेत्र विकास कार्यक्रम
- केस अध्ययन-भरमौर क्षेत्र में समन्वित जनजातीय विकास
- सतत पोषणीय विकास
- केस अध्ययन-इंदिरा गांधी नहर कमान क्षेत्र
- सतत पोषणीय विकास को बढ़ावा देने वाले उपाय
- परिवहन तथा संचार का परिचय
- स्थल परिवहन
- सड़क परिवहन
- राष्ट्रीय महामार्ग
- रेल परिवहन
- महासागरीय मार्ग
- वायु परिवहन
- तेल एवं गैस पाइप लाइन
- संचार जाल
- वैयक्तिक संचार तंत्र
- जनसंचार तंत्र
- पर्यावरण प्रदूषण
- जल प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- नगरीय अपशिष्ट निपटान
- ग्रामीण -शहरी प्रवास
- गंदी बस्तियों की समस्याएँ
- भू निम्नीकरण
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Geography (भूगोल) Syllabus for भूगोल में प्रयोगात्मक कार्य
- आंकड़े क्या हैं?
- आंकड़ों की आवश्यकता
- आंकड़ों का प्रस्तुतीकरण
- आंकड़ों के स्रोत
- प्राथमिक आंकड़ों के साधन
- व्यक्तिगत प्रेक्षण
- साक्षात्कार
- प्रश्नावली अनुसूची
- अन्य विधियाँ
- आंकड़ों के द्वितीयक स्रोत
- प्रकाशित साधन
- अप्रकाशित साधन
- आंकड़ों का सारणीयन और वर्गीकरण
- आंकड़ों का संग्रह और प्रस्तुतीकरण
- निरपेक्ष आंकड़ा
- प्रतिशत/ अनुपात
- सूचकांक
- आंकड़ों का प्रकमण
- आंकड़ों का वर्गीकरण
- वर्गीकरण की प्रक्रिया
- आवृत्ति वितरण
- केंद्रीय प्रवृत्ति के माप
- माध्य
- माध्यिका
- बहुलक
- अवर्गीकृत आंकड़ों से माध्य की गणना
- वर्गीकृत आंकड़ों से माध्य की गणना
- माध्यिका (माध्यक)
- अवर्गीकृत आंकड़ों के लिए माध्यिका की गणना
- वर्गीकृत आंकड़ों से माध्यिका की गणना
- बहुलक
- अवर्गीकृत आंकड़ों के लिए बहुलक की गणना
- माध्य माध्यिका तथा बहुलक की तुलना
- प्रकीर्णन के माप
- प्रकीर्णन के मापन की विधियाँ
- विस्तार
- मानक विचलन
- विचरण गुणांक (CV)
- कोटि सहसंबंध
- सहसंबंध की दिशा
- सहसंबंध की गहनता
- पूर्ण सहसंबंध
- अन्य सहसंबंध
- सहसंबंध की गणना करने की विधियाँ
- स्पीयरमैन का कोटि सहसंबंध
- आंकड़ों का प्रदर्शन
- आलेखों, आरेखों और मानचित्रों के चित्रांकन के सामान्य नियम
- उपयुक्त विधि का चयन
- उपयुक्त मापनी का चयन
- अभिकल्पना
- आरेखों की रचना
- रेखा ग्राफ़
- दंड आरेख
- वृत्त आरेख
- प्रवाह संचित्र
- थिमैटिक मानचित्र
- रचना विधि के आधार पर थिमैटिक मानचित्रों का वर्गीकरण
- बिंदुकित मानचित्र
- वर्णमात्री मानचित्र
- सममान रेखा मानचित्र
- एक कंप्यूटर क्या कर सकता है?
- हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर संबंधी आवश्कताएँ
- हार्डवेयर
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर
- आपके प्रयोग के लिए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर
- एम एस एक्सेल अथवा स्प्रैड शीट
- एक्सेल में आंकड़ा प्रविष्टि और भंडारण की प्रक्रिया
- आंकड़ो का प्रक्रमण और अभिकलन
- केंद्रीय प्रवृत्तियाँ
- आलेखों की रचना
- कंप्यूटर सहायक मानचित्रण
- स्थानिक आंकड़े
- गैर-स्थानिक आंकड़े
- भौगोलिक आंकड़ो के स्त्रोत्र
- मानचित्रण सॉफ्टवेयर तथा उनके प्रकार्य
- क्षेत्रीय सर्वेक्षण की कार्य विधि
- समस्या को परिभाषित करना
- उद्देश्य
- प्रयोजन
- विधियाँ एवं तकनीकें
- संकलन एवं परिकलन
- मानचित्रकारी अनुप्रयोग
- प्रस्तुतीकरण
- क्षेत्रीय सर्वेक्षण: एक चयनित अध्ययन
- विद्यार्थियों के लिए निर्देश
- गरीबी का क्षेत्रीय सर्वेक्षण: विस्तार, निर्धारक व परिणाम
- समस्या
- उद्देश्य
- व्याप्ति
- विधियाँ एवं तकनीकें
- संकलन एवं संगठन
- सूखे का क्षेत्रीय सर्वेक्षण: बेलगाँव जिला कर्नाटक का एक अध्ययन
- उद्देश्य
- व्याप्ति
- उपकरण व तकनीकें
- स्थानिक सूचना प्रौद्योगिकी
- स्थानिक सूचना प्रौद्योगिकी क्या है?
- भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS)
- भौगोलिक सूचना तंत्र (GIS) क्या है?
- भौगोलिक सूचना के प्रकार
- हस्तेन विधियों की तुलना में भौगोलिक सूचना तंत्र के लाभ
- भौगोलिक सूचना तंत्र के घटक
- हार्डवेयर
- सॉफ्टवेयर
- आंकड़े
- लोग
- प्रक्रिया
- स्थानिक आंकड़ा फॉर्मेट
- चित्ररेखापुँज आंकड़ा फॉर्मेट
- सदिश आंकड़ा फॉर्मेट
- भौगोलिक सूचना तंत्र की क्रियाओं का अनुक्रम
- स्थानिक आंकड़ा निवेश
- गुण न्यास की प्रविष्टि
- आंकड़ों का सत्यापन और संपादन
- भौगोलिक आंकड़े: सहलग्नता और सुमेलन
- स्थानिक विश्लेषण