CBSE Syllabus For Class 12 [१२ वीं कक्षा] Chemistry (रसायन विज्ञान): Knowing the Syllabus is very important for the students of Class 12 [१२ वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.
The CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Chemistry (रसायन विज्ञान) syllabus for the academic year 2023-2024 is based on the Board's guidelines. Students should read the Class 12 [१२ वीं कक्षा] Chemistry (रसायन विज्ञान) Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.
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CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Chemistry (रसायन विज्ञान) Revised Syllabus
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Chemistry (रसायन विज्ञान) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Chemistry (रसायन विज्ञान) Course Structure 2023-2024 With Marking Scheme
# | Unit/Topic | Weightage |
---|---|---|
1 | ठोस अवस्था | |
2 | विलयन | |
3 | वैधुतरसायन | |
4 | रासायनिक बलगतिकी | |
5 | पृष्ठ रसायन | |
6 | तत्वों के निष्कर्षण के सिद्धांत एवं प्रक्रम | |
7 | p- ब्लॉक के तत्व | |
8 | d- एवं f- ब्लॉक के तत्व | |
9 | उपसहसंयोजन यौगिक | |
10 | हैलाेऐक्लेन तथा हैलाेऐरिन | |
11 | ऐल्कोहॉल, फ़िनॉल एवं ईथर | |
12 | ऐल्डिहाइड, कीटोन एवं काबोंक्सिलिक अम्ल | |
13 | ऐमीन | |
14 | जैव-अणु | |
15 | बहुलक | |
16 | दैनिक जीवन में रसायन | |
Total | - |
Syllabus
- ठोस अवस्था के सामान्य अभिलक्षण
- अक्रिस्टलीय एवं क्रिस्टलीय ठोस
- क्रिस्टलीय ठोसों का वर्गीकरण
- आण्विक ठोस
- आयनिक ठोस
- धात्विक ठोस
- सहंसयोजक अथवा नेटवर्क ठोस
- क्रिस्टल जालक और एकक कोष्ठिका
- आद्य एवं केंद्रित एकक कोष्ठिका
- एक एकक कोष्ठिका में अवयवी कणों की संख्या
- आद्य धनीय एकक कोष्ठिका
- अंतः केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका
- फलक - केंद्रित घनीय एकक कोष्ठिका
- निविड संकुलित सांरचना
- यौगिक का सूत्र और संपूरित रिक्तियों की संख्या
- संकुलन क्षमता
- hcp और ccp संरचनाओं में संकुलन क्षमता
- अंतः केंद्रित संरचनाओं में संकुलन क्षमता
- सरल घनीय जालक में संकुलन क्षमता
- एकक कोष्ठिका विमा संबंधी गणनाएं
- ठोसों में अपूर्णताएं
- बिंदू दोषों के प्रकार
- विघुतीय गुण
- धातुओं में विघुत चालन
- अर्धचालकों में विघुत चालन
- चुंबकीय गुण
- विलयनों के प्रकार
- विलयनों की सांद्रता को व्यक्त करना
- विलेयता
- ठोसों की द्रवों में विलेयता
- गैसों की द्रवों में विलेयता
- द्रवीय विलयनों का वाष्प दाब
- द्रव - द्रव विलयनों का वाष्प दाब
- राउल्ट का नियम; हेनरी के नियम की एक विशेष स्थिति
- ठोस पदार्थों का द्रवों में विलयन एंव उनका वाष्पदाब
- आदर्श एंव अनादर्श विलयन
- आदर्श विलयन
- अनादर्श विलयन
- अनुसंख्य गुणधर्म और आण्विक द्रव्यमान की गणना
- वाष्प दाब का आपैक्षिक अवनमन
- क्वथनांक का उन्नयन
- हिमांक का अवनमन
- परासरण एंव परासरण दाब
- प्रतिलोम परासरण एंव जल शोधन
- असामान्य मोलर द्रव्यमान
- वेघुत रासायनिक सेल
- गैल्वेनी सेल
- इलैक्ट्रोल विभव का मापन
- नेर्नस्ट समीकरण
- नेर्नस्ट समीकरण से साम्य स्थिरांक
- नेर्नस्टसमीकरण सेल अभिक्रिया की गिब्ज ऊर्जा
- वैघुत अपघटनी विलयनों का चालकत्व
- आयनिक विलयनों की चालकता का मापन
- वैघुतअपघटनी सेल एवं वैघुतअपघटन
- वैघुतअपघटन का उत्पाद
- बैटरियाँ
- प्राथमिक बैटरियाँ
- संचायक बैटरियाँ
- ईंधन सेल
- संक्षारण
- रासायनिक अभिक्रिया वेग
- अभिक्रिया वेग को प्रभावित करने वाले कारक
- समाकलित वेग समीकरण
- शून्य कोटि की अभिक्रियाएँ
- प्रथम कोटि की अभिक्रियाएँ
- अभिक्रिया की अर्धायु
- अभिक्रिया वेग की ताप पर निर्भरता
- उत्प्रेरक का प्रभाव
- अभिक्रिया का रासायनिक संघट्ट सिध्दांत
- अधिशोषण
- अधिशोषण एवं अवशोषण में विभेद
- अधिशोषण की क्रियाविधी
- अधिशोषण के प्रकार
- अधिशोषण समतापी
- विलयन प्रावस्था से अधिशोषण
- अधिशोषण के अनुप्रयोग
- उत्प्रेरण
- समांगी एवं विषमांगी उत्प्रेरण
- विषमांगी उत्प्रेरण का अधिशोषण सिद्धांत
- जिओलाइटों का आकार वरणात्मक उत्प्रेरण
- एन्जाइम उत्प्रेरण
- उद्योगों में उत्पेरण
- कोलॉइड
- कोलॉइडी
- परिक्षिप्त प्रावस्था एवं परिक्षेपण माध्यम की भौतिक अवस्था के आधार पर वर्गीकरण
- परिक्षिप्त प्रावस्था एवं परिक्षेपण माध्यम के मध्य अन्योन्यक्रिया की प्रकृति के आधार पर वर्गीकरण
- परिक्षिप्त प्रावस्था के कणों के प्रकार पर आधारित वर्गीकरण- बहुआणवित बृहदाणित तथा सहचारी कोलॉइड
- कोलॉइड बनाना
- कोलॉइड विलयनों का शुद्धिकरण
- कोलॉइड विलयनों के गुण
- इमल्शन (पायस)
- हमारे चारों और कोलॉइड
- धातुओं की उपलब्धता
- अयस्कों का सांद्रण
- दवीय धावन
- चुंबकीय प्रशक्करण
- फेन प्लवन विधि
- निक्षालन
- सांद्रित अयस्कों से अशोधित धातुओं का निष्कर्षण
- धातुकर्मिकी के उष्मागतिकी सिद्धांत
- अनुप्रयोग
- धातुकर्म का वैद्युतरसायन सिद्धांत
- ऑक्सीकरण अपचयन
- शोधन
- ऐलुमिनियम कॉपर ज़िक तथा लोहे के उपयोग
- उपलब्धता
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
- परमाणु एवं आयनी त्रिज्या
- आयनन एनभैल्पी
- भौतिक गुण
- विद्युतऋणात्मकता
- रासायनिक गुण
- वर्ग 15 के तत्व
- डाइनाइट्रोजन
- अमोनिक
- नाइट्रोजन के ऑक्साइड
- नाइट्रिक अम्ल
- फ़ॉस्फ़ोरस के अपररूप
- फ़ॉफ़ीन
- फ़ॉस्फ़ोरस के हैलाइड
- फ़ॉस्फ़ोरस ट्राईक्लोराइड
- फ़ॉस्फ़ोरस पेन्टाक्लोराइड
- फ़ॉस्फ़ोरस के आक्सोअमल
- वर्ग 16 के तत्व
- उपलब्धता
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
- परमाणु तथा आयनी त्रिज्या
- अयनन एन्थैल्पी
- इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी
- विद्युतऋणात्मकता
- भौतिक गुण
- रासायनिक गुण
- डाइऑक्सीजन
- सामान्य ऑक्साइड
- ओज़ोन
- सल्फर के अपररूप
- सल्फर डाइऑक्साइड
- सल्फर के ऑक्सोअम्ल
- सल्फ्यूरिक अम्ल
- वर्ग 17 के तत्व
- उपलब्धता
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
- परमाणु तथा आयनी त्रिज्या
- अयनन एन्थैल्पी
- इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी
- विद्युतऋणात्मकता
- भौतिक गुण
- रासायनिक गुण
- क्लोरीन
- हाइड्रोजन क्लोराइड
- हैलोजनों के ऑक्सोअम्ल
- अंतराहैलोजन यौगिक
- वर्ग 18 के तत्व
- उपलब्धता
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
- परमाणु तथा आयनी त्रिज्या
- अयनन एन्थैल्पी
- इलेक्ट्रॉन लब्धि एन्थैल्पी
- विद्युतऋणात्मकता
- भौतिक गुण
- रासायनिक गुण
- आवर्त सारणी में स्थिति
- d-ब्लॉक तत्वों के इलेक्ट्रोनिक विन्यास
- संक्रमण तत्वों (d-ब्लॉक) के सामान्य गुण
- भौतिक गुण
- संक्रमण धातुओं के परमाण्विक एवं आयनिक आकारों में परिवर्तन
- आयनन एन्थैल्पी
- ऑक्सीकरण अवस्था
- M2+/M मानक इलैक्ट्रोड विभवों में प्रवृत्तियाँ
- मानक इलैक्ट्रोड विभवों M3+/M2+ में प्रवृत्तियाँ
- उच्चतम ऑक्सीकरण अवस्थाओं के स्थायित्व की प्रवृत्तियाँ
- रासायनिक अभिक्रियाशीलता Eθ एवं मान
- चुबंकीय गुण
- रंगीन आयनों का बनना
- संकुल यौगिकों का बनना
- उत्प्रेरकीय गुण
- अंतराकाशी यौगिकों का बनना
- मिश्रातुओं का बनना
- संक्रमण तत्वों के कुछ महत्वपूर्ण यौगिक
- धातुओं के आक्साइड एवं ऑक्सो - ॠणायन
- लैन्थेनॉयड
- इलेक्ट्रॉनिक विन्यास
- परमाणु एवं आयनिक आकार
- ऑक्सीकरण अवस्थाएं
- सामान्य अभिलक्षण
- एक्टिनॉयड
- इलेक्ट्रोनिक विन्यास
- आयनिक आकार
- ऑक्सीकरण अवस्थाएं
- सामान्य अभिलक्षण तथा लैन्थेनॉयडो से तुलना
- d-एवं f-ब्लॉक तत्वों के कुछ अनुप्रयोग
- उपसहसंयोजन यौगिकों का वर्नर का सिद्धांत
- उपसहसंयोजन यौगिकों से संबंधित कुछ प्रमुख पारिभाषिक शब्द व उनकी परिभाषाएं
- उपसहसंयोजन योगिकों का नामकरण
- एककेंद्रकीय उपसहसंयोजन योगिकों के सूत्र
- एककेंद्रकीय उपसहसंयोजन योगिकों का नामकरण
- उपसहसंयोजन योगिकों में समावयवता
- ज्यामितीय समावयवता
- ध्रुवण समावयवता
- बंधनी समावयवता
- उपसहसंयोजन समावयवता
- आयनन समावयवता
- विलायकयोजन समावयवता
- उपसहसंयोजन योगिकों में आंबधन
- संयोजकता आबंध सिध्दांत
- उपसहसंयोजन योगिकों के चुंबकीय गुण
- संयोजकता आबंध सिध्दांत की सीमाएं
- क्रिष्टल क्षेत्र सिध्दांत
- उपसहसंयोजन योगिकों में रंग
- क्रिष्टल क्षेत्र सिध्दांत की सीमाएं
- धातु कार्बोनिलो में आबंधन
- उपसहसंयोजन योगिकों का महत्व तथा अनुप्रयोग
- वर्गीकरण
- हैलोजन परमाणुओं की संख्या के आधार पर
- sp3 C - X आबंध युक्त यौगिक
- sp2 C - X आबंध युक्त यौगिक
- ऐल्कोहॉल मोनो, डाइ, ट्राइ एवं पॉलीहाइड्रिक ऐल्कोहॉल
- फ़िनॉल मोनो, डाइ, ट्राइ एवं हाइड्रिक फ़िनॉल
- ईथर
- नामपद्धति
- C-X आबंध की प्राकृति
- ऐल्किल हैलाइडों के विरचन की विधियाँ
- ऐल्कोहाँलों से
- हाइड्रोकार्बनों से
- हैलोजन विनिमय द्वारा
- हैलोएरीनों का विरचन
- भौतिक गुणधर्म
- रासायनिक अभिक्रियाएँ
- हैलोएल्केनों की अभिक्रियाएँ
- हैलोएरनों की अभिक्रियाएँ
- अभिक्रियाएँ जिनमें O-H आबंध का विदलन होता है
- C-OH आबंध विदलन संबंधी अभिक्रियाएँ
- कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) संबंधी अभिक्रियाएँ
- हाइड्रोकार्बन भाग में प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
- पॉलिहैलोजन यौगिक
- डाइक्लोरोमेथेन
- ट्राइक्लोरोमेथेन
- टेट्राइक्लोरोमेथेन
- ट्राइआयोडोमेथेन
- फ्रेऑन
- p-p'-डाइ-क्लोरोडाइफेनिल-ट्राइक्लोरो एथेन (DDT)
- वर्गीकरण
- हैलोजन परमाणुओं की संख्या के आधार पर
- sp3 C - X आबंध युक्त यौगिक
- sp2 C - X आबंध युक्त यौगिक
- ऐल्कोहॉल मोनो, डाइ, ट्राइ एवं पॉलीहाइड्रिक ऐल्कोहॉल
- फ़िनॉल मोनो, डाइ, ट्राइ एवं हाइड्रिक फ़िनॉल
- ईथर
- नामपद्धति
- प्रकार्यात्मक समूहों की संरचनाएँ
- ऐल्कोहॉली और फ़िनॉलो का विरचन
- ऐल्कोहॉली का विरचन
- फ़िनॉलो का विरचन
- भौतिक गुणधर्म
- रासायनिक अभिक्रियाएँ
- औद्योगिक महत्व के कुछ ऐल्कोहॉल
- ईथर
- ईथरों का विरचन
- भौतिक गुणधर्म
- रासायनिक अभिक्रियाएँ
- कार्बोनिल यौगिकों का नामकरण एवं संरचना
- नामपद्धति
- कार्बोनिल समूह की संरचना
- ऐल्डिहाइडों एवं कीटोनों का विरचन
- ऐल्डिहाइडों एवं कीटोनों का विरचन
- ऐल्डिहाइडों का विरचन
- कीटोनों का विरचन
- ऐल्डिहाइडों एवं कीटोनों का उपयोग
- कार्बोक्सिलिक समूह की नामपद्धति व संरचना
- नामपद्धति
- कार्बोक्सिलिक समूह की संरचना
- कार्बोक्सिलिक अम्ल बनाने की विधियाँ
- भौतिक गुणधर्म
- रासायनिक अभिक्रियाएँ
- हैलोएल्केनों की अभिक्रियाएँ
- हैलोएरनों की अभिक्रियाएँ
- अभिक्रियाएँ जिनमें O-H आबंध का विदलन होता है
- C-OH आबंध विदलन संबंधी अभिक्रियाएँ
- कार्बोक्सिलिक समूह (-COOH) संबंधी अभिक्रियाएँ
- हाइड्रोकार्बन भाग में प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
- कार्बोक्सिलिक अम्लों के उपयोग
- ऐमीन
- ऐमीनों का विरचन
- नाइट्रो यौगिकों का अपचयन
- ऐल्किल हैलाइडों का ऐमोनीअपघटन
- नाइट्राइलों का अपचयन
- ऐमाइडों का अपचयन
- गैब्रिएल थैलिमाइड संश्लेषण
- हॉफमान ब्रोमामाइड निम्नीकरण अभिक्रिया
- ऐमीनों की रासायनिक अभिक्रियाएँ
- ऐमीनों का क्षारकीय गुण
ऐमीनों की संरचना तथा क्षारकता में संबंध
(क) ऐल्केनेमीन बनाम अमोनिया
(ख) ऐरिलऐमीन बनाम अमोनिया - ऐल्किलन
- ऐसिलन
- कर्बिलऐमीन अभिक्रिया
- नाइट्रस अम्ल से अभिक्रिया
- ऐरिलसल्फोनिल क्लोराइड से अभिक्रिया
- इलेक्ट्रॉनरागी प्रतिस्थापन
(क) ब्रोमीनन
(ख) नाइट्रोकरण
(ग) सल्फोनेशन
- ऐमीनों का क्षारकीय गुण
- ऐमीनों का विरचन
- डाइऐज़ोनियम लवण
- डाइएजोनियम लवणों की रासायनिक अभिक्रियाएँ
(क) नाइट्रोजन प्रतिस्थापन अभिक्रियाएँ
- हैलाइड अथवा साइनाइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन
- आयोडाइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन
- फ्लोराइड आयन द्वारा प्रतिस्थापन
- H द्वारा प्रतिस्थापन
- हाइड्रॉक्सिल समूह द्वारा प्रतिस्थापन
- -NO2 समूह द्वारा प्रतिस्थापन
(ख) अभिक्रियाएँ जिनमें डाइएज़ो समूह सुरक्षित रहता है युग्मन अभिक्रियाएँ
- डाइएजोनियम लवणों की रासायनिक अभिक्रियाएँ
- कार्बोहाइड्रेट
- कार्बोहाइड्रेट
- कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण
- मोनोसैकैराइड
- ग्लूकोस
1) ग्लूकोस को बनाने की विधियाँ
2) ग्लूकोस की संरचना
3) ग्लूकोस की चक्रीय संरचना - फ्रुक्टोज़ (फल शर्करा)
1) फ्रुक्टोज़ की संरचना - डाइसैकैराइड
- पॉलिसैकैराइड
- कार्बोहाइड्रेटों का महत्त्व
- प्रोटीन
- प्रोटीन
- ऐमीनो आम्ल
- ऐमीनो अम्लों का वर्गीकरण
- प्रोटीनों की संरचना
(अ) रेशेदार प्रोटीन
(ब) गोलिकाकार प्रोटीन
(i) प्रोटीन की प्राथमिक संरचना
(ii) प्रोटीनों की द्वितीयक संरचना
(iii) प्रोटीन की तृतीयक संरचना
(iv) प्रोटीन की चतुष्क संरचना - प्रोटीन का विकृतीकरण
- एन्जाइम
- एन्जाइम
- एन्जाइम क्रिया की क्रियाविधि
- विटामिन
- विटामिन
- विटामिनों का वर्गीकरण
(i) वसा विलेय विटामिन
(ii) जल में विलेय विटामिन
- न्यूक्लीक अम्ल
- न्यूक्लीक अम्ल
- न्यूक्लीक अम्लों का रासायनिक संघटन
- न्यूक्लीक अम्ल की संरचना
- न्यूक्लीक अम्ल के जैविक कार्य
- हार्मोन
- बहुलक
- अवर्गीकृत आंकड़ों के लिए बहुलक की गणना
- बहुलकों का वर्गीकरण
- स्त्रोत पर आधारित वर्गीकरण
1) प्राकृतिक बहुलक
2) अर्ध-संश्लेषित बहुलक
3) संश्लेषित बहुलक
- स्त्रोत पर आधारित वर्गीकरण
- बहुलकन के प्रकार
1) योगात्मक बहुलकन अथवा शृंखला वृद्धि बहुलकन
- योगात्मक बहुलकन की क्रियाविधि
1) मुक्त मूलक क्रियाविधि
2) शृंखला समापन पद - (i) शृंखला प्रारंभक पद, (ii) शृंखला संरचण पद - कुछ महत्वपूर्ण योगज बहुलक
(क) पॉलिथीन
i) अल्प घनत्व पॉलिथीन
ii) उच्च घनत्व पॉलिथीन
(ख) पॉलिटेट्राफ्लुओरोएथीन (टेफलॉन)
(ग) पॉलिऐक्रिलोनाइट्राइल
2) संघनन बहुलकन अथवा पदश: वृद्धि बहुलकन
- कुछ महत्त्वपूर्ण संघनन बहुलक
(क) पॉलिएमाइड - नायलॉन, नायलॉन 6,6, नायलॉन 6
(ख) पॉलिएस्टर
(ग) फ्रीनॉल-फॉर्मेल्डीहाइड बहुलक (बैकेलाईड और संबंधित बहुलक)
(घ) मेलैमिन-फॉर्मेल्डीहाइड बहुलक
3) सहबहुलकन
4) रबर- रबर का वर्गीकरण
1) प्राकृतिक रबर - रबर का वल्कनीकरण
2) संश्लेषित रबर - रबर का वल्कनीकरण
- संश्लेषित रबर का विरचन
1) निओप्रिन
2) ब्यूना - N
- योगात्मक बहुलकन की क्रियाविधि
- बहुलकों का आण्विक द्रव्यमान
- जैव-निम्ननीकरणीय बहुलक
- पॉलि β-हाइड्रॉक्सीब्यूटिरेट -को-β-हाइड्रोक्सी वैलेरेट (PHBV)
- नाइलॉन 2 - नाइलॉन 6
- व्यापारिक महत्व के कुछ बहुलक
- दैनिक जीवन में रसायन
- औषध तथा उनका वर्गीकरण
- औषध का वर्गीकरण
(क) भेषजगुणविज्ञानीय (फार्माकोलोजिकल) प्रभाव के आधार पर
(ख) औषध के प्रभाव पर आधारित
(ग) रासायनिक संरचना पर आधारित
(घ) लक्ष्य-अणुओं पर आधारित
- औषध का वर्गीकरण
- औषध-लक्ष्य अन्योन्यक्रिया
- एन्जाइम औषध लक्ष्य की तरह
(क) एन्जाइम का उत्प्रेरक कार्य
(ख) औषध-एन्जाइम अन्योन्यक्रिया
(i) स्पर्धी संदमक
(ii) ऐलोस्टीरिक सतह - ग्राही, औषध लक्ष्य की तरह
- एन्जाइम औषध लक्ष्य की तरह
- विभिन्न वर्गों की औषधों के चिकित्सीय प्रभाव
- प्रति-अम्ल
- प्रतिहिस्टैमिन
- तंत्रिकीय सक्रीय औषध
(क) प्रशांतक
(ख) पीड़ाहारी - अस्वापक (नॉन नारकोटिक) पीड़ाहारी, स्वापक (नारकोटिक ऐनेल्जेसिक) पीड़ाहारी - प्रतिसूक्ष्मजैविक
(क) प्रतिजैविक (एन्टिबॉयोटिक)
(ख) पूतिरोधी तथा विसंक्रामि (रोगाणुनाशी) - प्रतिजननक्षमता औषध
- भोजन में रसायन
- कृत्रिम मधुरक
- खाद्य परिरक्षक
- प्रतिऑक्सीकारक
- शोधन अभिकर्मक
- साबुन
- साबुन के प्रकार
- साबुन कठोर जल में कार्य क्यों नहीं करते?
- संश्लिष्ट अपमार्जक
i) ऋणायनी अपमार्जक
ii) धनायनी अपमार्जक
iii) अनायनिक अपमार्जक