CBSE Syllabus For Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र): Knowing the Syllabus is very important for the students of Class 12 [१२ वीं कक्षा]. Shaalaa has also provided a list of topics that every student needs to understand.
The CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) syllabus for the academic year 2023-2024 is based on the Board's guidelines. Students should read the Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) Syllabus to learn about the subject's subjects and subtopics.
Students will discover the unit names, chapters under each unit, and subtopics under each chapter in the CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) Syllabus pdf 2023-2024. They will also receive a complete practical syllabus for Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) in addition to this.
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) Revised Syllabus
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) and their Unit wise marks distribution
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) Course Structure 2023-2024 With Marking Scheme
Syllabus
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) Syllabus for अलाभकारी संस्थाएँ एवं साझेदारी खाते
- अलाभकारी संस्थाओं का अधं एवं विशेषताएँ
- अलाभकारी संस्थाओं के अभिलेखों का लेखांकर
- प्राप्ति एवं भुगतान खाता
- विशिष्ट लक्षण
- प्राप्ति एवं भुगतान खाता बनाने में निहित चरण
- आय और व्यय खाता
- आय और व्यय खाता बनाने में निहित चरण
- आय और व्यय खाता और प्राप्ति एवं भुगतान खाते के बीच अंतर
- तुलन पत्र
- तुलन पत्र का निर्माण
- तुलन पत्र की प्रासंगिक मदें
- परिसंपत्तियों और दायित्वों का क्रमबद्धीकरण और समूहीकरण
- कुछ विशिष्ट मदें
- तलपट पर आधारित आय और व्यय खाता
- साझेदारी की प्रकृति
- साझेदारी विलेख
- लेखांकन हेतू अनुकूल प्रावधान
- साझेदारी खातों के विशिष्ट पहलू
- साझेदारों के पूँजी खातों का अनुरक्षण
- स्थिर एवं अस्थिर पूँजी खातों के बीच अंतर
- साझेदारों के बीच लाभ का विभाजन
- लाभ एवं हानि विनियोग खाता
- पूँजी पर ब्याज का परिकलन
- आहरणों पर ब्याज
- एक साझेदार को लाभ की गारंटी
- पूर्व समायोजन
- साझेदारी फर्म के पुनर्गठन के प्रकार
- साझेदार का प्रवेश
- नया लाभ विभाजन अनुपात
- त्याग अनुपात
- ख्याति
- ख्याति का अर्थ
- ख्याति के मूल्य को प्रभावित करने वाले घटक
- ख्याति के मूल्यांकर की विधियाँ
- ख्याति के मूल्यांकर की अवश्यकता
- ख्याति का व्यवहार
- संचित लाभों और हानियों का समायोजन
- परिसंपत्तियों का पुनर्मूल्यांकर और दायित्वों का पुनर्निर्धारण
- पूँजी का समायोजन
- वर्तमन साझेदारों के लाभ विभाजन अनुपात में परिवर्तन
- सेवानिवृत्त/मृत्त साझेदार को देय राशि का निर्धारण
- नया लाभ विभाजन अनुपात
- अभिलाभ अनुपात
- ख्याति का व्यवहार
- जब ख्याति पुस्तकों में विधामन नहीं है
- प्रछन्न ख्याति
- परिसंपत्तियों तथा दायित्वों के पुनर्भूल्यांकर के लिए समायोजन
- संचित लाभों तथा हानियों का समायोजन
- सेवानिवृत्त साझेदार को देय राशि का निपटारा
- साझेदारों की पूँजी का समायोजन
- साझेदार की मृत्यु
- साझेदारी का विघटन
- फर्म का विघटन
- खातों का निपटारा
- लेखांकर व्यवहार
- रोज़नामचा प्रविष्टियाँ
CBSE Class 12 [१२ वीं कक्षा] Accountancy (लेखाशास्त्र) Syllabus for कंपनी खाते एवं वित्तीय विवरणों का विश्लेषण
- कंपनी की विशेषताएँ
- कंपनी के प्रकार
- कंपनी के अंशपूँजी
- अंशपूँजी का वर्गीकरण
- अशों की श्रेणियाँ एवं प्रकृति
- अधिमानी अंश
- समता अंश
- अशों का निर्गमन
- लेखांकर व्यवहार
- बकाया माँग
- अग्रिम माँग खाता
- अधि अभिदान
- अंशो का अधि मूल्य पर निर्गमन
- अंशो का न्यून अभिदान
- अंशो का बट्टे पर निर्गमन
- रोकड़ के अतिरिक्त प्रतिफल में अंशो का निर्गमन
- अशों का हरण
- हरण किए गए अशों का पुनः निर्गमन
- ॠणपत्र का आशय
- अंश और ॠणपत्र के बीच अंतर
- ॠणपत्रों के प्रकार
- सुरक्षा के दृष्टिकोण से
- अवधि के दृष्टिकोण से
- परिवर्तनीयता के दृष्टिकोण से
- कूपन दर के दृष्टिकोण से
- पंजीकरण के दृष्टिकोण से
- ॠणपत्रों का निर्गम
- रोकड़ के लिए ॠणपत्र का निर्गम
- बट्टे पर ॠणपत्र का निर्गम
- प्रीमियम पर निर्गमित ॠणपत्र
- अधि-अभिदान
- रोकड़ के अतिरिक्त अन्य प्रतिफल पर ॠणपत्रों का निर्गम
- ॠणपत्रों का संपाश्विक प्रतिभूति के रूप में निर्गमन
- ॠणपत्रों को निर्गमत करने की शर्तें
- ॠणपत्रों पर ब्याज
- लेखांकर व्यवहार
- बट्टी का अपलेखन/ॠणपत्रों के निर्गम पर हानि
- ॠणपत्रों का मोचन
- एकमुश्त भुगतान व्दारा मोचन
- किस्तों में भुगतान व्दारा मोचन
- खुले बाज़ार में क्रय व्दारा मोचन
- परिवर्तन व्दारा मोचन
- वित्तीया विवरणों का अर्थ
- वित्तीया विवरणों की प्रकृति
- वित्तीया विवरणों के उद्देश्य
- वित्तीया विवरणों के प्रकार
- तुलन पत्र का प्रारूप एवं विषय-साम्रगी
- प्रकटन की प्रमुख विशेषताएँ
- अंशधारक निधियाँ
- वित्तीया विवरणों की उपयोगिता एवं महत्व
- वित्तीया विवरणों की सीमाएँ
- लेखांकर अनुपात का अर्थ
- अनुपात विश्लेषण के उद्देश्य
- अनुपात विश्लेषण के लाभ
- अनुपात विश्लेषण के सीमाएँ
- अनुपातों के प्रकार
- द्रवता अनुपात
- चालू अनुपात
- तरल अनुपात
- ॠण शोधन क्षमता अनुपात
- ॠण समता अनुपात
- ॠण पर नियोजित पूँजी अनुपात
- स्वामित्व अनुपात
- कुल परिसंपत्तियों पर ॠण अनुपात
- ब्याज व्याप्ति अनुपात
- क्रियाशीलता (या आवर्त) अनुपात
- रहतिया आवर्त अनुपात
- व्यापारिक प्राप्य आवर्त अनुपात
- व्यापारिक देय आवर्त अनुपात
- निवल परिसंपत्तियाँ अथवा आवर्त अनुपात
- लाभ प्रदता अनुपात
- सकल लाभ अनुपात
- प्रचालन अनुपात
- प्रचालन लाभ अनुपात
- निवल लाभ अनुपात
- नियोजित पूँजी अथवा निवेश पर प्रत्याय
- अंशधारक निधि पर प्रत्याय
- प्रति अंश अर्जन
- प्रति अंश पुस्तक मूल्य
- लाभांश भुगतान अनुपात
- मूल्य अर्जन अनुपात
- रोकड़ प्रवाह विवरण के उद्देश्य
- रोकड़ प्रवाह विवरण के लाभ
- रोकड़ एवं रोकड़ तुल्यराशियाँ
- रोकड़ प्रवाह
- रोकड़ प्रवाह विवरण को तैयार करने हेतु क्रियाकलापों का वर्गीकरण
- प्रचालन क्रियाकलाप से रोकड़
- निवेश क्रियाकलापों से रोकड़
- वित्तीया क्रियाकलापों से रोकड़
- कुछ विशिष्ट (व्यक्तिगत) मदों का व्यवहार
- प्रचालन क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह की गणना
- प्रत्यक्ष विधि
- अप्रत्यक्ष विधि
- निवेश एवं वित्तीया क्रियाकलापों से रोकड़ प्रवाह की गणना
- रोकड़ प्रवाह विवरण का निर्माण