Concept: आत्मपरिचय
जहाँ पर दाना रहते हैं, वहीं नादान भी होते हैं- कवि ने ऐसा क्यों कहा होगा?
Concept: आत्मपरिचय
मैं और, और जग और कहाँ का नाता- पंक्ति में और शब्द की विशेषता बताइए।
Concept: आत्मपरिचय
शीतल वाणी में आग- के होने का क्या अभिप्राय है?
Concept: आत्मपरिचय
संसार में कष्टों को सहते हुए भी खुशी और मस्ती का माहौल कैसे पैदा किया जा सकता है?
Concept: आत्मपरिचय
जयशंकर प्रसाद की आत्मकथ्य कविता की कुछ पंक्तियाँ दी जा रही है। क्या पाठ में दी गई आत्मपरिचय कविता से इस कविता का आपको कोई संबंध दिखाई देता है? चर्चा करें।
आत्मकथ्य
मधुप गुन-गुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की।
सीवन की उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कथा की?
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ?
क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म-कथा?
अभी समय भी नहीं, थकी सोई है मोरी मौन व्यथा।
Concept: आत्मपरिचय
जाको कछु नहि चाहिए, सोइ साहन के सतह।।
Concept: व्याकरण
आपने समाचारपत्रों, टी.वी. आदि पर अनेक प्रकार के विज्ञापन देखे होंगे जिनमें ग्राहकों को हर तरीके से लुभाने का प्रयास किया जाता है, नीचे लिखे बिंदुओं के संदर्भ में किसी एक विज्ञापन की समीक्षा कीजिए और यह लिखिए कि आपको विज्ञापन की किस बात से सामान खरीदने के लिए प्रेरित किया।
- विज्ञापन में सम्मिलित चित्र और विषय-वस्तु
- विज्ञापन में आए पात्र व उनका औचित्य
- विज्ञापन की भाषा
Concept: उपयोजित / रचनात्मक लेखन (लेखन कौशल)
नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश पर ध्यान देते हुए उन्हें पढ़िए-
- निर्बल ही धन की ओर झुकता है।
- लोग संयमी भी होते हैं।
- सभी कुछ तो लेने को जी होता था।
ऊपर दिए गए वाक्यों के रेखांकित अंश 'ही', 'भी', तो निपात हैं जो अर्थ पर बल देने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। वाक्य में इनके होने-न-होने और स्थान क्रम बदल देने से वाक्य के अर्थ पर प्रभाव पड़ता है, जैसे-
मुझे भी किताब चाहिए। (मुझे महत्त्वपूर्ण है।)
मुझे किताब भी चाहिए। (किताब महत्त्वपूर्ण है।)
आप निपात (ही, भी, तो) का प्रयोग करते हुए तीन-तीन वाक्य बनाइए। साथ ही ऐसे दो वाक्यों का निर्माण कीजिए जिसमें ये तीनों निपात एक साथ आते हों।
Concept: व्याकरण
Concept: व्याकरण
नीचे दिए वाक्यांशों में हुए भाषा के विशिष्ट प्रयोगों को पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।
- सीमाओं से खिलवाड़ करना
- समाज से दुरदुराया जाना
- सुदूर रूमानी संभावना
- सारी गरिमा सुई-चुभे गुब्बारे जैसे फुस्स हो उठेगी।
- जिसमें रोमांस हमेशा पंक्चर होते रहते हैं।
Concept: व्याकरण
यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों?
Concept: सिल्वर वैडिंग
पाठ में ‘जो हुआ होगा ‘ वाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते/सकती हैं?
Concept: सिल्वर वैडिंग
‘समहाउ इप्रॉपर’ वाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं। इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या सबध बनता है?
Concept: सिल्वर वैडिंग
यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशन दा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन की दिशा देने में किसका महत्वपूर्ण योगदान रहा और कैसे?
Concept: सिल्वर वैडिंग
वर्तमान समय में परिवार की सरंचना, स्वरूप से जुड़ आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामजस्य बैठा पाते है?
Concept: सिल्वर वैडिंग
निम्नलिखित में से किस आप कहानी की मूल सवेदना कहगे/कहगी और क्यों?
- हाशिए पर धकेल जाते मानवीय मूल्य
- पीढ़ी का अतराल
- पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव
Concept: सिल्वर वैडिंग
अपने घर और विद्यालय के आस-पास हो रह उन बदलावों के बारे में लिख जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुगों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा न लगने के क्या कारण होंगे?
Concept: सिल्वर वैडिंग
यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में हैं, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए तर्क दीजिए
- यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने हैं और वे सहानुभूति के पात्र नहीं हैं।
- यशोधर बाबू में एक तरह का द्ववद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभी-कभी खींचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत हैं।
- यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व हैं और नयी पीढ़ी द्वारा उनके विचारों का अपनाना ही उचित हैं।
Concept: सिल्वर वैडिंग
‘सिल्वर वैडिंग’ कहानी की मूल संवेदना आप किसे मानेंगे-
Concept: सिल्वर वैडिंग