Advertisement Remove all ads
Advertisement Remove all ads
Advertisement Remove all ads
Answer in Brief
।। वृक्षवल्ली आम्हां सोयरे वनचरे।।
Advertisement Remove all ads
Solution
संत तुकाराम द्वारा मराठी में लिखी गई रचना की यह पंक्ति वृक्षों के महत्त्व को दर्शाती है। इस पंक्ति के अनुसार वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। बिना वृक्षों के हम जी नहीं सकते। हम वृक्षों को थोड़ी-सी जगह और थोड़ा-सा पानी देते हैं और वे हमें जिंदगी के साथ-साथ बहुत कुछ देते हैं। वृक्ष से मिलने वाली छाया में बैठकर व्यक्ति को सुख की अनुभूति होती है। वृक्ष पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने में सहायक होते हैं। इनसे हमें फल, सब्जियाँ, औषधि, लकड़ी आदि चीजें प्राप्त होती हैं। पक्षी भी अपना बसेरा इन वृक्षों पर बनाते हैं और इनके रसीले फल खाकर अपना पेट भरते हैं। अत: जिस प्रकार वृक्ष बिना स्वार्थ के अपनी मित्रता निभाते हैं वैसे ही व्यक्ति को भी अपने मित्र वृक्ष की रक्षा करके अपनी मित्रता निभानी चाहिए।
Concept: उपयोजित / रचनात्मक लेखन (लेखन कौशल)
Is there an error in this question or solution?