‘वर्तमान कृषक जीवन की व्यथा’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए। - Hindi

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Answer in Brief

‘वर्तमान कृषक जीवन की व्यथा’, इस कथन पर अपने विचार लिखिए।

Advertisement

Solution

भारत एक कृषिप्रधान देश है। यहाँ आज भी अधिकांश लोग कृषि पर ही निर्भर करते हैं। हमारे देश का कृषक कर्ज में ही जन्म लेता है और जिंदगी भर कर्जदार ही बना रहता है। कभी खाद के लिए, कभी बीज के लिए और कभी बीमारी के इलाज के लिए कृषकों को जब-तब महाजनों से कर्ज लेना ही पड़ता है। कृषक को हर ऋतु में काम करना होता है। चाहे कितनी ही गरमी हो, वर्षा हो या सर्दी हो। गरमी की तपती दुपहरी में जब अन्य लोग छाया और हवादार स्थानों में विश्राम करते हैं, उस समय कृषक खेतों में काम कर रहा होता है। वर्षा के समय भी उसे खेतों में कभी गोड़ाई व कभी निराई करना होता है। कड़ाके की सर्दी में वह रात को खुले खेतों में फसल की चौकसी करता है। कृषक अपना खून-पसीना एक करके अन्न उपजाता है। जो दूसरों को अन्न देता है, वह स्वयं बहुत अधिक की कामना नहीं करता। बस चाहता है कि उसके परिवार को भरपेट भोजन मिल जाए। अधिकतर कृषकों का स्वास्थ्य दिनोंदिन गिरता जाता है और अंत में बीमारी और भुखमरी का शिकार होकर वे दुनिया से कूच कर जाते हैं। हालांकि भारत सरकार किसानों के लिए अनेक प्रकार की योजनाएँ चलाती रहती है परंतु यह सरकारी मदद किसानों तक पहुँचती ही नहीं है।

Concept: गद्य (Prose) (11th Standard)
  Is there an error in this question or solution?
Chapter 6: कलम का सिपाही - अभिव्यक्ति [Page 32]

APPEARS IN

Balbharati Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board
Chapter 6 कलम का सिपाही
अभिव्यक्ति | Q 1 | Page 32
Share
Notifications



      Forgot password?
Use app×