‘उत्साह’ कविता के काव्य-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए। - Hindi Course - A

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Short Note

‘उत्साह’ कविता के काव्य-सौंदर्य पर प्रकाश डालिए।

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Solution

‘उत्साह’ कविता की प्रस्तुत पंक्तियों में कवि ने तत्सम व तद्भव शब्दावली युक्त साहित्यिक खड़ी बोली का प्रयोग किया है। भाषा ओजपूर्णयुक्त तथा वीर रस प्रधान है। कविता में अलंकारों का सुंदर प्रयोग है जैसे कि ललित ललित-विकल विकल घेर-घेर में पुनरुक्ति अलंकार का प्रयोग है। ‘बाल कल्पना के से पाल में’ उपमा अलंकार ‘आए अज्ञात दिशा से अज्ञात के घन’ में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है। कवि ने ध्वन्यात्मक शब्दों का सुंदर प्रयोग किया है। लयात्मक शैली, कविता गेयात्मक है। बादलों का प्रतीकात्मक प्रयोग है क्योंकि यह उल्लास और उमंग से वातावरण सुंदर बना देते हैं। इस कविता में मर्मिक सौंदर्य की अभिव्यक्ति हुई है।

Concept: उत्साह
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2021-2022 (April) Delhi Set 1
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