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Short Note
टिप्पणी लिखिए।
खिलौने और उत्सव
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Solution
खिलौने और उत्सव के बीच प्राचीनकाल से ही घनिष्ठ संबंध है।
- विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों में उत्सवों के अवसर पर विभिन्न खिलौनों की सहायता से सजावट का काम किया जाता है। छोटे बच्चों के बीच खिलौने बाँटे जाते हैं। सैंटॉक्लॉज नेपाल में बच्चों को खिलाने देते हैं।
- दीपावली के उत्सव में महाराष्ट्र में मिट्टी के किलों पर छत्रपति शिवाजी महाराज और सैनिकों की प्रतिमाएँ रखते हैं। ये प्रतिमाएँ खिलौने ही होते हैं।
- गाँवों के मेलों और उत्सवों के अवसर पर बाजार में बड़े पैमाने पर खिलौनों की दुकानें लगाई जाती हैं।
- बैल पोला, नागपंचमी जैसे त्योहारों के अवसर पर मिट्टी के बैल, गाड़ी जैसे खिलौने बनाए जाते हैं। बच्चे ये खिलौने खेलते हैं, मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाते हैं, स्पर्धात्मक कृति करते हैं।
Concept: खेलों की सामग्री और खिलौन
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