स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ समझते हुए प्रस्तुत गीत का रसास्वादन कीजिए। - Hindi

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Answer in Brief

स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ समझते हुए प्रस्तुत गीत का रसास्वादन कीजिए।

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Solution

प्रसिद्ध कवि गिरिजाकुमार माथुर ने पंद्रह अगस्त' गीत में हमारे देश को आजादी मिलने की खुशी और उसके बाद देश के समक्ष आने वाली समस्याओं का सामाजिक चित्रण किया है। स्वतंत्रता का अर्थ है बिना किसी नियंत्रण या बंधन के देश के प्रत्येक व्यक्ति को स्वेच्छानुसार काम करने का अधिकार मिलना और सबको ऊँच-नीच, जाति-पाति से रहित समानता का दर्जा प्राप्त होना। प्रत्येक व्यक्ति को अपने विचार खुलकर व्यक्त करने की आजादी मिलना तथा समाज का शोषण मुक्त होना। इसके साथ ही देश के लोगों का कर्तव्य होता है, देश और देश की आजादी की रक्षा करना। कवि देश को आजादी मिलने से खुश हैं, पर इसके साथ ही वे देश के रखवालों और कर्णधारों को सावधान रहने के लिए कहते हैं कि वे देश की आजादी पर आँच न आने दें। क्योंकि शत्रु ने हमें आजादी तो दे दी है, पर 'शत्रु की छाया' अर्थात देश में छिपे हुए शत्रुओं से देश को डर है।
इसी तरह कवि कहना चाहते हैं कि हमें आजादी मिली जकर है, पर यह उसका आरंभिक समय है - 'प्रथम चरण है नए स्वर्ग का' हमें अभी बहुत कुछ करना शेष है क्योंकि अभी नहीं मिट पाई दुख की विगत साँवली (काली) की (छाया)। स्वतंत्रता का अर्थ अपने अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को समझना है। स्वतंत्रता का अर्थ स्वच्छंदता नहीं है। अपने अधिकारों और कर्तव्यों की सीमा में रहकर हमें देश के हित को ध्यान में रखकर व्यवहार करना ही स्वतंत्रता का वास्तविक अर्थ है। कविता में कवि ने स्थान-स्थान पर अलंकारों का सुंदर प्रयोग किया है। अचल दीपक समान रहना' पंक्ति में कवि ने उपमा अलंकार का प्रयोग कर पहरेदारों को दीपक की तरह अचल रहने का आवाहन किया है। इसी तरह 'अभी शेष है पूरी होना जीवन मुक्ता डोर' पंक्ति में रूपक अलंकार का प्रयोग किया गया है तथा जन गंगा में ज्वार' पंक्ति में भी रूपक अलंकार का सुंदर प्रयोग किया गया है।
गीत विधा में लिखित इस कविता में परंपरागत भावबोध तथा शिल्प प्रस्तुत किया गया है।

Concept: पद्य (Poetry) (11th Standard)
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Chapter 3: पंद्रह अगस्त - रसास्वादन [Page 11]

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Balbharati Hindi - Yuvakbharati 11th Standard HSC Maharashtra State Board
Chapter 3 पंद्रह अगस्त
रसास्वादन | Q 1 | Page 11
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