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Answer in Brief
प्राप्ति एवं भुगतान खाता आय और व्यय खाते से किस प्रकार भिन्न है ?
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Solution
- प्राप्ति एवं भुगतान खाता एक वास्तविक खाता होता है जबकि आय-व्यय नाममात्र खाता होता है।
- इस खाते में प्रारंभ में ही आरंभिक शेष यानी कि हस्तस्थ रोकड़ तथा बैंकस्थ रोकड़ लिखना होता है जबकि आय-व्यय खाता में आरंभिक शेष से शुरुआत नहीं किया जाता हैं। प्रत्येक अवधि के लिए नए सिरे से बनाना होता है।
- यह खाता स्वतंत्र विवरण होता है क्योंकि इसके साथ तुलक पत्र का होना आवश्यक नहीं होता है लेकिन आय-व्यय खाते के लिए आर्थिक चिट्ठा आवश्यक होता हैं।
- इस खाते के अंत में हस्तस्थ रोकड़ ज्ञात किया जाता है इस बैंकस्थ रोकड़ के शेष को अगले लेखांकन वर्ष में ले जाया जाता है लेकिन आय-व्यय खाते के अंत में व्यय पर आय की अधिकता या आय पर व्यय की अधिकता ज्ञात किया जाता है इसे अगले लेखकांन में नहीं ले जाया जाता है।
- प्राप्ति एवं भुगतान खाते को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य सभी नगक प्राप्ति, भुगतान के संबंध में सूचना प्राप्त करना तथा वर्ष के अंत में हस्तस्थ रोकड़, बैंकस्थ रोकड़ निकालना है जबकि आय-व्यय खाते का मुख्य उद्देश्य सभी आय एवं व्यय/खर्च के संबंध में शुद्ध परिणाम हेतू आधिक्य व घाटा ज्ञात करना है।
Concept: प्राप्ति एवं भुगतान खाता
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