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Answer in Brief
नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का महत्त्वपूर्ण मुद्दा क्यों बन गया था?
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Solution
नमक एक बहुमूल्य राष्ट्रीय संपदा थी जिस पर औपनिवेशिक सरकार ने अपना एकाधिकार स्थापित कर लिया था। गाँधी जी की दृष्टि में यह एकाधिकार एक प्रकार से चौतरफा अभिशाप था। यह जनसामान्य को एक महत्त्वपूर्ण सुलभ ग्राम-उद्योग से ही वंचित नहीं कराता था अपितु प्रकृति द्वारा बहुतायत में उत्पादित संपदा का भी विनाश करता था। इसलिए गाँधी जी ने औपनिवेशिक शासन के विरोध के लिए नमक का प्रतीक रूप में चुनाव किया और शीघ्र ही नमक कानून स्वतंत्रता संघर्ष का एक महत्त्वपूर्ण मुद्दा बन गया।
- इसके प्रमुख कारण इस प्रकार थेः
- नमक कानून ब्रिटिश भारत के सर्वाधिक घृणित कानूनों में से एक था। इसके अनुसार नमक के उत्पादन और विक्रय पर राज्य का एकाधिकार स्थापित था।
- जनसामान्य नमक कानून को घृणा की दृष्टि से देखता था। प्रत्येक घर में नमक भोजन का एक अपरिहार्य अंग था। किन्तु भारतीयों द्वारा घरेलू प्रयोग के लिए भी स्वयं नमक बनाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। नमक कानून
के कारण भारतीयों को विवशतापूर्वक दुकानों से ऊँचे मूल्यों पर नमक खरीदना पड़ता था। - नमक पर राज्य का एकाधिकार अत्यधिक अलोकप्रिय था। जनसामान्य में इस कानून के प्रति असंतोष व्याप्त था।
- नमक उत्पादन पर सरकार के एकाधिकार ने लोगों को एक महत्त्वपूर्ण किन्तु सरलतापूर्वक उपलब्ध ग्राम-उद्योग से वंचित कर दिया था।
Concept: नमक सत्याग्रह नज़दीक से एक नज़र
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