निम्नलिखित विषय पर संकेत-बिंदुओं के आधार पर लगभग 150 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए।
ऑनलाइन शिक्षा: शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
- वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अनिवार्यता
- सकारात्मक प्रभाव
- कमियाँ
- सुझाव
Solution
ऑनलाइन शिक्षा: शिक्षा जगत में नवीन क्रांति
शिक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। शिक्षा एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है सीखना या सिखाना। शिक्षा हम किसी भी माध्यम के द्वारा ग्रहण कर सकते है। शिक्षा मनुष्य को बौद्धिक रूप से तैयार करती है। वैसे ही आज के आधुनिक युग में शिक्षा प्राप्त करने का एक सरल तरीका है ऑनलाइन शिक्षा। आधुनिक समय में ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली एक वरदान की तरह है। जिसने किसी कारण शिक्षा ग्रहण नहीं की वो ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली से नए आयाम हसिल कर सकता है। वर्ष 1993 से ऑनलाइन शिक्षा को वैध शिक्षा माध्यम के रूप में भी स्वीकार किया गया है। जिन्हें प्रयुक्त भाषा में दूरस्थ शिक्षा कहा जाता है। इसमें निर्धारित पाठ्यक्रम को VS/डीवीडी और इंटरनेट के माध्यम से शिक्षा दी जाती है। बड़ी बड़ी सेवाओं जैसे सिविल सर्विस, इंजीनियरिंग और मेडिकल, बनने आदि की शिक्षा भी आज कई संस्थान ऑनलाइन उपलब्ध करवा रहे हैं।
बदलते परिवेश में टेक्नोलॉजी में भी कई बदलाव हुए हैं और इसके उप्रयोग भी बड़े हैं। टेक्नोलॉजी के वजह से शिक्षा लेने की पद्धति में भी बहुत से परिवर्तन देखने को मिले हैं। आज ऑनलाइन शिक्षा में उपयोग होने वाली शिक्षण संबंधित सामग्री, टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजी जा सकती है। ऑनलाइन शिक्षा से समय बचता है। साथ ही आप शिक्षा को अपने घर में आराम से ले सकते हैं। बच्चे लगातार अपने शिक्षकों को ऑनलाइन कक्षा से पढ़ने के नए तरीकों को सिखाते हैं और पढ़ने में भी रूचि रखते हैं। यही नहीं ऑनलाइन शिक्षा में ट्यूशन या बड़े-बड़े कोचिंग सेंटर का खर्चा भी बचता है। उदाहरण के लिए राजस्थान सरकार द्वारा स्माइल प्रोजेक्ट के तहत स्कूली बच्चों की व्हाट्सएप के माध्यम से रोजाना स्टडी मेटेरियल, विडियो, ऑडियो आदि पहुँचाए जाते हैं। इस नई पहल से शिक्षा व्यवस्था बाधित होने की बजाय अधिक आसान हुई है। बदलते अध्ययन वातावरण ने मनोरंजन को और भी रोमांचित बनाया हैं। थकान और अच्छी दैनिक लागत बचत ऑनलाइन शिक्षा के समय से बचाया जाता है। इसमें आप अपने वीडियों को फिर से देख सकते हैं।
ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ऑनलाइन शिक्षा हमारी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने PMeViDYA नामक प्रोग्राम की शुरूआत की। अभी ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली पर अमल इतना नहीं हुआ है। कोरोना महामारी के चलते शिक्षण संस्थानों और छात्रों को इसके अनुरूप ढालना एक चुनौती के समान है। इंटरनेट स्पीड भी एक बड़ी समस्या है। शैक्षिक दूसरा कारण आज भी कई मध्यम वर्गीय परिवारों में स्मार्टफोन जैसी मूल सुविधा उपलब्ध नहीं है। पाठ्यक्रम की असमानता सबसे बड़ी चुनौती है। आधुनिक युग में इसका उपयोग बहुत तेजी से बढ़ रहा हैं। अगर देखा जाए तो शिक्षक और छात्र अधिकतर आठ घंटे ऑनलाइन समय बिताते हैं जो कि मानसिक और शारीरिक स्थिति के लिए हानिकारक है। दूसरा घर की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण माता-पिता बच्चों को मोबाइल, लेपटॉप, कम्प्यूटर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकते। आज के इस डिजिटल युग में ऑनलाइन शिक्षा के प्रोत्साहन से छात्र नए-से-नए ज्ञान से परिचित हो सकेंगे।