नौकरीपेशा अभिभावकों के बच्चों के पालन की समस्या पर प्रकाश डालिए।
Solution
नौकरीपेशा अभिभावकों के सामने सबसे बड़ी समस्या समय की होती है। उन्हें अपना अधिकांश समय कार्य स्थल पर देना होता है। इसलिए चाह कर भी उनके लिए अपने बच्चों के लिए पर्याप्त समय निकालना संभव नहीं होता। ऐसी हालत में बचपन से लेकर बड़े होने तक ऐसे बच्चों को अपने माता-पिता का वैसा प्यार और मार्गदर्शन नहीं मिल पाता जैसा प्यार और मार्गदर्शन अन्य आम बच्चों को मिलता है। बचपन से लेकर बड़े होने तक इन बच्चों का संपर्क अपना देखरेख करने वाली आया, तरह-तरह के बच्चों और स्कूल को शिक्षकों से होता है। ऐसी हालत में कभी-कभी उनमें गलत आदतें पड़ने, गलत लोगों के संपर्क में आने, स्वभाव चिड़चिड़ा होने, अभिभावकों से विद्रोह करने, भलीभाँति पढ़ाई न हो पाने, बुरी लत का शिकार होने तथा निरंकुश होने जैसी बुराइयाँ आने की संभावना होती है। इसलिए नौकरीपेशा अभिभावकों को जितना भी समय मिले, उसे अपने बच्चों के लालन-पालन तथा उनकी देखरेख में लगाना चाहिए और उन्हें बुरी आदतों का शिकार होने से बचाना चाहिए। रसास्वादन