''मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।'' • लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था? - Hindi (हिंदी)

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Answer in Brief

''मैं हर पेड़ को अपना दुश्मन समझ रहा था।''

• लेखक पेड़ों को दुश्मन क्यों समझ रहा था?

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Solution

बस की हालत ऐसी थी जिसे देखकर कोई भी व्यक्ति को संदेह होता परन्तु लेखक ने फिर भी उसमें बैठने की गलती की। लेकिन उसे अपनी गलती का अहसास तब हुआ जब बस स्टार्ट हो गई और उसमें बैठकर यात्रा करते हुए उसे इस बात को पूरा यकीन हो गया कि ये बस कभी भी धोखा दे सकती है। मार्ग में चलते हुए उसे हर वो चीज़ अपनी दुश्मन सी लग रही थी जो मार्ग में आ रही थी। फिर चाहे वो पेड़ हो या कोई झील। उसे पूरा यकीन था कि बस कब किसी पेड़ से टकरा जाए और उनके जीवन का अंत हो जाए। इसी विश्वास ने लेखक को पूरी तरह भयभीत किया हुआ था कि अब कोई दुर्घटना घटी और हमारे प्राण संकट में पड़ गए।

Concept: गद्य (Prose) (Class 8)
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Chapter 3: बस की यात्रा - कारण बताएँ [Page 17]

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NCERT Class 8 Hindi - Vasant Part 3
Chapter 3 बस की यात्रा
कारण बताएँ | Q 5 | Page 17
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