क्या आरंभिक राज्यों में शासक निश्चित रूप से क्षत्रिय ही होते थे? चर्चा कीजिए। - History (इतिहास)

Advertisement Remove all ads
Advertisement Remove all ads
Advertisement Remove all ads
Answer in Brief

क्या आरंभिक राज्यों में शासक निश्चित रूप से क्षत्रिय ही होते थे? चर्चा कीजिए।

Advertisement Remove all ads

Solution

आरंभिक राज्यों में शासक निश्चित रूप से क्षत्रिय ही नहीं होते थे बल्कि अन्य वर्गों से भी संबंधित होते थे। देश के अंदर शुरू से ही वर्ण-व्यवस्था जटिल थी और चारों वर्षों के लिए अलग-अलग कर्तव्य निर्धारित थे। उसके अनुसार राज्य करने का अधिकार केवल क्षत्रिय वर्ग के लोगों को ही था, धर्मसूत्रों और धर्मशस्त्रों में इसे एक आदर्श व्यवस्था के रूप में उल्लेख किया गया है। क्षत्रियों का कर्म शासन करना, युद्ध करना, लोगों को सुरक्षा प्रदान करना, न्याय करना, यज्ञ करवाना, वेद पढ़ना और दान-दक्षिणा देना था। ब्राह्मण भी इस व्यवस्था से संतुष्ट थे, क्योंकि उन्हें सामाजिक ढाँचे में पहला स्थान प्राप्त था और वे वर्ण-व्यवस्था को दैवीय व्यवस्था मानते थे। यह भी सत्य है कि ग्रंथों में गैर-क्षत्रिय राजा होने के प्रमाण मिलते हैं। कई महत्त्वपूर्ण राजवंशों की उत्पत्ति अन्य वर्गों से हुई थी। मौर्य जिन्होंने एक विशाल साम्राज्य पर शासन किया, के उद्भव को लेकर गर्मजोशी से बहस होती रही है। बाद के बौद्ध ग्रंथों में यह इंगित किया गया है कि वे क्षत्रिय थे, किंतु ब्राहमणीय शास्त्र उन्हें निम्न कुल का मानते हैं।

शुंग और कण्व जो मौर्यों के उत्तराधिकारी थे ब्राह्मण थे। वस्तुतः राजनीतिक सत्ता का उपभोग हर वह व्यक्ति कर सकता था जो समर्थन और संसाधन जुटा सके। एक और बात है यह कि सातवाहन कुल के सबसे प्रसिद्ध शासक गोतमी-पुत्त सिरी-सातकानि ने स्वयं को अनूठा ब्राह्मण और साथ ही क्षत्रियों के दर्प का हनन करने वाला बताया था। उसने यह भी दावा किया कि चारों वर्गों के भीतर विवाह संबंध होने पर उसने रोक लगाई, किंतु फिर भी रुद्रदामन के परिवार से उसने विवाह संबंध स्थापित किए। जाति प्रथा के भीतर आत्मसात् होना बहुधा एक जटिल सामाजिक प्रक्रिया थी। सातवाहन स्वयं को ब्राह्मण वर्ण का बताते थे, जबकि ब्राह्मणीय शास्त्र के अनुसार राजा को क्षत्रिय होना चाहिए। वे वर्ण-व्यवस्था की मर्यादा बनाए रखने का दावा करते थे, किंतु साथ ही उन लोगों से वैवाहिक संबंध भी स्थापित करते थे।

Concept: सामाजिक विषमताएँ वर्ण व्यवस्था के दायरे में और उससे परे
  Is there an error in this question or solution?

APPEARS IN

NCERT History Class 12 [इतिहास - भारतीय इतिहास के कुछ विषय १२ वीं कक्षा]
Chapter 3 बंधुत्व, जाति तथा वर्ग
अभ्यास | Q 2. | Page 80
Share
Notifications

View all notifications


      Forgot password?
View in app×