कबीर मनुष्य के लिए क्रिया-कर्म और योग-वैराग्य को कितना महत्त्वपूर्ण मानते हैं? - Hindi Course - A

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One Line Answer

कबीर मनुष्य के लिए क्रिया-कर्म और योग-वैराग्य को कितना महत्त्वपूर्ण मानते हैं?

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Solution

कबीर मनुष्य के लिए क्रिया-कर्म और योग-वैराग्य को महत्त्वपूर्ण नहीं मानते हैं क्योंकि मनुष्य इन क्रियाओं के माध्यम से ईश्वर को पाने का प्रयास करता है, जबकि कबीर के अनुसार ईश्वर को इन क्रियाओं के माध्यम से नहीं पाया जा सकता है।

Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)
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Chapter 9: साखियाँ एवं सबद - अतिरिक्त प्रश्न

APPEARS IN

NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1
Chapter 9 साखियाँ एवं सबद
अतिरिक्त प्रश्न | Q 7
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