काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए- हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि। - Hindi Course - A

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Short Note

काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-

हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि।

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Solution

प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने ज्ञान को हाथी की उपमा तथा लोगों की प्रतिक्रिया को स्वान (कुत्ते) का भौंकना कहा है।

काव्य सौदंर्य -

  1. यहाँ रुपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
  2. दोहा छंद का प्रयोग किया गया है।
  3. यहाँ सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग किया गया है।
  4. यहाँ शास्त्रीय ज्ञान का विरोध किया गया है तथा सहज ज्ञान को महत्व दिया गया है।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)
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Chapter 9: साखियाँ एवं सबद - प्रश्न अभ्यास [Page 93]

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NCERT Class 9 Hindi - Kshitij Part 1
Chapter 9 साखियाँ एवं सबद
प्रश्न अभ्यास | Q 7 | Page 93
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