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Short Note
काव्य सौंदर्य स्पष्ट कीजिए-
हस्ती चढ़िए ज्ञान कौ, सहज दुलीचा डारि।
स्वान रूप संसार है, भूँकन दे झख मारि।
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Solution
प्रस्तुत दोहे में कबीरदास जी ने ज्ञान को हाथी की उपमा तथा लोगों की प्रतिक्रिया को स्वान (कुत्ते) का भौंकना कहा है।
काव्य सौदंर्य -
- यहाँ रुपक अलंकार का प्रयोग किया गया है।
- दोहा छंद का प्रयोग किया गया है।
- यहाँ सधुक्कड़ी भाषा का प्रयोग किया गया है।
- यहाँ शास्त्रीय ज्ञान का विरोध किया गया है तथा सहज ज्ञान को महत्व दिया गया है।
Concept: पद्य (Poetry) (Class 9 A)
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