जमींदार लोग अपनी जमींदारियों पर किस प्रकार नियंत्रण बनाए रखते थे? - History (इतिहास)

Advertisement Remove all ads
Advertisement Remove all ads
Advertisement Remove all ads
Long Answer

जमींदार लोग अपनी जमींदारियों पर किस प्रकार नियंत्रण बनाए रखते थे?

Advertisement Remove all ads

Solution

  • जमींदार लोग अपनी जमींदारियों पर निम्नलिखित ढंग से नियंत्रण बनाए रखते थे
  1. जमींदारों ने राजस्व की विशाल धन राशि न चुकाने की स्थिति में कंपनी राज से अपनी जमींदारियों को बचाने के लिए या | संभावित नीलामी की समस्या से निबटने के लिए कई रणनीतियाँ बनाई। इन्हीं रणनीतियों में एक रणनीति फर्जी बिक्री की | तकनीक थी।
  2. फर्जी बिक्री एक ऐसी तरकीब थी जिसमें कई तरह के हथकंडे अपनाए जाते थे। उदाहरण के लिए, बर्दवान के राजा ने पहले तो अपनी जमींदारी का कुछ हिस्सा अपनी माता को दे दिया, क्योंकि कंपनी ने यह निर्णय ले रखा था कि स्त्रियों की संपत्तियों को नहीं छीना जाएगा।
  3. जमींदार ने नीलामी की प्रक्रिया में अपने एजेंटों के माध्यम से जोड़-तोड़ किया। कंपनी की राजस्व माँग को कई बार जान-बूझकर रोक लिया गया और भुगतान न की गई बकाया राशि बढ़ाई गई। जब भू-संपदा का कुछ हिस्सा नीलाम किया गया तो जमींदार के आदमियों ने ही अन्य खरीददारों के मुकाबले ऊँची-ऊँची बोलियाँ लगाकर संपत्ति को खरीद लिया। आगे। चलकर उन्होंने खरीद की राशि को अदा करने से इनकार कर दिया, इसलिए उस भू-संपदा को फिर से बेचना पड़ा। एक बार फिर जमींदार के एजेंटों ने ही उसे खरीद लिया और फिर एक बार खरीद की रकम नहीं अदा की गई और एक बार फिर नीलामी करनी पड़ी। यह प्रक्रिया बार-बार दोहराई जाती रही और अंततोगत्वा राज और नीलामी के समय बोली लगाने वाले थक गए। जब किसी ने भी बोली नहीं लगाई तो उस संपदा को नीची कीमत पर फिर जमींदार को ही बेचना पड़ा।
  4. जमींदार कभी भी राजस्व की पूरी माँग नहीं अदा करता था। इस प्रकार कंपनी कभी-कभार ही किसी मामले में इकट्ठी हुई बकाया राजस्व की राशियों को वसूल कर पाती थी।
  5. जमींदार लोग और भी कई तरीकों से अपनी जमींदारियों को छिनने से बचा लेते थे। जब कोई बाहरी व्यक्ति नीलामी में कोई जमीन खरीद लेता था, तो उसे जमीन पर कब्जा नहीं मिलता था। कभी-कभी पुराने जमींदार अपने लठैतों की मदद से नए खरीददार के लोगों को मार-पीटकर भगा देते थे और कभी-कभी तो पुराने रैयत बाहरी लोगों को यानी नए खरीददार के लोगों को जमीन में घुसने ही नहीं देते थे। वे अपने आपको पुराने जमींदार से जुड़ा हुआ महसूस करते थे और उसी के प्रति वफादार बने रहते थे और यह मानते थे कि पुराना जमींदार ही उनका अन्नदाता है और वे उसकी प्रजा हैं। जमींदारी की बिक्री से उनके तादात्म्य और गौरव को धक्का पहुँचता था, इसलिए जमींदार आसानी | से विस्थापित नहीं किए जा सकते थे।
  6. 19वीं शताब्दी के प्रारंभ में कीमतों में मंदी की स्थिति समाप्त हो गई। इसलिए जो जमींदार 18वीं शताब्दी के अंत के दशक की तकलीफों को भूलने में सफल हो गए, उन्होंने अपनी सत्ता को सुदृढ़ बना लिया। राजस्व के भुगतान संबंधी नियमों को भी कुछ लचीला बना दिया गया। फलस्वरूप गाँवों पर जमींदार की सत्ता और अधिक मजबूत हो गई।
Concept: बंगाल और वहाँ के ज़मींदार
  Is there an error in this question or solution?

APPEARS IN

NCERT History Class 12 [इतिहास - भारतीय इतिहास के कुछ विषय १२ वीं कक्षा]
Chapter 10 उपनिवेशवाद और देहात
अभ्यास | Q 2. | Page 286
Share
Notifications

View all notifications


      Forgot password?
View in app×