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Short Note
‘‘जिनकी रख्या तूँ करैं ते उबरे करतार’’, इस पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए।
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Solution
संत दादू दयाल को सर्व शक्तिमान प्रभु पर अटूट विश्वास है। वे कहते हैं, जिसकी रक्षा प्रभु करते हैं, वह भवसागर पार कर लेता है। उसका कोई भी बाल बांका नहीं कर सकता। प्रभु की शक्ति को आरपार नहीं है। प्रह्लाद के पिता हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को होलिका की गोद में बिठाकर आग को समर्पित कर दिया था, तो उनकी रक्षा प्रभु ने ही की थी। होलिका को आग में न जलने का वरदान था, इसके बावजूद होलिका जलकर भस्म हो गई और प्रह्लाद को आँच भी नहीं आई। यह प्रभु की शक्ति का ही प्रताप था।
Concept: पद्य (Poetry) (11th Standard)
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