जीवन की सर्वोत्तम पूँजी मित्रता है,' इस पर अपना मंतव्य
लिखिए।
Solution
हर व्यक्ति किसी-न-किसी से मित्रता अवश्य करता है। चाहे वह किसी मनुष्य से करे, चाहे ईश्वर से करे, चाहे अपने। संबंधियों से करे या फिर किसी जानवर से करे। पर एक निष्ठावान मित्रता ईश्वर की देन होती है। मित्रता मनुष्य का सहारा होती है। मित्र के साथ हम अपने मन की बातें कर सकते हैं। परेशानियों से निपटने का उपाय सोच सकते हैं। सच्चा मित्र सदा जरूरत के समय काम आता है और अपने उपकार का कहीं जिक्र नहीं करता। ऐसा मित्र परिवार का सदस्य बन जाता है। मित्रता मछली और पानी जैसी होनी चाहिए। मित्रता फूल और भ्रमर जैसी होनी चाहिए। जो मित्र हमें बुरे मार्ग पर चलने से रोकता है, हितकारी कार्यों में लगाता है, हमारे गुणों को प्रकट करता है तथा हमारी विपत्ति के समय सहायता करता है, सही मायने में वही सच्चा मित्र होता है। ऐसे सच्चे मित्र सौभाग्य से मिलते हैं। सच्चा मित्र किसी खजाने से कम नहीं होता। भगवान कृष्ण और गरीब सुदामा की मित्रता तथा कर्ण और दुर्योधन की मित्रता प्रसिद्ध है। इस तरह जीवन में मित्रता का बहुत महत्त्व है।