बजटीय घाटा और व्यापार घाटा को परिभाषित कीजिए। किसी विशेष वर्ष में किसी देश की कुल बचत के ऊपर निजी । निवेश का आधिक्य 2000 करोड़ १ था। - Economics (अर्थशास्त्र)

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Answer in Brief

बजटीय घाटा और व्यापार घाटा को परिभाषित कीजिए। किसी विशेष वर्ष में किसी देश की कुल बचत के ऊपर निजी । निवेश का आधिक्य 2000 करोड़ १ था। बजटीय घाटे की राशि 1500 करोड़ १ थी। उस देश के व्यापार घाटे का परिमाण क्या था?

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Solution

सकल घरेलू उत्पाद = C + S + T
सकल घरेलू व्यय = C + I + G + X – M
अतः C + I + G + X – M = C + S + T

  1. इसमें G – T से उस मात्रा की माप होती है, जिस मात्रा में सरकारी व्यय में सरकार द्वारा अर्जित कर राजस्व से अधिक वृद्धि होती है। इसे ‘बजटीय घाटा’ के रूप में सूचित किया जाता है। M – X के अन्तर
    को व्यापार घाटा’ के रूप में सचित किया जाता है।
  2. बजट घाटा देश के लिए एक सीमा के भीतर वांछनीय हो सकता है परन्तु व्यापार घाटा सदा अवांछनीय है।
  3. (I – S) + (G – T) = M – X हम जानते हैं (I – S) + (G – T)
    (2000) + 1500 = 35000
    अतः व्यापार घाटा = + 3000
Concept: आय का वर्तुल प्रवाह और राष्ट्रीय आय गणना की विधि
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