Short Note
भावार्थ लिखिए :
बिन आए सबहीं सुख भूले। आए ते अँग-अँग सब फूले।।
सीरा भई लगावत छाती। क्यों सखि साजन ? ना सखि पाती।।
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Solution
पहली सहेली कहती है कि उसके न आने पर मैं सब सुख भूल जाती हूँ और जब वह आ जाता है तो मेरा अंग-अंग पुलकित होने लगता है। उसे सीने से लगाते ही मुझे ठंडक मिलती है। इस पर दूसरी सखी पूछती है कि हे सखी!, क्या वह साजन (प्रियतम) है? जवाब में पहली सहेली बताती है कि नहीं, वह पत्र है।
Concept: पूरक पठन (9th Standard)
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