असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध कैसे था? - History (इतिहास)

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असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध कैसे था?

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Solution

  • असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध निम्नलिखित कारणों से था
  1. असहयोग आंदोलन एक तरह का प्रतिरोध इसलिए था क्योंकि ब्रिटिश सरकार द्वारा थोपे गए रॉलेट एक्ट जैसे कानून के वापस लिए जाने के लिए जनआक्रोश या प्रतिरोध अभिव्यक्ति का लोकप्रिय माध्यम था।
  2. असहयोग आंदोलन इसलिए भी प्रतिरोध आंदोलन था, क्योंकि राष्ट्रीय नेता उन अंग्रेज़ अधिकारियों को कठोर दंड दिलाना चाहते थे जो अमृतसर के जालियाँवाला बाग में शांतिपूर्ण प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों पर होने वाले अत्याचार के उत्तरदायी थे। उन्हें सरकार ने कई महीनों के बाद भी किसी प्रकार का दंड नहीं दिया था।
  3. असहयोग आंदोलन इसलिए भी प्रतिरोध था, क्योंकि यह ख़िलाफत आंदोलन को सहयोग करके देश के दो प्रमुख धार्मिक समुदायों-हिंदू और मुसलमानों को मिलाकर औपनिवेशिक शासन के प्रति जनता के असहयोग को अभिव्यक्त करने का माध्यम था।
  4. असहयोग आंदोलन इसलिए भी प्रतिरोध था, क्योंकि इसके द्वारा सरकारी नौकरियों, उपाधियों अवैतनिक पदों, सरकारी अदालतों, सरकारी संस्थाओं आदि का बहिष्कार किया जाना था। विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करके, सरकार द्वारा आयोजित चुनावों में भाग न लेकर, सरकारी करों का भुगतान न करके तथा सरकारी कानूनों की शांतिपूर्ण ढंग से अवहेलना करके ब्रिटिश शासन के प्रति अपना प्रतिरोध प्रकट करना चाहते थे।
  5. असहयोग आंदोलन ने सरकारी अदालतों का बहिष्कार करने के लिए सर्व साधारण और वकीलों को आह्वान किया। | गाँधी जी के इस आह्वान पर वकीलों ने अदालतों में जाने से मना कर दिया।
  6. इस व्यापक लोकप्रिय प्रतिरोध का प्रभाव अनेक कस्बों और नगरों में कार्यरत श्रमिक वर्ग पर भी पड़ा। वे हड़ताल पर चले गए। जानकारों के अनुसार सन् 1921 में 396 हड़ताले हुईं जिनमें 6 लाख श्रमिक शामिल थे और इससे 30 लाख कार्य-दिवसों की हानि हुई।
  7. असहयोग आंदोलन का प्रतिरोध देश के ग्रामीणों क्षेत्र में भी दिखाई दे रहा था। उदाहरण के लिए, उत्तरी आंध्र की | पहाड़ी जन-जातियों ने वन्य कानूनों की अवहेलना कर दी। अवध के किसानों ने कर नहीं चुकाया। कुमाऊँ के । किसानों ने औपनिवेशिक अधिकारियों का सामान ढोने से साफ मना कर दिया। इन आंदोलनों को कभी-कभी स्थानीय राष्ट्रवादी नेतृत्व की अवज्ञा करते हुए भी कार्यान्वित किया गया। इस प्रकार यह कहना उचित ही होगा कि असहयोग आंदोलन का प्रमुख उद्देश्य औपनिवेशिक शासन का प्रतिरोध करना था।
Concept: असहयोग की शुरुआत और अंत
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APPEARS IN

NCERT History Class 12 [इतिहास - भारतीय इतिहास के कुछ विषय १२ वीं कक्षा]
Chapter 13 महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन
अभ्यास | Q 6. | Page 375
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