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Answer in Brief
अगर आपको भारत की विदेश निति के बारे में फैसला लेने को कहा जाए तो आप इसकी किन दो बातों को बदलना चाहेंगे। ठीक इसी तरह यह भी बताएँ की भारत की विदेश निति के किन दो पहलुओं को आप बरकरार रखना चाहेंगे। अपने उत्तर के समर्थन में तर्क दीजिए।
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Solution
- मैं गुटनिरपेक्ष आंदोलन की सदस्यता को त्याग कर संयुक्त राज्य अमेरिका और पशिचमी योरोपीय देशों के साथ अधिक मित्रता बढ़ाना चाहूँगा। इसका कारण यह है की आज दुनिया में पशिचमी देशों की मनमानी चलती है और वे ही शक्ति संपन्न हैं। परन्तु साथ ही उसके साथ खास रिश्ता बनाए रखूँगा।
- पड़ोसी देशों के साथ वर्तमान की ढुलमुल विदेश निति को बदलकर एक आक्रमकता निति अपनाऊँगा। पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने का प्रयास करूँगा, परन्तु आक्रमक निति के तहत।
- जिन दो पहलुओं को बराबर रखुँगा वे निम्नलिखित हैं।
- सी.टी.बी.टी. के बारे में वर्तमान दृष्टिकोण को और परमाणु निति की वर्तमान निति को बनाए रखूँगा
- संयुक्त राष्ट्र संघ की सदस्यता को बराबर रखना चाहूँगा और विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से पूर्ववत सहयोग बरकरार रखना चाहूँगा।
Concept: गुटनिरपेक्षता की नीति
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