‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है? - Hindi (Core)

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Short Note

‘आत्मपरिचय’ कविता में कवि ने अपने जीवन में किन परस्पर विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है?

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Solution

इस कविता में, कवि ने अपने जीवन की अनेक विरोधी बातों का सामंजस्य बिठाने की बात की है। कवि सांसारिक कठिनाइयों से जूझ रहा है, फिर भी वह इस जीवन से प्यार करता है। वह संसार की परवाह नहीं करता क्योंकि संसार अपने चहेतों का गुणगान करता है। उसे यह संसार अपूर्ण लगता है। वह अपने सपनों का संसार लिए फिरता है। वह यौवन का उन्माद व अवसाद साथ लिए रहता है। वह शीतल वाणी में आग लिए फिरता है।

Concept: आत्मपरिचय
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2022-2023 (March) Sample
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