20 cm लंबाई के पाइप का एक सिरा बंद है। 430 Hz आवृत्ति के स्रोत द्वारा इस पाइप की कौन-सी गुणावृत्ति विधा अनुनाद द्वारा उत्तेजित की जाती है? यदि इस पाइप के दोनों सिरे खुले हों तो भी क्या यह स्रोत इस पाइप के साथ अनुनाद करेगा? वायु में ध्वनि की चाल 340 ms-1 है।
Solution
बंद ऑर्गन पाइप की लंबाई l = 20 cm = 0.20 m
वायु में ध्वनि की चाल v = 340 m/s
∴ बंद ऑर्गन पाइप की मूल आवृत्ति
`"n"_"c" = nu/(4"l")`
= `(340/0.20)`
= 425 Hz
यह प्रथम संनादी होगा इसके तृतीय एवं पाँचवें संनादी की आवृत्ति क्रमशः 3nc = 1275 Hz तथा 5nc = 2125 Hz होंगी। अतः 430 Hz आवृत्ति के स्रोत द्वारा पाइप की पहली गुणावृत्ति (मूलस्वरक) अनुनाद द्वारा उत्तेजित की जा सकती है।
पाइप के दोनों सिरे खुले होने पर उसकी (खुले ऑर्गन पाइप) मूल आवृत्ति
` "n" _{ 0 }=\frac { \upsilon }{ 2"l" } ` = 2 × 425
= 850 Hz
इनके द्वितीय, तृतीय…. संनादी की आवृत्तियाँ क्रमशः 2n0 = 1700 Hz, 3n0 = 2550 Hz होंगी। अतः 430 Hz आवृत्ति के स्रोत से इसका कोई भी संनादी उत्तेजित नहीं हो सकेगा। इसलिए पाइप के दोनों सिरे खुले होने पर दिया हुआ 430 Hz आवृत्ति वाला स्रोत इसके साथ अनुनाद नहीं करेगा।
वैकल्पिक विधि-माना 430 Hz आवृत्ति का स्वरित्र N वें संनादी के साथ अनुनाद करता है।
अतः 430 = N वें संनादी की आवृत्ति
अर्थात `430 = (2"N" - 1)(nu/(4"l"))` ...(बंद पाइप में विषम संनादि उत्पन्न होते है।)
∴ `(2"N" - 1) = (430 xx 4"l")/nu`
`= (430 xx 4 xx 0.20)/340`
= 1.01
`2"N" = 2.01 => "N" = 2.01/2 = 1.005`
चूँकि N पूर्णांक है अतः N = 1 अतः 430 Hz आवृत्ति के स्त्रोत के साथ पहली गुणवृत्ति (मूलस्वरक) अनुनाद द्वारा उत्तेजित की जा सकती है।
पाइप के दोनों सिरे खुले होंने पर
`430 = "N" xx (nu/(2"l"))` ...(खुले पाइप में सम व विषम दोनों प्रकार के संनादि उत्पन्न होते है।)
∴ `"N" = (430 xx 2"l")/nu`
`= ((430 xx 2 xx 0.20)/340)`
= 0.5
परंतु N पूर्णांक होना चाहिए। अतः दोनों सिरों पर खुला पाइप 430 Hz आवृत्ति के स्रोत दाब किसी भी विधा में अनुनाद द्वारा उत्तेजित नहीं हो सकता है।