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आरोह भाग २
हरिवंश राय बच्चन : आत्मपरिचय, एक गीत
आलोक धन्वा : पतंग
कुँवर नारायण : कविता के बहाने, बात सीधी थी पर
रघुवीर सहाय : कैमरे में बंद अपाहिज
गजानन माधव मुक्तिबोध : सहर्ष स्वीकारा है
शमशेर बहादुर सिंह : उषा
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' : बादल राग
गोस्वामी तुलसीदास : कवितावली, लक्ष्मण-मूर्च्छा और राम का विलाप
फ़िराक गोरखपुरी : रुबाइयाँ, गज़ल
उमाशंकर जोशी : छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
महादेवी वर्मा : भक्तिन
जैनेन्द्र कुमार : बाज़ार दर्शन
धर्मवीर भारती : काले मेघा पानी दे
फणीश्वर नाथ रेणु : पहलवान की ढोलक
विष्णु खरे : चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
रज़िया सज्जाद ज़हीर : नमक
हजारी प्रसाद द्विदेदी : शिरीष के फूल
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर : श्रम विभाजन और जाति-प्रथा, मेरी कल्पना का आदर्श समाज
वितान भाग 2
सिल्वर वैडिंग
जूझ
अतीत में दबे पाँव
डायरी के पन्ने
अभिव्यक्ति और माध्यम
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन
पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया
विशेष लेखन-स्वरुप और प्रकार
कैसे करें कहानी का नाट्य रूपांतर
कैसे बनता है रेडियो नाटक
नए अप्रत्याशित विषयों पर लेखन
व्याकरण
लेखन कौशल्य
अपठित विभाग
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निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प चुनिए।
प्रात नभ था बहुत नीला शंख जैसे भोर का नभ राख से लीपा हुआ चौका बहुत काली सिल ज़रा से लाल केसर से स्लेट पर या लाल खड़िया चाक नील जल में या किसी की और... जादू टूटता है इस उषा का अब |
(i) नील जल में किसी की गौर, झिलमिल देह जैसे हिल रही हो में कौन-सा भाव है? (1)
(क) तरलता का
(ख) निर्मलता का
(ग) उज्ज्वलता का
(घ) सहजता का
(ii) नीले नभ में उदय होता हुआ सूर्य किसके जैसा प्रतीत हो रहा है? (1)
(क) शंख जैसा
(ख) गौरवर्णीय सुंदरी जैसा
(ग) सिंदूर जैसा
(घ) नीले जल जैसा
(iii) इस काव्यांश में कवि ने उषा का कौन-सा चित्र उपस्थित किया है? (1)
(क) छायाचित्र
(ख) रेखाचित्र
(ग) शब्दचित्र
(घ) भित्तिचित्र
(iv) अलंकार की दृष्टि से कौन-सा विकल्प सही है? (1)
(क) | बहुत नीला शंख जैसे | उपमा अलंकार |
(ख) | जादू टूटता है इस उषा का अब | उत्प्रेक्षा अलंकार |
(ग) | सूर्योदय हो रहा है | रूपक अलंकार |
(घ) | गौर झिलमिल देह जैसे हिल रही हो | अन्योक्ति अलंकार |
(v) कवि द्वारा भोर को राख का लीपा हुआ चौंका कहना प्रतिपादित करता है कि भोर का नभ - (1)
(क) अपनी आभा से चमत्कृत कर रहा है।
(ख) रात के समान गर्म हवा फैला रहा है।
(ग) सफ़ेद व नीले वर्णों का अद्भुत मिश्रण है।
(घ) नए परिवर्तन व आयामों का प्रतीक है।