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आरोह भाग २
हरिवंश राय बच्चन : आत्मपरिचय, एक गीत
आलोक धन्वा : पतंग
कुँवर नारायण : कविता के बहाने, बात सीधी थी पर
रघुवीर सहाय : कैमरे में बंद अपाहिज
गजानन माधव मुक्तिबोध : सहर्ष स्वीकारा है
शमशेर बहादुर सिंह : उषा
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' : बादल राग
गोस्वामी तुलसीदास : कवितावली, लक्ष्मण-मूर्च्छा और राम का विलाप
फ़िराक गोरखपुरी : रुबाइयाँ, गज़ल
उमाशंकर जोशी : छोटा मेरा खेत, बगुलों के पंख
महादेवी वर्मा : भक्तिन
जैनेन्द्र कुमार : बाज़ार दर्शन
धर्मवीर भारती : काले मेघा पानी दे
फणीश्वर नाथ रेणु : पहलवान की ढोलक
विष्णु खरे : चार्ली चैप्लिन यानी हम सब
रज़िया सज्जाद ज़हीर : नमक
हजारी प्रसाद द्विदेदी : शिरीष के फूल
बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर : श्रम विभाजन और जाति-प्रथा, मेरी कल्पना का आदर्श समाज
वितान भाग 2
सिल्वर वैडिंग
जूझ
अतीत में दबे पाँव
डायरी के पन्ने
अभिव्यक्ति और माध्यम
विभिन्न माध्यमों के लिए लेखन
पत्रकारीय लेखन के विभिन्न रूप और लेखन प्रक्रिया
विशेष लेखन-स्वरुप और प्रकार
कैसे करें कहानी का नाट्य रूपांतर
कैसे बनता है रेडियो नाटक
नए अप्रत्याशित विषयों पर लेखन
व्याकरण
लेखन कौशल्य
अपठित विभाग
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निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर दिए गए प्रश्नों के सही उत्तर वाले विकल्प को चुनिए।
कालिदास सौंदर्य के बाह्य आवरण को भेदकर उसके भीतर तक पहुँच सकते थे, दुख हो कि सुख, वे अपना भाव-रस उस अनासक्त कृपीवल की भाँति खींच लेते थे जो निर्दलित ईक्षुदंड से रस निकाल लेता है। कालिदास महान थे, क्योंकि वे अनासक्त रह सके थे। कुछ इसी श्रेणी की अनासक्ति आधुनिक हिंदी कवि सुमित्रानंदन पंत में है। कविवर रवींद्रनाथ में यह अनासक्ति थी। एक जगह उन्होंने लिखा- ‘राजोद्यान का सिंहद्वार कितना ही अभ्रभेदी क्यों न हो, उसकी शिल्पकला कितनी ही सुंदर क्यों न हो, वह यह नहीं कहता कि हममें आकर ही सारा रास्ता समाप्त हो गया। असल गंतव्य स्थान उसे अतिक्रम करने के बाद ही है, यही बताना उसका कर्तव्य है।’ फूल हो या पेड़, वह अपने-आप में समाप्त नहीं है। वह किसी अन्य वस्तु को दिखाने के लिए उठी हुई अँगुली है। वह इशारा है। |
(i) कालिदास की सौंदर्य-दृष्टि कैसी थी? (1)
(क) स्थूल और बाहरी
(ख) सूक्ष्म और संपूर्ण
(ग) आसक्ति और आडंबरों
(घ) अतिक्रम और अभ्रभेदी
(ii) कौन-से गुण के कारण कालिदास, सुमित्रानंदन पंत और रवींद्रनाथ टैगोर कविताओं के साथ न्याय कर पाए? (1)
(क) गंतव्यता
(ख) निर्दलीयता
(ग) कृषिवलता
(घ) तटस्थता
(iii) फूलों और पेड़ों से हमें जीवन की ______ की प्रेरणा मिलती है। (1)
(क) निरंतरता
(ख) भावपूर्णता
(ग) समापनता
(घ) अतिक्रमणता
(iv) निम्नलिखित कथन कारण को ध्यानपूर्वक पढ़िए उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुनकर लिखिए। (1)
कथन (A): पुष्प या पेड़ अपने सौंदर्य से यह बताते हैं कि यह सौंदर्य अंतिम नहीं है।
कारण (R): भारतीय शिल्पकला विशेष रूप से प्रसिद्ध है। विभिन्न कवियों ने इस बात की पुष्टि की है।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण कथन की सही व्याख्या करता है।
(ख) कथन (A) गलत है लेकिन कारण (R) सही है।
(ग) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं।
(घ) कथन (A) सही है लेकिन कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है।
(v) गद्यांश के आधार पर निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। (1)
(I) कला की कोई सीमा नहीं होती।
(II) शिरीष के वृक्ष को कालजयी अवधूत के समान कहा गया है।
(III) कालिदास की समानता आधुनिक काल के कवियों के साथ दिखाई गई है।
उपरिलिखित कथनों में से कौन-सा/कौन-से सही है/हैं?
(क) केवल I
(ख) केवल II
(ग) I और II
(घ) I और III