Topics
परिमेय संख्याएँ
- परिमेय संख्याएँ
- परिमेय संख्याओं के गुणधर्म
- परिमेय संख्याओं का संवृत गुणधर्म
- परिमेय संख्याओं का क्रमविनिमेयता गुणधर्म
- परिमेय संख्याओं का साहचर्यता (सहचारिता) गुणधर्म
- परिमेय संख्याओं के लिए गुणन की योग पर वितरकता
- परिमेय संख्याओं का योज्य तत्समक तथा गुणात्मक तत्समक गुणधर्म
- परिमेय संख्याओं का ऋणात्मक अथवा योज्य प्रतिलोम
- परिमेय संख्याओं का व्युत्क्रम अथवा गुणात्मक प्रतिलोम
- परिमेय संख्याओं का संख्या रेखा पर निरूपण
- दो परिमेय संख्याओं के बीच में परिमेय संख्याएँ
एक चर वाले रैखिक समीकरण
- एक चर की अवधारणा
- चरों वाले व्यंजक
- समीकरण
- एक समीकरण को संतुलित करना
- समीकरण का हल
- एक चर वाले रैखिक समीकरण
- समीकरणों को हल करना, जिनके एक पक्ष में रैकि व्यंजक तथा दूसरे में केवल संख्या हो
- कुछ अनुप्रयोग जो समीकरणों को हल करते हैं, जिनके एक पक्ष में रैकि व्यंजक तथा दूसरे में केवल संख्याएं होती हैं
- समीकरण हल करना जब दोनों ही पक्षों में चर उपस्थित हो
- कुछ और उदाहरण जो समीकरण हल करते हैं, जब दोनों ही पक्षों में चर उपस्थित हो
- समीकरणों को सरल रूप में बदलना
- रैखिक रूप में बदल जाने वाले समीकरण
चतुर्भुजों को समझना
- वक्र
- विभिन्न प्रकार के वक्र - बंद वक्र, खुला वक्र, सरल वक्र
- बहुभुज - भुजाएँ, शीर्ष, आसन्न भुजाएँ, आसन्न शीर्ष, विकर्ण
- बहुभुजों का वर्गीकरण
- चतुर्भुज का कोण-योग गुणधर्म
- बहुभुज के आंतरिक कोण
- एक बहुभुज के बाह्य कोण और उसके गुणधर्म
- चतुर्भुज - भुजाएँ, आसन्न भुजाएँ, सम्मुख भुजाएँ, सम्मुख कोण, आसन्न कोण और विपरीत कोण
- चतुर्भुज के प्रकार
- समलंब के गुणधर्म
- पतंग के गुण
- समांतर चतुर्भुज के गुणधर्म
- समांतर चतुर्भुज के गुणधर्म
- समचतुर्भुज के गुणधर्म
- आयत के गुणधर्म
- वर्ग के गुणधर्म
- गुणधर्म - समांतर चतुर्भुज की सम्मुख भुजाएँ सर्वांगसम होते हैं ।
- गुणधर्म - समांतर चतुर्भुज के सम्मुख कोण सर्वांगसम होते हैं।
- गुणधर्म - समांतर चतुर्भुज के आसन्न कोण संपूरक होते हैं।
- गुणधर्म - समांतर चतुर्भुज के विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं। (अवश्य ही उनके प्रतिच्छेदी बिंदु पर।)
- गुणधर्म - एक समचतुर्भुज के विकर्ण परस्पर लंब समद्विभाजक होते हैं।
- गुणधर्म - आयत के विकर्ण बराबर लंबाई के होते हैं।
- गुणधर्म - वर्ग के विकर्ण एक दूसरे को समकोण पर समद्विभाजक करते हैं।
प्रायोगिक ज्यामिति
- प्रायोगिक ज्यामिति का परिचय
- एक चतुर्भुज की रचना जब चारों भुजाएँ और एक विकर्ण की लंबाई दी हो
- एक चतुर्भुज की रचना करना जब दो विकर्ण और तीन भुजाओं की लंबाइयाँ दी हों
- एक चतुर्भुज की रचना करना जब दो आसन्न भुजाएँ और तीन कोणों की माप दी हों
- एक चतुर्भुज की रचना करना जब तीन भुजाएँ और उनके बीच के दो कोणों की माप दी हो
- कुछ विशिष्ट स्थितियाँ
आँकड़ों का प्रबंधन
वर्ग और वर्गमूल
घन और घनमूल
राशियों की तुलना
- अनुपात
- प्रतिशत और प्रतिशतता
- प्रतिशत के रूप में वृद्धि या घटाएँ
- बट्टा
- प्रतिशत में अनुमान
- क्रय मूल्य, विक्रय मूल्य, कुल क्रय मूल्य, और लाभ-हानि, छूट, उपरि व्यय और जीएसटी की संकल्पना
- बिक्री कर, Value Added Tax (वैट) और माल और सेवा कर (Goods and Services Tax)
- मूलधन, ब्याज, राशि और साधारण ब्याज की संकल्पना
- चक्रवृद्धि ब्याज
- चक्रवृद्धि ब्याज के लिए सूत्र का निगमन करना
- दर का वार्षिक अथवा अर्धवार्षिक संयोजन
- चक्रवृद्धि ब्याज के सूत्र के अनुप्रयोग
बीजीय व्यंजक एवं सर्वसमिकाएँ
- बीजीय व्यंजक
- व्यंजक के पद, गुणनखंड और गुणांक
- बीजीय व्यंजकों के प्रकार - एकपदी, द्विपद, त्रिपद और बहुपद
- समान और असमान पद
- बीजीय व्यंजकों का योग
- बीजीय व्यंजकों का व्यवकलन
- बीजीय व्यंजकों का गुणन
- एकपदी को एकपदी से गुणा करना
- एकपदी को द्विपद से गुणा करना
- एकपदी को त्रिपद से गुणा करना
- द्विपद को द्विपद से गुणा करना
- द्विपद को त्रिपद से गुणा करना
- सर्वसमिका
- (a + b)2 = a2 + 2ab + b2 का विस्तार
- (a - b)2 = a2 - 2ab + b2 का विस्तार
- (a + b)(a - b) का विस्तार
- (x + a)(x + b) का विस्तार
ठोस आकारों का चित्रण
क्षेत्रमिति
घातांक और घात
सीधा और प्रतिलोम समानुपात
गुणनखंडन
- गुणनखंड और गुणज
- बीजीय व्यंजकों के गुणनखंडन
- सार्व गुणनखंडों को निकालकर गुणनखंडन
- पदों के पुनः समूहन द्वारा गुणनखंडन
- सर्वसमिकाओं के प्रयोग द्वारा गुणनखंडन
- (x + a)(x + b) के रूप के गुणनखंड
- बीजीय व्यंजकों का विभाजन
- एकपदी का एक अन्य एकपदी से विभाजित
- एक बहुपद का एक एकपदी से विभाजन
- बहुपद का बहुपद से विभाजन
- त्रुटि ज्ञात करना
आलेखों से परिचय
संख्याओं के साथ खेलना
If you would like to contribute notes or other learning material, please submit them using the button below.
Advertisement Remove all ads