Topics
हज़ार वर्षों के दौरान हुए परिवर्तनों की पड़ताल
हमारे अतीत 1 (इतिहास)
पर्यावरण
समानता
हमारा पर्यावरण (भूगोल)
हमारी पृथ्वी के अंदर
नए राजा और उनके राज्य
स्वास्थ्य में सरकार की भूमिका
सामाजिक एवं राजनीतिक जीवन 2 (नागरिक शास्त्र)
राज्य शासन कैसे काम करता है
हमारी बदलती पृथ्वी
दिल्ली के सुलतान
वायु
मुग़ल साम्राज्य
लड़के और लड़कियों के रूप में बड़ा होना
जल
औरतों ने बदली दुनिया
शासक और इमारतें
संचार माध्यमों को समझना
नगर, व्यापारी और शिल्पीजन
प्राकृतिक वनस्पति एवं वन्य जीवन
जनजातीयाँ, खानाबदोश और एक जगह बसे हुए समुदाय
हमारे आस-पास के बाज़ार
मानवीय पर्यावरण : बस्तियाँ, परिवहन एवं संचार
ईश्वर से अनुराग
बाज़ार में एक कमीज़
मानव-पर्यावरण अन्योन्यक्रिया : उष्णकटिबंधीय एवं उपोष्ण प्रदेश
क्षेत्रीय संस्कृतियों का निर्माण
रेगिस्तान में जीवन
समानता के लिए संघर्ष
अठारहवीं शताब्दी में नए राजनितिक गठन
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"निर्धन बालिकाएँ पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं, क्योंकि शिक्षा में उनकी रुचि नहीं है।"
दलित, आदिवासी और मुस्लिम वर्ग के बच्चों के स्कूल छोड़ देने के अनेक कारण हैं। देश के अनेक भागों में विशेषकर ग्रमीण और गरीब क्षेत्रों में नियमित रूप से पढ़ाने के लिए न उचित स्कूल हैं, न ही शिक्षक। यदि विद्यालय घर के पास न हो और लेन-ले जाने के लिए किसी साधन जैसे बस या वैन आदि की व्यवस्था न हो तो अभिभावक लड़कियों को स्कूल नहीं भेजना चाहते। कुछ परिवार अत्यंत निर्धन होते हैं और अपने सब बच्चों को पढ़ाने का खर्चा नहीं उठा पाते हैं। ऐसी स्थिति में लड़कों को प्राथमिकता मिल सकती है। बहुत-से बच्चे इसलिए भी स्कूल छोड़ देते हैं, क्योंकि उनके साथ उनके शिक्षक और सहपाठी भेदभाव करते हैं, जैसा कि ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ हुआ। |
स्पष्ट कीजिए कि यह कथन सही क्यों नहीं है ?
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