भारतीय इतिहास लेखन की यात्रा

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  • प्राचीन काल का इतिहास लेखन
  • मध्ययुगीन इतिहास लेखन
  • आधुनिक कालखंड का इतिहास लेखन और अंग्रेजों का इतिहास कालखंड
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दिए्‌ गए परिच्छेद को पढ़कर निम्नलिखित प्रश्‍नों के उत्तर लिखिए्‌:

सोहगौड़ा ताम्रपट: यह ताम्रपट सोहगौड़ा (जिला गोरखपुर, उत्तर प्रदेश) में पाया गया। माना जाता है कि यह ताम्रपट मौर्य कालखंड का होना चाहिए। ताम्रपट पर उकेरे गए लेख ब्राम्ही लिपि में हैं। लेख के प्रारंभ में जो चिह्न हैं; उनमें चबूतरायुक्त पेड़ तथा पर्वत (एक पर दूसरी; इस प्रकार तीन कमानें) ये चिह्न प्राचीन आहत सिक्कों पर भी पाए जाते हैं। चार खंभों पर खड़े दुमंजिला मकानों की भाँति दिखाई देने वाले चिह्न भंडारघरों के निदेशक होंगे; ऐसा अध्ययनकर्तांओं का मत है। इन भंडारघरों के अनाज का उपयोग सावधानीपूर्वक करें; इस प्रकार का आदेश इस लेख में अंकित है। ऐसा माना जाता है कि अकाल सदृश्य स्थिति का निवारण करने के लिए कौन-सी सावधानी बरतनी चाहिए। इस संदर्भ में यह आदेश दिया गया होगा।

  1. सोहगौड़ा ताम्रपट कहाँ मिला?
  2. ताम्रपट पर उकेरे गए लेख कौन-सी लिपि में है?
  3. सोहगौड़ा ताम्रपट इतिहास का साधन है। स्पष्ट कीजिए।
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