अपठित पद्यांश

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निम्नलिखित पदयांश के आधारित बहुविकल्‍पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-

सच हम नहीं, सच तुम नहीं, सच है महज़ संघर्ष ही।।
संघर्ष से हटकर जिए तो क्या जिए हम या कि तुम
जो नत हुआ, वह मृत हुआ, ज्यों वृंत से झरकर कुसुम
जो पंथ भूल रुका नहीं,
जो हार देख झुका नहीं,
जिसने मरण को भी लिया हो जीत, है जीवन वहीं।। सच हम नहीं...

ऐसा करो जिससे न प्राणों में कहीं जड़ता रहे।जो है जहाँ चुपचाप अपने आप से लड़ता रहे।
जो भी परिस्थितियाँ मिलें,
काँटे चुभें, कलियाँ खिलें,
टूटे नहीं इनसान, बस संदेश यौवन का यही।। सच हम नहीं...

अपने हृदय का सत्य अपने आप हमको खोजना।
अपने नयन का नीर अपने आप हमको पोंछना।
आकाश सुख देगा नहीं,
धरती पसीजी है कहीं!
हर एक राही को भटककर ही दिशा मिलती रही।। सच हम नहीं...
-जगदीश गुप्त

  1.  इस कविता के केंद्रीय भाव हेतु दिए गए कथनों को पढ़कर सबसे सही विकल्प चुनिए-
    कथन
    (i) प्रतिकूलता के विरुद्ध जूझते हुए बढ़ना ही जीवन की सच्चाई है।
    (ii) परिस्थितियों से समझौता करके जोखिमों से बचना ही उचित है।
    (iii) लक्ष्य-संधान हेतु मार्ग में भटक जाने का भय त्याग देना चाहिए।
    (iv) जीवन में 'अपने छाले, ख़ुद सहलाने' का दर्शन अपनाना चाहिए।
    विकल्प
    (क) कथन ii सही है।
    (ख) कथन i व iii सही हैं।
    (ग) कथन i, iii व iv सही हैं।
    (घ) कथन i, ii, iii व iv सही हैं।

  2. मरण अर्थात मृत्यु को जीतने का आशय है-
    (क) साधुता व साधना से अमरत्व प्राप्त करना।
    (ख) योगाध्यास व जिजीविषा से दीर्घायु हो जाना।
    (ग) अर्थ, बल व दृढ़ इच्छाशक्ति से जीवन को कष्टमुक्त करना।
    (घ) जीवन व जीवन के बाद भी आदर्श रूप में स्मरण किया जाना।

  3. 'आकाश सुख देगा नहीं, धरती पसीजी है कहीं...' का अर्थ है कि-
    (क) आकाश और धरती दोनों में संवेदनशीलता नहीं है।
    (ख) ईश्वर उदार है, अतः वही सुख देता है, वही पसीजता है।
    (ग) जुझारू बनकर स्वयं ही जीवन के दुख दूर किए जा सकते हैं।
    (घ) सामूहिक प्रयत्नों से ही संकट की स्थिति से निकला जा सकता है।

  4. अपने आप से लड़ने का अर्थ है-
    (क) अपनी अच्छाइयों व बुराइयों से भलीभाँति परिचित होना।
    (ख) किसी मुद्दे पर दिल और दिमाग़ का अलग-अलग सोचना।
    (ग) अपने किसी ग़लत निर्णय के लिए स्वयं को संतुष्ट कर लेना।
    (घ) अपनी दुर्बलताओं की अनदेखी न करके उन्हें दृढ़ता से दूर करना।

  5. युवावस्था हमें सिखाती है कि-
    कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए-
    कथन
    (i) स्वयं को चैतन्य, गतिशील, आत्मआलोचक व आशावादी बनाए रखें।
    (ii) सजग रहें; जीवन में कभी कठिन परिस्थितियाँ उत्पन्न ही न होने दें।
    (iii) सुख-दुख, उतार-चढ़ाव को भाग्यवादी बनकर स्वीकार करना सीखें।
    (iv) प्रतिकूल परिस्थितियों के आगे घुटने न टेकें; बल्कि दो-दो हाथ करें।
    विकल्प
    (क) कथन i व ii सही हैं।
    (ख) कथन i व iv सही हैं।
    (ग) कथन ii व iii सही हैं।
    (घ) कथन iii व iv सही हैं।

निम्नलिखित पदयांश के आधारित बहुविकल्‍पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए-

'फ़सल' किसान के कच्चे-अधपके
सपनों की लहलहाती आस है
यह उसके हृदय की गहराइयों में
अंकुरित एक विश्वास है
यह विश्वास है-
ढही हुई दीवार की चिनाई का
अट्ठारह पार कर चुकी बेटी की सगाई का
परचूनिए की उधारी चुकाने का
मन के सपनों को नए परिधान पहनाने का
इसी विश्वास की सलामती के लिए
वह मूँदता है आँखें
दिन में न जाने कितनी बार...
और दुआएँ प्रेषित करता है ऊपर तक
भरोसे और आशंका की रस्साकशी में
न जाने कितनी बार वह जागता है नींद से
और जगा देना चाहता है उस परमात्मा को भी 
जिसके बारे मैं सुनता आया है कि सभी कुछ उसके ही हाथ है...
और इसीलिए जब फ़सल सौंधियाती है
असल में, किसान के सपने सौंधियाते हैं
और फ़सल घर आ जाने पर, सपने पक जाते हैं...
-डॉ. विनोद 'प्रसून'

  1. फ़सल को किसानों के कच्चे-अधपके सपनों की लहलहाती आस कहने का कारण है - कथन पढ़कर सही विकल्प का चयन कीजिए -
    कथन
    (i) फ़सल देखकर बैंकों से सस्ते ब्याज पर ऋण सरलता से मिल जाना
    (ii) फ़सल से किसान के स्वप्नों की संबद्धता और भावात्मक लगाव होना
    (iii) फ़सल से जुड़े निराई, सिंचाई, कटाई, गहाई, भंडारण आदि के सपने देखना
    (iv) फ़सल से ही जीवन की ज़रूरी इच्छाओं के साकार होने की संभावना जुड़ी होना
    विकल्प
    (क) कथन i व ii सही हैं।
    (ख) कथन ii व iii सही हैं।
    (ग) कथन ii व iv सही हैं।
    (घ) कथन iii व iv सही हैं।

  2. किसान के हृदय की गहराइयों में अंकुरित हुए विश्वास की परिधि में आते हैं -
    (क) कुछ पाकर सामाजिक कार्य करने की इच्छाएँ
    (ख) अति आवश्यक कार्य एवं मन के भावात्मक सपने
    (ग) आधुनिक कृषि यंत्र आदि जुटा लेने की अभिलाषाएँ
    (घ) कठिन समय के लिए कुछ बचाकर रखने की योजनाएँ

  3. 'दुआएँ प्रेषित करता है ऊपर तक' का आशय है -
    (क) ईश्वर को प्रसन्न करने के लिए व्रत-उपवास रखना
    (ख) सामूहिक यज्ञ करके फ़सल की कुशलता की कामना करना
    (ग) फ़सल की कुशलता हेतु मन ही मन ईश्वर से प्रार्थना करना
    (घ) निवेदन को ग्राम्य विकास से जुड़े अधिकारियों तक पहुँचाना

  4. 'भरोसे और आशंका की रस्साकशी में' पंक्ति के आधार पर किसान की मनोदशा से जुड़ा सही विकल्प है -
    (क) ईश्वर पर अटूट विश्वास कि वे फ़सल को कोई हानि नहीं होने देंगे
    (ख) ईश्वर पर विश्वास, किंतु फ़सल की कुशलता को लेकर मन आशंकित रहना
    (ग) परिश्रम पर पूर्ण विश्वास, किंतु 'भाग्य में क्या लिखा है' इससे सदा आशंकित रहना
    (घ) स्वयं पर भरोसा करना, किंतु प्राकृतिक आपदाओं की आशंका से सदैव भयभीत बने रहना

  5. कथन (A) और कारण (R) को पढ़कर उपयुक्त विकल्प चुनिए-
    कथन (A) - किसान अपनी फ़सल के साथ भावात्मक रूप से जुड़ा होता है।
    कारण (R) - व्यवसाय और व्यवसायी के बीच ऐसे संबंध स्वाभाविक हैं।
    (क) कथन (A) गलत है, किंतु कारण (R) सही है।
    (ख) कथन (A) और कारण (R) दोनों ही गलत हैं।
    (ग) कथन (A) सही है और कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या है।
    (घ) कथन (A) सही है, किंतु कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या नहीं है।

निम्नलिखित पठित पद्यांश पर आधारित बहुविकल्पी प्रश्नों के सर्वाधिक उपयुक्त विकल्प चुनकर लिखिए- 

तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला
प्रेरणा साथ छोड़ती हुई उत्साह अस्त होता हुआ
आवाज़ से राख जैसा कुछ गिरता हुआ
तभी मुख्य गायक को ढाँढ़स बँधाता
कहीं से चला आता है संगतकार का स्वर
कभी-कभी वह यों ही दे देता है उसका साथ
यह बताने के लिए कि वह अकेला नहीं है
और यह कि फिर से गाया जा सकता है
गाया जा चुका राग
और उसकी आवाज़ में जो एक हिचक साफ़ सुनाई देती है
या अपने स्वर को ऊँचा न उठाने की जो कोशिश है
उसे विफलता नहीं
उसकी मनुष्यता समझा जाना चाहिए।

  1. 'तारसप्तक में जब बैठने लगता है उसका गला' इस पंक्ति में 'उसका' शब्द किसके लिए प्रयोग किया गया है?
    (क) संगतकार के लिए
    (ख) प्रधान गायक के लिए
    (ग) गाने के इच्छुक संगीत प्रेमियों के लिए
    (घ) वाद्ययंत्र बजाने वाले कलाकारों के लिए

  2. संगतकार का स्वर मुख्य गायक की सहायता कब करता है?
    (क) जब ऐसा करने के लिए उसका मन उससे कहता है
    (ख) जब गायन को प्रभावी बनाकर वह वाहवाही लूटना चाहता है
    (ग) गायक के द्वारा किसी पंक्ति विशेष को गाने का आग्रह किए जाने पर
    (घ) गायक का कंठ कमज़ोर होने तथा प्रेरणा व उत्साह में गिरावट आने पर

  3. 'संगतकार' किसका प्रतीक है?
    (क) संगीत को पागलपन की हद तक चाहने वाले जज़्बात का
    (ख) स्वर को साधने के लिए अनवरत की जाने वाली साधना का
    (ग) किसी की सफलता में निस्स्वार्थ सहयोग करने की भावना का
    (घ) मनोरंजन, माधुर्य, मनुष्यत्व, अपनत्व, प्रतिबद्धता व प्रेरणा का

  4. कभी-कभी संगतकार गायक का यूँही साथ क्यों देता है?
    (क) अपने आप को उसके समकक्ष प्रदर्शित करने के लिए
    (ख) उसे यह संदेश देने के लिए कि वह स्वयं को अकेला न समझे
    (ग) वह मुख्य गायक की कमज़ोरियों से पूरी तरह परिचित होता है
    (घ) उसे विश्वास होता है कि बीच-बीच में गाने से गाने की मधुरता बनी रहेगी

  5. संगतकार की 'मनुष्यता' किन कार्यों से प्रकट होती है?
    (क) प्रधान गायक की सेवा मैं सदैव श्रद्धापूर्वक जुटे रहने से
    (ख) गाने से पहले प्रत्येक कार्य को करने की पूर्व योजना बनाने से
    (ग) स्वयं को विशिष्ट न बनाकर प्रधान गायक की विशिष्टता बढ़ाने से
    (घ) कार्यक्रम से पहले एवं उसके उपरांत प्रधान गायक के चरण स्पर्श करने से
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